एफएक्यू /11
अपनी व्यक्तिगत प्रभावशीलता बढ़ाने हेतु व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्राप्त करने के इच्छुक विभिन्न कोटि के उपभोक्ता जिसमें लघु एवं अति-लघु औद्योगिक, वाणिज्यिक एवं गैर-वाणिज्यिक सस्थाओं के उद्यमी, मालिक भी शामिल हैं, द्वारा प्रायः पूंछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न संख्या 1: किसी भी व्यक्ति को व्यक्तिगत मार्गदर्शक की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
उत्तर: जब किसी व्यक्ति को ऐसा प्रतीत होता है कि अपने वर्तमान कार्य को सफलता पूर्वक सपन्न कर पाने के लिए आवश्यक कला-कौशल या ज्ञान उसके पास नहीं है तब वह ऐसे व्यक्ति की तलाश करता है जो उपयुक्त कला-कौशल से पूरी तरह सपन्न है और उसे भी संपन्न कर सकता है। ऐसे व्यक्ति को व्यक्तिगत मार्गदर्शक कहते हैं।
प्रश्न संख्या 2: किसी अध्यापक तथा मार्गदर्शक के कार्य में क्या मौलिक अंतर होता है?
उत्तर: एक अध्यापक किसी विषय विशेष को पूर्व-निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार पढ़ाता है और यह कार्य में प्रायः एक तरफ़ा परन्तु सुनियोजित एवं क्लास-रूम परिवेश में एक औपचारिक संबाद होता है। जबकि मार्गदर्शक एक अनौपचारिक मित्र एवं मार्गदर्शक एवं दार्शनिक होता है जो मार्गदर्शन प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्ति को आवश्यक कला-कौशल व्यावहारिक तरीके से सीखाता है और उसे स्वाध्याय के माध्यम से भी आवश्यक ज्ञान प्राप्त करने के लिए भी उत्प्रेरित करता है। अध्यापन निश्चित अवधि आधारित होता है जबकि मार्गदर्शन आवश्यकतानुसार समय समय पर प्रदान किया जाता है तथा समय एवं माध्यम का निर्धारण मार्गदर्शक एवं मार्गदर्शन प्राप्तकर्ता आपसी सहमति से करते हैं।
प्रश्न संख्या 3: व्यक्तिगत मार्गदर्शन या प्रशिक्षण या प्रबंधन परामर्श सेवा प्राप्त करने में क्या मौलिक अंतर होता है?
उत्तर: व्यक्तिगत मार्गदर्शन एवं अन्य सेवाओं में निम्न मौलिक अंतर होता है।
- प्रशिक्षण तथा अन्य सेवायें तो एक पूर्व निश्चित कार्यक्रम के अनुसार प्रदान की जातीं हैं और उसी के अनुसार व्यक्ति को स्वयं को उपलब्ध कराना पड़ता है परन्तु व्यक्तिगत मार्गदर्शन मार्गदर्शक एवं मार्गदर्शन प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्ति की परस्पर सहमति से निश्चित कार्यक्रम एवं विधि के अनुसार एक अनौपचारिक परिवेश में दिया जाता है और यह प्रक्रिया आदान-प्रदान की होती है। यह चर्चा टेलीफोन, व्हाटएप के माध्यम से विडियो चैटिंग या अन्य माध्यमों से कहीं से भी की जा सकती है। इस कारण व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रक्रिया दोनों पक्षो के लिए अत्यंत लचीली एवं किफायती होती है। व्यक्तिगत मार्गदर्शन सेवा एवं अन्य सेवाओं में निम्न अंतर होता है।
- प्रबंधन परामर्श सेवा किसी ईकाई विशेष के वर्तमान प्रबंध व्यवस्था, संसाधनों जिसमें उसका मानव संसाधन भी शामिल है तथा इसके व्यावसायिक परिवेश के सन्दर्भ में इस ईकाई के कार्य निष्पादन की गुणवत्ता एवं वित्तीय स्थिति में सुधार के उद्देश्य से दी जाती है जबकि मार्गदर्शन सेवा किसी व्यक्ति विशेष की व्यक्तिगत प्रभावशीलता बढ़ाने के उद्देश्य से दी जाती है जिसके कारण उसकी सस्था को लाBHभ हो सकता है।
- प्रशिक्षण या प्रबंधन परामर्श सेवा प्रदान करने में दोनों तरफ कई व्यक्ति एक साथ शामिल हो सकते हैं जबकि व्यक्तिगत मार्गदर्शन में मात्र दो व्यक्ति यानि इसे देने वाला और इसे प्राप्त करने वाला शामिल होते हैं।
- व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रक्रिया अन्य सेवाओं की तुलना में ज्यादा लचीली होती है।
- व्यक्तिगत मार्गदर्शन अति-उत्तम गुणवत्ता के सेवा प्राप्त करने की सबसे किफायती तरीका है।
- इसमें व्यक्तिगत लगाव सबसे ज्यादा होता है।
प्रश्न संख्या. 4: व्यक्तिगत मार्गदर्शन से प्राप्तकर्ता को क्या लाभ प्राप्त होतें हैं?
