एफएक्यू /08
अपने परिवार के बच्चों एवं वयस्क सदस्यों को ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में prप्रवेश दिलाने के इच्छुक अभिभावकों एवं परिवार प्रमुखों द्वारा प्रायः पूछें जाने वाले प्रश्न
प्रश्न संख्या 01: ‘प्रयास’ की कौन गतिविधि सबसे महत्वपूर्ण है?
उत्तर: ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ जिसमे व्यक्तित्व रेखांकन एवं व्यक्तित्व का नियोजित विकास शामिल है, ‘प्रयास’ द्वारा संचालित सबसे महत्वपूर्ण गतिविधि है। यह एक समेकित व्यक्तित्व चिन्हीकरण एवं विकास कार्यक्रम है जो प्रतिभागियों की सोच एवं व्यवहार में मौलिक एवं सकारात्मक परिवर्तन लाता है। किसी भी व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन लाना अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य है जिसमें यह कार्यक्रम सहायक सिद्ध होता है। अतः यह गतिविधि सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है।
प्रश्न संख्या 2: ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्व-उत्प्रेरित, स्व-संचालित एवं स्व-नियत्रित व्यक्तित्व का विकास करके प्रतिभागियों को अपने जीवन की सारी चुनौतियों को प्रसन्नता एवं शांति के साथ सफलतापूर्वक सामना करने में सक्षम बनाना है। इसका शुल्क ‘कोई लाभ नहीं कोई हानि नहीं’ और ‘अंतर-सहायता’ के दो सिद्धांतों के आधार पर निर्धारित किया जाता है तथा 30 % अभ्यर्थी, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, मात्र अपनी भुगतान क्षमता के अनुसार शुल्क देकर इसका लाभ उठा सकतें हैं।
प्रश्न संख्या 3: ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में प्रवेश के लिए प्रतिभागी की न्यूनतम आयु क्या होनी चाहिए?
उत्तर: ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में प्रवेश के लिए प्रतिभागी की न्यूनतम आयु 13 वर्ष होनी चाहिए?.
प्रश्न संख्या 4: आठवी या उसके नीचे की कक्षा के विद्यार्थी या 13 वर्ष से कम के बच्चे का व्यक्तित्व निर्धारण क्यों नहीं किया जाता या उसे ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में शामिल क्यो नही किया जाता?
उत्तर : हमें यह बात समझने की आवश्यकता है kiकि बच्चे के व्यक्तित्व के क्रमशः निर्माण का आरम्भ जीवन के शुरू के वर्षों में हो जाता है और उसके विकास की यह प्रक्रिया जीवन पर्यंत चलती रहती है। अतः व्यक्तित्व में बदलाव की प्रक्रिता सतत चलती रहती है। प्रसिद्द फ्रेंच मनोवैज्ञानिक ‘पाइगेट’ के व्यक्तित्व विकास के सिद्धांत के अनुसार बच्चें के व्यक्तित्व के विकास के चार आरंभिक चरण होतें हैं जो उसकी आयु से सम्बन्ध रखते हैं। वें सेंसोरिमोटर (2 वर्ष तक), preक्रियात्मक-पूर्व (2 से 7 वर्ष तक), निश्चित क्रियात्मक (7 से 11 वर्ष तक) तथा औपचारिक क्रियात्मक (11 वर्ष से 15) हैं। अतः 15 वर्ष तक बच्चे का व्यक्तित्व पूरी तरह स्थिर हो जाता है और ठोस स्वरुप धारण कर लेता है। चूँकि 15 वर्ष का बच्चा हाई स्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाला होता है और यह परीक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है इसमें उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त करने के लिए आवशयक है कि इस परीक्षा के कम से कम दो वर्ष पूर्व बच्चे के व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन लाया जाय। अतः ‘प्रयास’ 13 वर्ष या उसके ऊपर के बच्चों का व्यक्तित्व निर्धारण करता है और उनका प्रवेश ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में भी लेता है। 13 वर्ष का बच्चा या तो कक्षा 8 कक्षा में पढ़ रहा होता है या इसे उत्तीर्ण कर चुका रहता है क्योकि कक्षा 1 में औपचारिक औपचारिक प्रवेश के लिए बच्चे की आयु 5 वर्ष होना आवश्यक है। इसलिए 13 वर्ष से कम के बच्चे का न तो व्यक्तित्व परीक्षण किया जाता है और न तो प्रयास फाउंडेशन कोर्स में ही प्रवेश दिया जाता है।
प्रश्न संख्या 16: जब मेरे बच्चें अपने विद्यालयों में नियमित रूप से अध्ययन कर रहे हैं तथा कोचिंग आदि भी कर रहें हैं या परिवार के वयस्क सदस्य अपना अध्ययन पूर्ण करके अच्छी-खासी नौकरी कर रहे हैं तो फिर उन्हें ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में भाग लेने की क्या आवश्यकता है? इस कोर्स में ऐसी क्या ख़ास बात है?
