एफएक्यू /09

अपने विद्यार्थियों के लिए ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ का संचालन करने एवं ‘प्रयास’ को उसकी गतिविधियों के प्रचार प्रसार में सहायता प्रदान करने के इच्छुक विभिन्न स्कूलों तथा अन्य शैक्षणिक संस्थानों के मालिकों, प्रधानाचार्यों एवं निदेशकों द्वारा प्रायः पूंछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न संख्या 1: प्रयास’ की कौन कार्यक्रम सबसे महत्वपूर्ण है?

उत्तर: ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ जिसमे व्यक्तित्व रेखांकन एवं व्यक्तित्व का नियोजित विकास शामिल है, ‘प्रयास’ द्वारा संचालित सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। यह एक समेकित व्यक्तित्व चिन्हीकरण एवं विकास कार्यक्रम है जो प्रतिभागियों की आचार-विचार में मौलिक एवं सकारात्मक परिवर्तन लाता है। किसी भी व्यक्ति के आचार-विचार में परिवर्तन लाना अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य है जिसमें यह कार्यक्रम सहायक सिद्ध होता है। अतः यह सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। 

प्रश्न संख्या 02:  ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ का उद्देश्य क्या है?

उत्तर: इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्व-उत्प्रेरित, स्व-संचालित एवं स्व-नियंत्रित व्यक्तित्व का विकास करके प्रतिभागियों को अपने जीवन में समय-समय पर आने वाली चुनौतियों का प्रसन्नता एवं शांति के साथ सफलतापूर्वक सामना करने में सक्षम बनाना है।

प्रश्न संख्या 3: ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में प्रवेश के लिए प्रतिभागी की न्यूनतम आयु क्या होनी चाहिए?

उत्तर: ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में प्रवेश के लिए प्रतिभागी की न्यूनतम आयु 13 वर्ष होनी चाहिए?.

प्रश्न संख्या 4: आठवी या उसके नीचे की कक्षा के विद्यार्थी या 13 वर्ष से कम के बच्चे का व्यक्तित्व निर्धारण क्यों नहीं किया जाता या उसे ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में शामिल क्यो नही किया जाता?

उत्तर : हमें यह बात समझने की आवश्यकता है kiकि बच्चे के व्यक्तित्व के क्रमशः निर्माण का आरम्भ जीवन के शुरू के वर्षों में हो जाता  है और उसके विकास की यह प्रक्रिया जीवन पर्यंत चलती रहती है। अतः व्यक्तित्व में बदलाव की प्रक्रिता सतत चलती रहती है। प्रसिद्द फ्रेंच मनोवैज्ञानिक  ‘पाइगेट’ के व्यक्तित्व विकास के सिद्धांत के अनुसार बच्चें के व्यक्तित्व के विकास के चार आरंभिक चरण होतें हैं जो उसकी आयु से सम्बन्ध रखते हैं। वें सेंसोरिमोटर (2 वर्ष तक), preक्रियात्मक-पूर्व (2 से 7 वर्ष तक), निश्चित क्रियात्मक (7 से 11 वर्ष तक) तथा औपचारिक क्रियात्मक (11 वर्ष से 15) हैं।   अतः 15 वर्ष तक बच्चे का व्यक्तित्व पूरी तरह  स्थिर हो जाता है और ठोस स्वरुप धारण कर लेता है। चूँकि 15 वर्ष का बच्चा हाई स्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाला होता है और यह परीक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है इसमें अच्छा करने के लिए आवशयक है कि इस परीक्षा के कम से कम दो वर्ष पूर्व बच्चे के व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन लाया जाय। अतः ‘प्रयास’ 13 वर्ष या उसके ऊपर के बच्चों का व्यक्तित्व निर्धारण करता है और उनका प्रवेश ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में भी लेता है। 13 वर्ष का बच्चा या तो कक्षा 8 कक्षा में पढ़ रहा होता है या इसे उत्तीर्ण कर चुका रहता है क्योकि कक्षा 1 में औपचारिक औपचारिक प्रवेश के लिए बच्चे की आयु 5 वर्ष होना आवश्यक है। इसलिए 13 वर्ष से कम के बच्चे का न तो व्यक्तित्व परीक्षण किया जाता है और न तो प्रयास फाउंडेशन कोर्स में ही प्रवेश दिया जाता है।