उत्तर: व्यक्तिगत मार्गदर्शन से प्राप्तकर्ता को निम्न लाभ प्राप्त होतें हैं?
- यह अनौपचारिक परिवेश में एक अनुभवी व्यक्ति से व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करके अपनी व्यक्तिगत प्रभावशीलता बढ़ाने का सबसे किफायती तरीका है।
- यह समय प्रबंधन की दृष्टि से सबसे लचीला विकल्प है।
- यह दीर्घकालिक सीख प्राप्त करने एक अच्छा माध्यम है।
- इसके लिए आन लाइन या डिजिटल माध्यम भी काफी प्रभावी सिद्ध होतें हैं। इस समय विडियो कांफ्रेंस दूरस्थ मार्गदर्शन के लिए काफी प्रसिद्द हो रही है।.
प्रश्न संख्या 5: मार्गदर्शक को इससे क्या लाभ होता है?
उत्तर: मार्गदर्शक को इससे निम्न लाभ होते हैं।
व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रक्रिया सम्बंधित मार्गदर्शक के लिए निम्न प्रकार लाभदायक होती है।
- यदि उसके पास संबंधित व्यक्ति से व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए आवश्यक समय नहीं हो तो भी वह उससे दूरभाष, मोबाइल, विडियो आदि के माध्यम से आमने सामने बातचीत करके उसे आवश्यक सलाह दे सकता है। इससे उसका समय बचता है।
- उसका सम्बंधित व्यक्ति से व्यक्तिगत तालमेल बन जाता है और वह उससे खुलकर अपनी कमजोरियों के बारे में बता सकता है।
- वह परस्पर विचार विमर्श से मार्गदर्शन सत्र आमने सामने या डिजिटल माध्यम से कर सकता है।
- वह भी इस प्रक्रिया में बहुत कुछ सीखता है।
प्रश्न संख्या 6: ‘कोई लाभ नही कोई हानि नहीं’ तथा ‘अंतर-सहायता’ के दो सिद्धांतों का उपयोग करके नाम-मात्र शुल्क लेकर व्यक्तिगत परामर्श प्रदान करने के पीछे ‘प्रयास’ की क्या सोच है?
