बुद्धिमत्ता

बुद्धिमत्ता क्या होती है?

किसी व्यक्ति की बुद्धिमत्ता के स्तर से तात्पर्य उसकी विभिन्न प्रकार की क्षमताओं जिसमें तार्किक विश्लेषण, नियोजन, समस्या समाधान और जीवन की कठिन से कठिन तथा जटिल परिस्थितियों का संतोषजनक तरीके से सामना करने की क्षमता शामिल है, की मात्रा से है। ‘बुद्धिमत्ता’ एक ऐसा विषय है जिसपर काफी शोध किया गया है और इस विषय पर विवाद भी बहुत हैं। यह तार्किक विश्लेषण, समझ, आत्म-ज्ञान, नियोजन, सृजनशीलता, आलोचनात्मक सोच और समस्या समाधान की क्षमता प्रदर्शित करती है। सामान्यतया बुद्धिमत्ता को किसी सूचना के सार और उसकी उपयोगिता  को समझकर उससे प्राप्त ज्ञान को जीवन की वास्तविक समस्याओं का समाधान हेतु प्रयोग करने की क्षमता के रूप में भी वर्णित किया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन की जमीनी समस्याओं का उचित समाधान न कर पाए तो उसे बुद्धिमान नहीं कहा जा सकता है।

बुद्धिमत्ता को व्यावहारिक, सृजनात्मक और विश्लेषणात्मक बुद्धिमत्ता में विभाजित किया जा सकता है। इसे मानसिक, सामाजिक, संवेदनात्मक या भावनात्मक, और आध्यात्मिक या नैतिक बुद्धिमत्ता में भी विभाजित किया जा सकता है। किसी भी संस्था का नेतृत्व करने वाले लोगों (उच्च प्रबंधन के सदस्यों) के लिए ऊँचें स्तर की  सामाजिक बुद्धिमत्ता की आवश्यकता होती है जिसका तात्पर्य विभिन्न सामाजिक परिस्थितियों की जटिलता एवं व्यक्तियों के बीच परस्पर संबंधों की समुचित समझ और किसी परिस्थिति विशेष में कैसा व्यवहार किया जाय की सम्यक समझ से है। दूसरी तरफ संवेदनात्मक या भावनात्मक बुद्धिमत्ता स्वयं एवं दूसरों की संवेदनाओं या भावनाओं को समझकर उचित व्यवहार करने और दूसरों के साथ मजबूत सम्बन्ध बना लेने और स्वयं एवं दूसरों की भावनाओं पर नजर रखकर परिस्थति के अनुसार अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रख पाने की क्षमता दर्शित करती है। आध्यात्मिक या नैतिक बुद्धिमत्ता व्यक्ति की बुद्धिमत्ता के मूल में होती है क्योकि यह उसे अपने दैनिक व्यवहार के गलत या सही या उचित या अनुचित या नैतिक या अनैतिक होने का मापदंड प्रदान करती है और एक दिशासूचक यंत्र की तरह कार्य करती है। जीवन में सफलता के लिए विभिन्न प्रकार की बुद्धिमत्ताओं में समुचित तालमेल का होना आवश्यक है।

यदि हम किसी व्यक्ति की विभिन्न प्रकार की बुद्धिमत्ता का आकंलन कर सकें तो मानसिक बुद्धिमत्ता, जो सामान्यतया आनुवंशिक होती है,  को छोड़कर अन्य प्रकार की बुद्धिमत्ता के विकास के लिए उचित रणनीति बना सकतें हैं और उसके व्यक्तित्व का समेकित विकास सुनिश्चित करके उसे इतना सक्षम बना सकतें हैं कि वह अपने जीवन में वाछित सफलता शांति और आनंद के साथ प्राप्त कर सकता हैं। ‘प्रयास‘ वैज्ञानिक विधियों द्वारा अपने उपभोक्ताओं के व्यक्तित्व की विसंगतियों को चिन्हित करके उनकी भावनात्मक एवं आध्यात्मिक या नैतिक बुद्धिमत्ता का नियोजित विकास में पूरे मनोयोग के लगा हुआ है।