प्रश्न संख्या 5: जब हमारे विद्यालय के विद्यार्थी नियमित रूप से अध्ययन  कर रहे हैं तो फिर उन्हें ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में भाग लेने की क्या आवश्यकता है? इस कोर्स में ऐसी क्या ख़ास बात है?

उत्तर: वर्तमान में आप के पास मात्र इतना ही समय होता है कि किसी प्रकार विभिन्न विषयों का पाठ्यक्रम ही ठीक से पूरा किया जा सकें। आप के पास इतना समय नहीं होता कि आप विद्यार्थी के व्यक्तित्व की वैज्ञानिक तरीकों से जाँच करके उसकी विशेषताओं, शक्तिओं और कमजोरियों पता लगा सकें और सुनियोजित तरीके से उसके व्यक्तित्व का विकास सुनिश्चित कर सकें।  ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ इसी विशेष कार्य को करता है और प्रतिभागियों की भावनात्मक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक या नैतिक बुद्धिमत्ता को विकसित करने में सहायक सिद्ध होता है। अति उच्च मानसिक बुद्धिमत्ता के धनी विद्यार्थी भी नकारात्मक आदतों जैसे कठिन श्रम से भागना, नियोजित ढंग से एवं एकाग्रचित्त होकर अध्ययन न करने के कारण परीक्षा में अच्छे अंक नहीं प्राप्त कर पातें हैं।  ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ व्यक्तित्व की विसंगतियों को चिन्हित करके उन्हें दूर करता है जिससे बेहतर परिणाम के साथ-साथ  प्रतिभागी के आचार-विचार में सकारात्मक परिवर्तन आता है और वें अपने जीवन में शांति एवं प्रसन्नता के साथ सफलता प्राप्त कर लेतें हैं और अपनी इच्छानुसार अपना भविष्य बना सकतें हैं। शिक्षा के वर्तमान ढाँचे में स्कूलों तथा कॉलेजों आदि के लिए यह कार्य कर पाना काफी कठिन होता है। अतः आप को अपने विद्यार्थियों के लिए यह कोर्स अपने शिक्षको के माध्यम से अपने परिसर में ही अपनी सुविधानुसार संचालित करना चाहिए।

प्रश्न संख्या 06: हमारे स्कूल या कॉलेज के बच्चें विभिन्न  विषयों के अध्ययन और उसके बाद उनकी कोचिंग आदि में सुबह से शाम तक काफी व्यस्त रहते हैं। अतः रोजाना उनके पास ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ के लिए 90 मिनट का समय कहाँ से आयेगा?

उत्तर : वर्तमान में आप के विद्यार्थियों को अपने विद्यालय एवं कोचिंग आदि में व्यतीत किये गए समय काof कोई भी व्यावहारिक लाभ नहीं होगा यदि उनके विचार सकारात्मक नहीं होगें और उनका आचरण स्व-निर्देशित एवं स्व-नियत्रित नही होगा। चूँकि प्रयास फाउंडेशन कोर्स उनकी सोच एवं व्यवहार को सकारात्मक एवं उनके व्यक्तित्व को आत्मनिर्देशित एवं स्व-नियंत्रित बनाता है जिसके कारण वें अपने बल पर अपनी अभिरुचि के अनुसार अपने भविष्य का निर्माण कर सकतें हैं, अतः उन्हें अपनी सभी वर्तमान व्यस्तताओं के वावजूद कुछ नियोजन करके 90 मिनट का समय अपनी सुविधानुसार इस कोर्स में भाग लेने के लिए अवश्य निकलना चाहिए। इस कोर्स को सफलातापूर्वक पूर्ण कर लेने ले बाद प्रतिभागी के अन्दर दैनिक समस्याओं से खुद संघर्ष करने की प्रवृति विकसित हो जाने के कारण कोचिंग लेने की आवश्यकता एवं दूसरों पर निर्भर रहने की प्रवृति काफी कम हो जाती हैं क्योकि वह किसी भी विषय को अपने प्रयास से अच्छी तरह समझने का प्रयास करता है और इसके लिए आवश्यक संघर्ष करता है। इससे न केवल पैसे की बचत होती है बल्कि कोचिंग आदि पर लगने वाला समय भी बचता है।  स्व-प्रयास एवं स्वावलंबन के स्थान पर दूसरों पर निर्भरता दीर्घ काल में काफी हानिकारक सिद्ध हो सकती है। अतः प्रबल इच्छाशक्ति होने पर 90 मिनट का समय निकाल पाना कठिन नही होगा।

