हमारी मूल्य निर्धारण निति
हमारी मूल्य निर्धारण निति ‘कोई लाभ या कोई हानि नहीं’ तथा ‘अंतर-सहायता’ के दो सिद्धांतों पर निर्भर है। इसके अंतर्गत हमारे 30% उपभोक्ता मात्र अपनी भुगतान क्षमता के अनुसार सेवा शुक देकर अपने व्यक्तित्व का रेखांकन, परामर्श, विकास एवं व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्राप्त कर सकतें हैं।
इस सन्दर्भ में ‘कोई लाभ या कोई हानि नहीं’ के सिद्धांत के अंतर्गत हम मात्र 10 प्रतिशत का कर-पूर्व लाभ रखकर अपनी विभिन्न सेवाओं के शुल्क निर्धारित करतें हैं ताकि दैनिक व्यावसायिक निर्णय लेने या वास्तविक लागत के अनुमान में यदि कोई त्रुटि भी हो जाय या कोई सेवा शुल्क किसी कारण डूब जाय तो भी ‘प्रयास’ को शुद्ध हानि की स्थिति का सामना न करना पड़े। यह इसलिए आवश्यक समझा गया है ताकि समाज के लिए अन्यंत उपयोगी यह व्यक्तित्व रेखांकन एवं विकास का कार्य बिना वित्तीय बाधा के अनवरत चलता रहे। दूसरे शब्दों में हम अपनी सेवा की लागत का अनुमान करते समय अपने सभी खर्च जिसमें प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष खर्च (अधिभार) शामिल हैं, को जोड़तें तो हैं परन्तु अंतिम मूल्य निर्धारण करते समय आज के बाजार के अनुसार उसमें वाणिज्यिक लाभ नहीं जोड़तें हैं।
‘अंतर-सहायता’ का सिद्धांत हिन्दुस्तान में मौजूद भयकर आर्थिक विषमता को ध्यान में रखकर अपनाया गया है ताकि हम अपने अमीर उपभोक्ताओं से सम्बंधित सेवा पर आने वाली वास्तविक लागत से थोडा सा ज्यादा लेकर अपने गरीब उपभोक्ताओं से मात्र उनकी भुगतान क्षमता के अनुसार ही सेवा शुल्क लेकर उनके परिवार के बच्चों और वयस्कों को भी व्यक्तित्व परीक्षण, रेखांकन, परामर्श एवं व्यक्तिगत मार्गदर्शन के सम्बंधित अपनी सारी सेवाएं प्रदान कर सकें ताकि अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण वें हमारी सेवाओं से बंचित न रह जाएँ। हम 30% मामलों में अपना सेवा शुल्क उपभोक्ता की भुगतान क्षमता को ध्यान में रखकर निर्धारित करतें हैं।
जहाँ तक आर्थिक विषमता का प्रश्न है, वर्ष 2016 में क्रय शक्ति समानता से आधार पर हिन्दुस्तान के प्रति व्यक्ति आय मात्र 5350 अमेरिकी डॉलर थी और विश्व बैंक द्वारा हिंदुस्तान को 106 वें स्थान पर रखा गया था। देश के मात्र 1% धनी लोगों के पास कुल राष्ट्रीय आय का 58% था तथा मात्र 10% धनी लोगों के पास 80.7 % धन था। इसके विपरीत नीचे के 10% लोगों के पास मात्र 0.2% संपत्ति थी और नीचे के 80% लोगों के पास मात्र 5.7% संपत्ति थी। अतः यहा मामला 95 और 5 का है। वर्तमान पूंजीवादी बाजारी व्यवस्था में यह विषमता और बढ़ती ही जा रही है यानी अमीर लोग गरीबों की तुलना में और अधिक गति से अमीर हो रहें हैं। अतः दिन प्रति दिन आर्थिक विषमता बढ़ती ही जा रही है।
व्यक्तित्व सम्बन्धी कमजोरियाँ, जो हमारी अधिकाँश व्यक्तिगत समस्याओं की कारक हैं गरीब और अमीर दोनों में बिना किसी भेदभाव के, बड़ी तेजी से बढ़ रही हैं। चूँकि अमीर अपने धन के कारण वांछित सक्षमता प्राप्त कर लेतें हैं परन्तु गरीब लोग अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण व्यक्तित्व परीक्षण, रेखांकन, परामर्श एवं विकास सेवाओं का वास्तविक लागत आधारित सेवा शुल्क का भुगतान करने में सक्षम नहीं हैं। अतः गरीब लोगों को सस्ते दर पर व्यक्तित्व परीक्षण, रेखांकन, परामर्श