उत्तर : आप को इस बात मालूम होगी kiकि हमारे देश की सबसे गंभीर समस्याऐं उच्च स्तर की बेरोजगारी, अधिकांश कामगारों को उनके अपने स्वयम एवं उनपर निर्भर उनके परिवार के सदस्यों जीवन को उचित ढंग के यापन करने के लिए अपर्याप्त वेतन एवं मजदूरी और इसके फलस्वरूप पैदा हो रही भयंकर आर्थिक विषमता है। यह स्थिति उन्हें कष्ट देने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के अपराधों को भी जन्म देती है। किसी भी कामगार के लिए शहरों में इतनी कम मासिक आय में स्वयं अपना एवं अपने परिवार के सदस्यों का गरिमामय जीवन निर्वाह काफी कठिन होता है। अतः वर्तमान में ऐसे गरीब कामगार आवश्यक नागरिक सुविधायों से विहीन और गंदगी के भरे झोपड़-पट्टी वाले इलाकों में सारी ढेर सारी समस्याओं के साथ नारकीय जीवन व्यतीत करने के लिए अभिशप्त हैं।
परतु यदि इतनी कम मजदूरी या वेतन उन्हें अपने मूल गाँव या कस्बे से इतनी दूरी, जिसे वें साइकिल या पैदल तय कर सके, पर स्थित वाणिज्यिक या अन्य इकाई द्वारा मिल सके तो वें अपना एवं अपने परिवार का भरण-पोषण आसानी के कर सकतें हैं और शहर की तुलना में उनकी जीवन-शैली काफी स्वस्थ एवं गरिमामय हो सकती है। अतः ग्रामीण अंचलों में भारी संख्या में वित्तीय दृष्टि से स्वस्थ लघु एवं अति-लघु औद्योगिक एवं वाणिज्यिक इकाईयों के संकुल विकसित करने की आवश्यकता है ताकि स्थानीय शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों से निकलने वाले युवकों को अपने घरों के आस-पास रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकें। परन्तु इसके लिए बड़े उद्योगों एवं उनपर निर्भर लघु एवं अति-लघु उद्योगों की वर्तमान व्यवस्था में परिवर्तन की आवश्यकता होगी।
इसके लिए यह भी आवश्यक है कि लोगो के व्यक्तित्व का परीक्षण एवं रेखांकन करके उद्यमिता के गुणों वाले व्यक्तियों को चिंहित करके भी संख्या में उद्यमी पैदा किये जाय और साथ में इन ईकाईयों को संचालित रहें उद्यमियों एवं व्यवसायियों के व्यक्तिगत प्रबंधन क्षमता एवं प्रभावशीलता में उनकी वर्तमान आर्थिक स्थिति के निरपेक्ष सुधार भी किया जाय। अतः एक सामाजिक पहल के रूप में ‘प्रयास’ ने ‘कोई लाभ नहीं कोई हानि नही’ एवं ‘अंतर-सहायता’ के दो सिद्धांतों पर कार्य करते हुयें नाम-मात्र के शुल्क पर ग्रामीण लघु एवं अति-लघु वाणिज्यिक एवं औद्योगिक इकाईओं के संचालकों को भी नाम-मात्र के शुल्क पर व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रदान करता है ताकि पिछड़े क्षेत्रों का भी संतुलित विकास हो सके और इन क्षेत्रों के निवासियों के जीवन स्तर बेहतर हो सके।
प्रश्न संख्या 7: कौन व्यक्तिगत मार्गदर्शन सेवा प्राप्त कर सकता है?
उत्तर: कोई भी व्यक्ति जो किसी भी नौकरी या पेशे में हो या किसी लघु या अति-लघु औद्योगिक या वाणिज्यिक या सामाजिक संस्था का मालिक है या ऐसी ईकाई स्थापित करना चाहता है या अन्य कोई कार्य कर रहा है, हमारी व्यक्तिगत परामर्श सेवा का लाभ उठा सकता है।
प्रश्न संख्या.8: भावी या वर्तमान उद्यमियों को व्यक्तिगत मार्गदर्शन सेवा प्रदान करने की प्रक्रिया क्या है?