प्रश्न संख्या 07: कोई भी विद्यार्थी अपने वर्तमान अध्ययन एवं कोचिंग आदि से इतना थक जाता है कि प्रयास फाउंडेशन कोर्स में भाग लेने के लिए शायद ही कोई ऊर्जा बचे। ऐसी स्थिति में वह यह कोर्स कैसे ज्वाइन कर पायेगा?  

उत्तर: यह ध्यान देने वाली बात है कि प्रयास फाउंडेशन कोर्स सामान्य कोचिंग कोर्स की तरह नहीं है जिसमें ट्यूटर विभिन्न कठिन विषय वस्तुओं को समझाने का प्रयास करता है और विद्यार्थी एक कोचिंग से दूसरे कोचिंग के बीच दौड़ लगाते लगाते और इस विषयों को समझते समझते भयंकर मानसिक एवं शारीरिक थकान के शिकार हो जातें हैं।  प्रयास फाउंडेशन कोर्स के प्रतिभागियों को किसी अध्यापक द्वारा कोई कठिन विषय, जिसका प्रतिभागी को कोई ज्ञान ही न हो,  नहीं पढ़ाया जाता है और जिसकों समझने के लिए उसे मानसिक कसरत करनी पड़े। इसके स्थान पर उसे अपनी रूचि के विषय पर मात्र एक पृष्ट लिखकर लाने के लिए कहा जाता है और वह अपने दैनिक जीवन, परिवार एवं अपने कार्य एवं आस-पास के समाज की समस्याओं के सम्बंधित विषयों पर विचार मंथन कराया जाता है जिसमें वह अपनी वर्तमान समझ एवं ज्ञान के अनुसार अपने विचार बिना किसी रुकावट के प्रस्तुत करता है। उसे अपने सह-प्रतिभागियों के विचारों को सुनने का अवसर मिलता है और उनपर अपनी टिप्पणी देता है। अतः वह विचार मंथन की इस रुचिकर प्रकिया में थकने के स्थान पर और अधिक तरोताजा हो जाता है और अपने अगली कक्षा या कोचिंग आदि के लिए और अधिक ऊर्जा के साथ भाग लेने के लिए तैयार हो जाता है जो कि सफलता के लिए आवश्यक है। यह बात ध्यान देने योग्य है कि पूरा कोर्स विद्यार्थी अपने घर बैठे बैठे अपने मोबाइल फ़ोन से पूरा कर सकता है। अतः इस कोर्स में भाग लेने से थकावट होने का प्रश्न ही नहीं उठता।

प्रश्न संख्या 19: वर्तमान में अभिभावक अपने बच्चों के स्कूल एवं कोचिंग की भारी भरकम फीस पहले से ही दे रहें हैं अतः उनसे 750 रूपये व्यक्तित्व परीक्षण, रेखांकन एवं परामर्श के लिए या 5000 रूपये ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में सहभागिता के लिए खर्च करने के लिए कह पाना कठिन प्रतीत होता है।