और विकास संबंधी सेवाओं प्रदान करने की ज्यादा जरुरत है। अतः उनके मामलों में वास्तविक लागत आधारित सेवा शुल्क के एक अंश की पूर्ति अमीरों द्वारा वास्तविक लागत आधारित सेवा शुल्क से कुछ ज्यादा राशि लेकर और गरीबों को उतनी ही छूट देकर की जा सकती है। इसी को ‘अन्तर-सहायता’ का सिद्धांत कहतें हैं। दूसरे शब्दों में हमारे सेवाओं के 30% उपभोक्ताओं द्वारा सेवा शुल्क का भुगतान तो अपनी आर्थिक क्षमता के अनुसार किया जाता है परन्तु सेवा अपनी आवश्यकतानुसार प्राप्त की जाती है।
हम यहाँ पर यह स्पष्ट करना चाहेगें कि हम निशुल्क सेवा नहीं प्रदान करतें हैं क्योकि ऐसी सेवा का महत्त्व सम्बंधित लाभार्थी नहीं समझ पाता है। अतः हम आर्थिक रूप से कमजोर उपभोक्ता की वास्तविक भुगतान क्षमता को ध्यान में रखकर उसे अपनी सेवाएं उचित छूट के साथ प्रदान करतें हैं।
वर्तमान में हमारी विभिन्न सेवाओं का अधिकतम मूल्य निम्न है जिसे समय समय पर परिवर्तित किया जा सकता है।
क्रम संख्या |
सेवा का विवरण |
वर्तमान शुल्क (रूपये में) |
1 |
व्यक्तित्व रेखांकन एवं परामर्श सेवा |
750 (सात सौ पचास) |
2 |
अल्प-कालिक व्यक्तित्व जागरूकता वेबिनार |
निशुल्क |
3 |
प्रयास फाउंडेशन कोर्स (प्रति प्रतिभागी) |
5000 (पाच हजार) |
4 |
व्यक्तिगत मार्गदर्शन सेवा |
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अ |
प्रयास फाउंडेशन कोर्स के प्रतिभागियों के लिए |
सामान्य केस के लिए मात्र 1000 (एक हजार मात्र) रूपये प्रति वर्ष। आर्थिक रूप से कमजोर प्रतिभागिoयों के लिए मात्र 500 (पांच सौ) रुपये प्रति वर्ष |
ब |
अन्य उपभोक्ताओं के लिए |
परस्पर विचार-विमर्श से निर्धारित |
9 |
विभिन्न प्रकाशन |
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अ |
HAPPINESS UNLIMITED (PER COPY) for (For adults) |
30 (तीस) |
ब |
जीवन का आनंद (वयस्कों के लिए) |
30 (तीस) |
स |
How to be successful? ( For Students) |
20 (बीस) |
द |
सफलता कैसे प्राप्त करें ? ( विद्यार्थियों हेतु) |
20 (बीस) |
य |
Art of Tendering and Contracting for Public Officials |
500 (पांच सौ) |
र |
लोक सेवक अनुशासन प्रबंधन कला |
500 (पांच सौ) |
किसी उपभोक्ता विशेष की वास्तविक भुगतान क्षमता को ध्यान में रखकर उसे उक्त शुल्क में उचित छूट प्रदान करतें हैं। उपभोक्ता की वास्तविक भुगतान क्षमता जानने के लिए हम उसके साथ विस्तृत चर्चा करतें हैं। हम उपरोक्त शुल्क, जो वर्तमान में प्रचलित वाणिज्यिक शुल्क दर से पहले ही काफी कम हैं, में उपभोक्ता की भुगतान क्षमता के अनुसार उचित छूट मात्र इसलिए प्रदान कर पातें हैं क्योकि अपने वर्तमान कार्यों को करने के बाद भी अतिरिक्त समय रखने वाले दयालु प्रवृति तथा सामाजिक सेवा करने के इच्छुक व्यक्ति ‘समय-दान’ की अवधारणा के अनुसार नाम-मात्र की आय के एवज में अपने isइस अतिरिक्त समय का दान हमें करके हमारी विभिन्न सेवाओं का संचालन एवं प्रबंधन करतें हैं और isइस कोटि के विशेषज्ञ व्यक्ति व्यक्तिगत मार्गदर्शन सेवा भी प्रदान करतें हैं। अतः हमारे भावी उपभोक्ताओं को अपने भुगतान क्षमता के बारे में चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं हैं। उन्हें मात्र अपनी आवश्यकता पर ध्यान देना चाहिए परन्तु उन्हें अपनी आर्थिक स्थिति की सही जानकारी ‘प्रयास’ को अवश्य देनी चाहिए।