उत्तर: भावी या वर्तमान उद्यमियों को व्यक्तिगत मार्गदर्शन सेवा प्रदान करने हेतु ‘प्रयास’ के पास विशेषज्ञ पंजीकृत हैं। ये समूह इस ईकाईयों को प्रबंधन परामर्श सेवा प्रदान करने के साथ-साथ उद्यमिता विकास का कार्य भी करतें हैं। व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रदान करने की क्षमता वाले सेवा निवृत व्यक्ति जो मामूली आय के एवज में अपने अतिरिक्त समय का दान ‘प्रयास’ को करने के लिए इच्छुक है, इस सेवा को देतें हैं। व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए ‘प्रयास’ से सम्पर्क करने वाले व्यक्ति की आवश्यकता को ध्यान में रखकर इस समूह के एक सदस्य को उसके मार्गदर्शक के रूप में नामित कर दिया जाता हैं। वर्तमान उद्यमी के मामले में विशेषज्ञ उसकी ईकाई की वर्तमान उत्पादन प्रक्रिया, उनके उत्पादों या सेवाओं की गुणवत्ता, विभिन्न कार्य पद्धतियों, लागत-संरचना, लागत नियंत्रण प्रणाली, वित्तपोषण का वर्तमान तरीका, मूल्य निर्धारण प्रक्रिया, विपणन एवं व्यवसाय विकास प्रणाली, कार्मिक एवं सामान्य प्रबंधन नीतियों एवं प्रक्रियाओं उससे विस्तृत चर्चा करके ईकाई की वर्तमान प्रबंधन प्रक्रिया की कमियों और इस सन्दर्भ में उद्यमी की व्यक्तिगत कमजोरियों के बारे में अपनी समझ को बढ़ाता है और इस कमजोरियों को दूर करने के लिए आवश्यक सुझाव उसको देता है। सारी प्रक्रिया कागजविहीन है ताकि मार्गदर्शन का शुल्क न्यूनतम हो। सेवा शुल्क निश्चित करते समय हम मात्र यह सुनीश्चित करतें हैं कि हमारे सभी वास्तविक खर्चों की प्रतिपूर्ति हो जाय और कम्पनी के प्रबंधन प्रभार की पूर्ति के लिए कुछ राशि बच जाय।
प्रश्न संख्या 09: व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रक्रिया कैसे संपन्न की जाती है?
उत्तर: सम्बंधित विशेषज्ञ से चर्चा करने के पूर्व समय सिद्ध मनोवैज्ञानिक उपकरणो की सहायता से सम्बंधित उद्यमी के वर्तमान व्यक्तित्व का परीक्षण एवं रेखांकन करके किसी भी उद्यम में सफलता के लिए आवश्यक गुणों के सन्दर्भ में उसके व्यक्तित्व की कमियों का पता लगाया जाता है। उसकी व्यक्तित्व रपट सम्बंधित विशेषज्ञ को उपलब्ध कराई जाती है और वह उस व्यक्ति के साथ कई सत्रों में विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माद्यम से उसके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलूओं पर विमुक्त ढंग के चर्चा करता है और उसे आवश्यक स्वावध्याय के लिए उत्प्रेरित करता है और बीच बीच में उसकी प्रगति की समीक्षा करता रहता है। यह प्रक्रिया विचार मंथन के माध्यम से इस प्रकार संपन्न की जाती है कि प्राप्तकर्ता व्यक्ति को अपनी कमियों का ज्ञान स्वयं हो जाय। इसमें प्रक्रिया में मात्र दो ही व्यक्ति यानि मार्गदर्शक और इसे प्राप्त करने वाला व्यक्ति शामिल होते हैं।
प्रश्न संख्या 10: व्यक्तिगत मार्गदर्शक सेवा का शुल्क कैसे निर्धारित किया जाता है?
उत्तर: जैसा की ऊपर बताया गया है कि हमारा व्यक्तिगत मार्गदर्शन शुल्क नाम-मात्र होता है जिसे उद्यमी की भुगतान क्षमता को ध्यान में रखकर आपसी विचार-विमर्श से ‘कोई लाभ नहीं कोई हानि नहीं’ और ‘अंतर-सहायता’ के सिद्धांतों को ध्यान में रखकर निश्चित कर लिया जाता है। ये इकाईयां हमारी नियमित परामर्श सेवा का भी लाभ उठा सकती हैं जिसके लिए एक निश्चित मासिक शुल्क जिसे परस्पर विचार-विमर्श से निश्चित किया जा सकता है के साथ SATसाथ सभी वास्तविक खर्चों की प्रतिपूर्ति भी करनी पड़ेगी।
प्रश्न संख्या 13: मैं यह कैसे निश्चित कर सकता हूँ कि मुझे ‘प्रयास’ की सहायता लेनी चाहिये या नहीं?