उत्तर: बाजार में व्यक्तित्व परीक्षण, रेखांकन, परामर्श एवं विकास के वर्तमान शुल्क को देखते हुए मात्र 750 रूपये व्यक्तित्व परीक्षण, रेखांकन एवं परामर्श के लिए या मात्र 5000 रूपये छः माह के ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में सहभागिता के लिए  ज्यादा नहीं है। प्रयास फाउंडेशन कोर्स में भागीदारी से संभावित लाभ उसके शुल्क से कई गुना है अतः अभिभावकों के लिए अपने परिवार के एक सदस्य के लिए मात्र पाच  हजार रूपये की व्यवस्था करना बुद्धिमानी का कार्य होगा। इसके सहभागियों की सोच एवं व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन आता है और वें अपने अध्ययन का प्रबंधन काफी अच्छे तरीके से  करके आशातीत सफलता प्राप्त कर सकते हैं। अतः जब भी आप अपने विद्यार्थी के अभिभावक से उसके व्यक्तित्व के परीक्षण, रेखांकन तथा व्यक्तिगत परामर्श या प्रयास फाउंडेशन कोर्स में पंजीकरण के लिए अतिरिक्त शुल्क की मांग करें तो इस परीक्षण या इस कोर्स के इस लाभदायक पहलू की तरफ उनका ध्यान अवश्य आकर्षित करें। हमें उम्मीद है कि वें इसके लिए अवश्य तैयार हो जायेगें।

प्रश्न संख्या 20: हमारा संस्थान समय समय पर आयोजित लघु-कालीन कार्यक्रमों या ख्यातिप्राप्त  व्यक्तियों के लेक्चर आदि द्वारा अपने विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का विकास तो करते ही रहता है फिर इस कोर्स की क्या आवश्यकता है?

उत्तर: अधिकाँश शैक्षणिक संस्थान अपना पूरा ध्यान अपने कोर्स को किसी प्रकार पूरा करने में लगाते हैं और उनके पास अपने विद्यार्थियों के व्यक्तित्व में सकारात्मक गुणों को विकसित करने के लिए पर्याप्त समय ही नहीं होता है। यह कटु सत्य है कि छोटी अवधि के कार्यक्रम या महत्वपूर्ण व्यक्तियों के व्याख्यान प्रतिभागियों की सोच एवं व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन नही ला पातें हैं क्योकि उनकी अवधि सम्बंधित विचारों को प्रतिभागी के मष्तिष्क में स्थाई रूप में जमाने के लिए पर्याप्त नहीं होती है। प्रयास फाउंडेशन कोर्स जिसकी अवधि छह माह की होती है उन्मुक्त विचार मंथन प्रक्रिया के माध्यम से प्रतिभागियों के अन्दर आत्म-नियंत्रित एवं स्व-निर्देशित व्यक्तित्व का विकास सुनिश्चित करता है जो किसी शैक्षणिक संस्था के लिए कर पाना कठिन है।

प्रश्न संख्या 10: हमारी संस्था के बच्चों को प्रयास फाउंडेशन कोर्स इतना शीघ्र क्यों ज्वाईन करना चाहिए? क्या वें इसे बाद में नहीं ज्वाइन कर सकते?

उत्तर: एक छात्र के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण सोपान उसका हाई स्कूल की परीक्षा का परिणाम होता है क्योकि इसी के आधार पर वह अपनी आगे की पढाई तथा उसके पूरा हो जाने के बाद की नौकरी आदि का चयन करता है। अतः इस कोर्स से अधितकम लाभ प्राप्त करने के लिए इस सोपान के आने के काफी पहले ही उसके व्यक्तित्व की सभी कमियों का पता लगाकर उन्हें दूर कर देना चाहिए। व्यक्ति की सोच एवं व्यवहार में परिवर्तन के लिए पर्याप्त समय चाहिए ताकि नए विचार या सोच उसके मष्तिष्क में ठीक से बैठ जाय। अतः ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ कक्षा 8 या उसके ऊपर  के विद्यार्थियों के लिए 6 माह की अवधि के लिए चलाया जाता है। अतः किसी भी प्रतिभागी को बिना इन्तजार किये इस कोर्स को शीघ्रातिशीघ्र  ज्वाइन करना चाहिए। जो कोर्स अध्ययन और उसके बाद की नौकरी के लिए इतना लाभदायक हो इसे ज्वाइन करने में विलम्ब क्यों करना चाहिए?

प्रश्न संख्या 11 अध्ययन में अच्छे परिणाम, उसके बाद एक अच्छी नौकरी प्राप्त करने, या कोई सफल पेशा अपनाने के लिए मानसिक बुद्धिमत्ता के तुलना में भावनात्मक, सामाजिक एवं नैतिक या आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता का क्या महत्त्व है? यदि किसी व्यक्ति की मानसिक बुद्धिमता का स्तर उच्च है तो वह आसानी से अच्छा शैक्षणिक परिणाम प्राप्त करके एक अच्छी नौकरी करके अच्छी आय प्राप्त कर सकता है। अतः किसी विद्यार्थी को ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ जो भावनात्मक, सामाजिक एवं नैतिक या आध्यात्मिक बुद्धिमता विकसित करने का दावा करता है, क्यों ज्वाइन करना चाहिए?  

उत्तर: कोई भी नियोजक किसी ऐसे किसी भी व्यक्ति को नौकरी नहीं देना चाहेगा जिसकी मानसिक बुद्धिमत्ता तो काफी तेज है परन्तु उसकी भावनात्मक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता का सम्यक विकास नहीं हो पाया है। इसका कारण यह है कि अधिकांश कार्यों या  नौकरियों या पेशों, जिसमें स्व-रोजगार भी शामिल है, में व्यक्ति को समूह में अन्य कर्मचारियों या सहकर्मियों के साथ एक टीम के रूप में कार्य करना पड़ता है और अपने नीचे के लोगो तथा समकक्ष लोगों का सहयोग एवं ऊपर के लोगों का मार्गदर्शन भी प्राप्त करना पड़ता है। कमजोर भावनात्मक, सामाजिक एवं नैतिक या आध्यात्मिक बुद्धिमता वाला व्यक्ति, अपने कनिष्क, समकक्ष एवं वरिष्ट कर्मचारियों/अधिकारियों एवं अपनी टीम के अन्य सदस्यों से आवश्यक   सहयोग तथा मार्गदर्शन नहीं प्राप्त कर पाता है और अपनी बातपर अड़कर बात-बात में झगडा कर बैठता है और सबसे अलग-थलग पड़ जाता है इसके फलस्वरूप वह न केवल स्वयं असफल हो जाता है बल्कि संस्था की सफलता में भी बाधक बन जाता है और कुछ ही दिनों में नौकरी के निकाला जा सकता है। अतः यदि किसी व्यक्ति की भावनात्मक, सामाजिक तथा नैतिक या आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता अविकसित है तो वह अच्छे शैक्षणिक  परिणाम के बावजूद भी अच्छी नौकरी नहीं प्राप्त कर पाता है और किसी प्रकार कोई नौकरी पा भी गया तो उसे लम्बे समय तक सुरक्षित नहीं रख पाता या वांछित पदोन्नति आदि नहीं प्राप्त कर पाता है। चूँकि ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ उन्मुक्त विचारमंथन प्रक्रिया के माध्यम से भावनात्मक, सामाजिक तथा नैतिक या आध्यात्मिक बुद्धिमता का सम्यक विकास सुनिश्चित करता है। अतः जो भी व्यक्ति, चाहे वह विद्यार्थी हो या वयस्क, यदि एक शांतिपूर्ण, प्रसन्न एवं सफल जीवन और एक शानदार भविष्य चाहता है तो उसे इस कोर्स को अविलम्ब ज्वाइन करना चाहिए। अतः आप के संस्थान के विद्यार्थियों या प्रबंधकों तथा कर्मचारियों को इस कोर्स को अवश्य ज्वाइन करना चाहिए।

प्रश्न संख्या 12:  यह कैसे सिद्ध होता है की ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में भाग लेने से प्रतिभागी के व्यक्तित्व का विकास उचित दिशा में हो रहा है? क्या प्रतिभागी को कोर्स के अंत में ऐसा परिवर्तन दर्शित करता हुआ कोई प्रमाणपत्र दिया जाता है?