उत्तर: यदि आप के उद्योग क्षेत्र की अन्य ईकाईयों की तुलना में आप की अपनी ईकाई का वित्तीय परिणाम अच्छा नहीं है और आप इसमें दीर्घकालिक सुधार तो करना चाहते हैं परन्तु स्वयं को इसके लिए सक्षम नहीं समझते है तो आप सभी विवरण के साथ हमसे संपर्क कर सकतें हैं। यदि नकदी की समस्या बार बार पैदा हो रही है और बैंक से कार्यशील पूंजी के लिए ऋण लेने के बाद भी आप के लिए अपने दैनिक व्यावसायिक खर्चों को पूरा करने में दिक्कत हो रही है तो यह स्थिति भयंकर समस्या का द्योतक है जिसका त्वरित निदान होना चहिये। आप के लिए उचित होगा कि पहले हमसे दूरभाष पर विस्तृत चर्चा करें और फिर हमारी सलाह के अनुसार आवश्यक विवरण एकत्र करने हमसे मिलें। उसके बाद आपसी विचार-विमर्श के भविष्य की योजना बनाकर उसके अनुसार कार्य किया जाएगा।
प्रश्न संख्या 14: मेरी वित्तीय स्थिति काफी खराब है और मैं किसी तरह अपना व्यावसाय चला रहा हूँ अतः मैं ‘प्रयास’ की इस सेवा का शुल्क कैसे दे पाउगा?
उत्तर: कृपया ध्यान दें कि ‘प्रयास’ ‘कोई लाभ नहीं कोई हानि नहीं’ और ‘अंतर-सहायता’ के दो सिद्धांतों के अनुसार एक सामाजिक सेवा के रूप में व्यक्तिगत परामर्श प्रदान कर रहा है। अतः आप को अपनी वर्तमान आर्थिक स्थिति या भुगतान क्षमता को लेकर चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। भुगतान क्षमता का निर्णय आप के साथ विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग करके ’प्रयास’ करता है और आप की आर्थिक स्थिति एवं भुगतान क्षमता के अनुसार सेवा शुल्क एवं उसके भुगतान की प्रक्रिया तय कर देगें।
प्रश्न संख्या 15: इस सेवा के लिए हमारे द्वारा ‘प्रयास’ को दी गई सूचनाओं की गोपनीयता कैसे सुनिश्चित की जायेगी ताकि हमारे प्रतिद्वंदी उसका अनुचित लाभ उठाकर हमें हानि न पहुंचा सकें?
उत्तर: ‘प्रयास’ आपसी सहमति पत्र के माध्यम से यह शपथ लेता है कि इस सेवा को प्रभावी ढंग से आप को उपलब्ध कराने हेतु अति आवश्यक सूचना आदि को पूर्णतया गोपनीय रखा जाएगा। यह शर्त संयुक्त सहमति पत्र की एक महत्वपूर्ण शर्त है। इस आशय की शपथ हम अपने कर्मचारियों एवं गतिविधि भागीदारों से भी लेतें हैं। अतः इसको लेकर आप को कोई भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
प्रश्न संख्या 16: क्या मैं ‘प्रयास’ के कार्यालय में आकर मिल सकता हूँ?
उत्तर: वर्तमान में हमारे दो कार्यालय हैं । पंजीकृत कार्यालय एच -19, चतुर्थ चरण, राप्ती नगर (लीटिल फ्लावर स्कूल के पास ) राप्तीनगर गोरखपुर 273013 (संपर्क 7080210612 तथा 7080210614) में और मुख्यालय 513 फेलिक्स स्क्वायर सुशांत गोल्फ सिटी लखनऊ 226030 (संपर्क 8127569995 तथा 7080210615) में है। आप उक्त मोबाइल नंबर पर बात करके अपने मिलने का समय निर्धारित कराकर मिल सकते हैं और अपनी सभी शंकाओं का समाधान कर सकतें हैं।