उत्तर: इस कोर्स में प्रवेश लेने के 15 दिन के अन्दर प्रतेक प्रतिभागी के व्यक्तित्व की जाँच की जाती है और उसके परिणाम के आधार पर उसके प्रवेश पूर्व व्यक्तित्व का रेखांकन किया जाता है। इस कोर्स की समाप्ति के 15 दिन पूर्व उसके व्यक्तित्व की पुनः जाँच करके उसका संशोधित रेखांकन किया जाता है। दोनों की तुलना करके उसके व्यक्तित्व में  हुए परिवर्तन को इंगित करते हुए एक व्यक्तित्व विकास रपट बनाई जाती है जिसमें उसके व्यक्तित्व की मौलिक विशिष्टताये भी इंगित की जाती है और भविष्य में उसके व्यक्तित्व के विकास की निरंतरता बनाए रखने के लिए कुछ सुझाव भी दिए जातें हैं। इन्हें उसके अभिभावक तथा स्कूल या कॉलेज को लागू करने के लिए कहा जाता है। यह रपट कोर्स की समाप्ति पर प्रतेक प्रतिभागी को दी जाती है। इसको देखकर उसके अभिभावक तथा परिवार के अन्य सदस्य या स्कूल  उसके व्यक्तित्व में हुए सकारात्मक परिवर्तन का आसानी से पता लगा सकतें हैं। ये परिवर्तन उसके दैनिक आचार-विचार में भी दिखतें हैं।

प्रश्न संख्या 13: ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ की क्लास में जाने के पूर्व क्या क्या तैयारी करनी पड़ती है? इसके लिए प्रतिभागियों को अतिरिक्त समय कहाँ से मिलेगा ?

उत्तर: इसके क्लास के लिए कोई खास तैयारी नहीं करनी पड़ती है। प्रतिभागी को अपनी रूचि के विषय पर मात्र एक पृष्ट लिखकर इस पोस्ट करना होता है और कुक वीडियो और ऑडियो देखने/सुनने पड़ते हैं। उसके बाद  जिस भी विचार विन्दु पर चर्चा या विचारमंथन हो रहा है उसके विभिन्न पहलुओं पर अपने वर्तमान ज्ञान के अनुसार पाने विचार प्रकट करने होते हैं और अन्य प्रतिभागियों द्वारा प्रकट किये गए विचारों पर अपनी टिप्पणी देनी होती है। इस उन्मुक्त चर्चा से सम्बंधित विषय के बारे में उसका ज्ञान बढेगा और चर्चा के अंत में कोई कमी रह भी गई है तो संबंधित व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक उसकी पूर्ति प्रतिभागियों को उसके बचे पहलूओं पर चर्चा के लिए उत्प्रेरित करके और उनसे चर्चा कराकर कर देगा। इसलिए किसी तैयारी की जरुरत नहीं है।

प्रश्न संख्या 14: अपने विद्यार्थियों के लिए ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ के संचालन एवं प्रबंधन के किये हमारे संस्थान की जिम्मेदारियां क्या क्या होगीं?

उत्तर: अपने विद्यार्थियों के लिए ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ के संचालन एवं प्रबंधन के किये आप के संस्थान को निम्न जिम्मेदारियां निभानी होगीं।

  1. आप का संस्थानं मात्र 500 (पाच सौ) रूपये जमा करके ‘प्रयास’ के संस्थागत सदस्य के रूप में अपना पंजीकरण कराएगा।
  2. यह कोर्स मात्र आठवी तथा उसके ऊपर के छात्रों एवं अन्य व्यक्तियों के लिए संचालित किया जायेगा।
  3. इस कोर्स के लिए विद्यार्थियों का कोई भी बैच बनाते समय यह ध्यान रखा जाएगा कि उसके प्रतिभागियों  की आयु में एक वर्ष से अधिक का अंतर न हो।
  4. इस पाठयक्रम की सामान्य अवधि मात्र 6 माह है। यह अवधि यह मानकर निर्धारित की गयी गई कि रविवार को छोड़कर प्रतिदिन 90 मिनिट का एक विचारमंथन सत्र चलाया जाएगा। यदि किसी भी कारणवश इस सत्र की अवधि और दिनों की संख्या में परिवर्तन होता तो इसका प्रभाव इसकी अवधि पर पडेगा। इसकी अवधि सभी बातों को ध्यान में रखकर और संबंधित क्षेत्र प्रबंधक के माध्यम से ‘प्रयास’ से परामर्श करके निश्चित की जायेगी।
  5. संस्था ‘प्रयास’ के तकनीकी मार्गदर्शन में इस कोर्स के एक बैच के संचालन एवं प्रबंधन के लिए कम से कम तीन शिक्षकों को अपने खर्च पर प्रशिक्षण के नामित करेगी। प्रशिक्षण निशुल्क है और ऑन लाइन है।
  6. प्रशिक्षण के बाद इन शिक्षकों को ‘व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक’ के रूप में नामित लिया जाएगा।
  7. किसी एक बैच के आरम्भ हो जाने के बाद उस बैच में किसी नए प्रतिभागी का प्रवेश नही लिया जाएगा।
  8. एक बैच में अधिकतम 15 ।च्चों का ही पंजीकरण  किया जायेगाब
  9. यह कोर्स प्रशिक्षित शिक्षक द्वारा अपने मोबाइल फ़ोन के माध्यम से संचालित किया जायेगां।
  10. यदि किसी कारणवश नामित एवं प्रशिक्षित शिक्षक इस कोर्स का संचालन बीच में छोड़ देता है तो वैकल्पिक शिक्षक द्वारा इस कोर्स का संचालन एवं प्रबंधन सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी विद्यालय की होगी।
  11. कोर्स के अंत में प्रतिभागियों से कोर्स उपादेयता के बारे में प्रतिपुष्टि प्राप्त करके उसपर संबंधिक मार्गदर्शक शिक्षक के सुझाव के साथ ‘प्रयास’ को उपलब्ध कराया जायेगा।
  12. प्रतिभागियों से शुल्क प्राप्त करने के 10 दिन के अन्दर ‘प्रयास’ को देय राशि (30%) का भुगतान डिजिटल माध्यम से करना सुनिश्चित करेगा।
  13. स्कूल प्रतिभागी से प्राप्त शुल्क की प्राप्ति की रसीद अपने नाम से जारी करेग। प्रयास उन्हें स्वयं को प्राप्ति राशि की ही रसीद देगा।

प्रश्न संख्या 15: प्रयास फाउंडेशन कोर्स के संचालन एवं प्रबंधन के सन्दर्भ में ‘प्रयास’ की क्या भूमिका एवं जिम्मेदारियां हैं?

उत्तर : शुल्क का 30% राशि आप की सस्था से प्राप्त हो जाने के बाद ‘प्रयास’ प्रयास फाउंडेशन कोर्स के संचालन एवं प्रबंधन के सन्दर्भ में निम्न भूमिका एवं जिम्मेदारियां निभाएगा।

  1. प्रतेक प्रतिभागी का पंजीकरण करेगा और उसे एक विशिष्ट अनुक्रमांक आवंटित करेगा जिसका संदर्भ भविष्य में दिया जा सकता है।
  2. आप की सस्था द्वारा नामित शिक्षकों को इस कोर्स के विचारमंथन सत्रों के संचालन एवं इसके प्रबंधन से सम्बंधित सभी गतिविधियों के प्रभावी संचालन के लिए आवश्यक प्रशिक्षण निशुल्क प्रदान करेगा।
  3. विचार मंथन के लिए प्रश्नोंत्तरी (एक साथ 10 प्रश्नोत्तर) उपलब्ध करायेगा परन्तु संबंधित शिक्षक की यह व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी कि पांच प्रश्न बचे रहने पर ही वह अतिरिक्त पर्श्नों की मांग करें ताकि प्रश्नों के अभाव में विचारमंथन प्रक्रिया में कोई भी व्यवधान न उत्पन्न हो।
  4. समय समय पर प्राप्त प्रतिपुष्टि के आधार पर पाठ्यक्रम का नियमित संशोधन एवं परिमार्जन।
  5. प्रतिभागियों के व्यक्तित्व का रेखांकन करना और कोर्स की समाप्ति पर व्यक्तित्व विकास रपट तैयार करके सस्था को वितरण हेतु उपलब्ध कराना।
  6. ‘प्रयास’ द्वारा नामित प्रतिनिधि इस कोर्स के संबधित व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक द्वारा संचालन एवं प्रबंधन पर नजर रखेगें और समय-समय पर आवश्यक सुधारात्मक कार्यवाही करेगें।

प्रश्न संख्या 16: इस कोर्स में प्रतिभागिता करने से मुख्यतः क्या लाभ होतें  हैं?

उत्तर : इस कोर्स से प्राप्त होने वाले मुख्य लाभ अपने व्यक्तित्व की अच्छी समझ, बेहतर आत्म-अनुशासन, सम्यक समय प्रबंधन, अपने परिवार के सदस्यों, सगे-सम्बन्धियों, मित्रों एवं अन्य लोगों के साथ बेहतर सम्बन्ध, बेहतर शैक्षणिक परिणाम, भविष्य में अपने जीवन का बेहतर प्रबंधन, अपनी नौकरी/पेशे में सफलता, प्रसन्नता में बृद्धि और सामाजिक प्रतिष्ठा में बृद्धि शामिल हैं। यह पाठ्यक्रम प्रतिभागी के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लायेगा और और वह अपने जीवन की सारी चुनौतियों का सामना शांतिपूर्ण तरीके एवं प्रसन्नतापूर्वक करते हुए सफल होता है।

प्रश्न संख्या 17: हमारी संस्था इस कोर्स  के संचालन एवं प्रबंधन एवं व्यक्तित्व विकास से सम्बंधित अन्य गतिविधियों में सहयोग प्रदान करने के लिए‘प्रयास’   के साथ कैसे भागीदारी कर सकती है?

उत्तर: इसके लिए आप संस्थागत सदस्यता का फॉर्म एवं सम्बंधित सहमति पत्र का प्रारूप इस वेबसाइट से डाउनलोड करे और उसे ठीक से पढ़ें। यदि आप उसकी शर्तों से सहमत हैं तो उसे अच्छी तरह  भरकर आवश्यक पंजीकरण शुल्क डिजिटल माध्यम से भुगतान करके उसके विवरण के साथ ‘प्रयास’ को प्रेषित कर दे। हम अपने संस्थागत सदस्यों को पूर्ण तकनीकी सहायता जिसमें आवश्यक प्रशिक्षण भी शामिल है प्रदान करतें हैं।

प्रश्न संख्या 18: क्या मैंप्रयास के कार्यालय में आकर मिल सकता हूँ?

उत्तर:  वर्तमान में हमारे दो कार्यालय हैं। पंजीकृत कार्यालय (एच -19 चतुर्थ चरण, राप्तीनगर गोरखपुर  (लिटिल फ्लावर स्कूल के पास ) 273013 (संपर्क 7080210612 तथा 7080210614)  में और मुख्यालय (513  फेलिक्स स्क्वायर सुशांत गोल्फ सिटी लखनऊ 226030 (संपर्क 8127569995 तथा  7080210615) में है। आप उक्त मोबाइल नंबर पर बात करके अपने मिलने का समय निर्धारित कराकर मिल सकते हैं और अपनी सभी शंकाओं का समाधान कर सकतें हैं।