उत्तर: वर्तमान में विभिन्न विद्यालयों/महाविद्यालयों के पास मात्र इतना ही समय होता है कि वें किसी प्रकार विभिन्न विषयों का पाठ्यक्रम ही पूरा कर सकें। उनके पास इतना समय नहीं होता कि वे विद्यार्थी के व्यक्तित्व की वैज्ञानिक तरीकों से जाँच करके उसकी विशेषताओं, शक्तिओं और कमजोरियों पता लगा सकें और सुनियोजित तरीके से उसके व्यक्तित्व का विकास सुनिश्चित कर सकें। ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ इसी विशेष कार्य को करता है और प्रतिभागियों की भावनात्मक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक या नैतिक बुद्धिमत्ता को विकसित करने में सहायक सिद्ध होता है। अति उच्च मानसिक बुद्धिमत्ता के धनी विद्यार्थी भी नकारात्मक आदतों जैसे कठिन श्रम से भागना, नियोजित ढंग से एवं एकाग्रचित्त होकर अध्ययन न करने के कारण परीक्षा में अच्छे अंक नहीं प्राप्त कर पातें हैं। ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ व्यक्तित्व की विसंगतियों को चिन्हित करके उन्हें दूर करता है जिससे बेहतर परिणाम के साथ-साथ प्रतिभागियों के व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन आता है और वें अपने जीवन में शांति एवं प्रसन्नता के साथ सफलता प्राप्त कर लेतें हैं और अपनी इच्छानुसार अपना भविष्य बना सकतें हैं। शिक्षा के वर्तमान ढाँचे में स्कूलों तथा कॉलेजों आदि के लिए यह कार्य कर पाना काफी कठिन होता है।
जहा तक वयस्कों का प्रश्न है, हमें यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि किसी भी एक समय पर प्रतेक व्यक्ति का व्यक्तित्व उसकी आयु के निरपेक्ष उसकी बुद्धिमत्ता (मानसिक, भावनात्मक एवं आध्यात्मिक/नैतिक) की संरचना एवं आदतों के संदर्भ में बिलकुल अनूठा होता है। इसका प्रभाव उसके वर्तमान नौकरी या पेशे जिसमें स्वरोजगार भी शामिल है, की प्रभावशीलता पर पड़ता है। अतः उसके व्यक्तित्व की ताकतों एवं कमजोरियों का पता लगाने के लिए उसका परीक्षण एवं रेखांकन करना आवश्यक है ताकि उसके कार्य में अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए उन्हें नियोजित ढंग के दूर किया जा सके। इससे वह अपने नौकरी या पेशे में तीव्र प्रगति करने में सफल हो सकता है।
प्रश्न संख्या 06: मेरे बच्चें अपने स्कूल या कॉलेज में विभिन्न विषयों के अध्ययन और उसके बाद उनकी कोचिंग आदि में सुबह से शाम तक व्यस्त रहते हैं। अतः रोजाना उनके पास ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ के लिए 90 मिनट का समय कहाँ से आयेगा? इसी प्रकार मेरे परिवार के वयस्क सदस्य भी अपनी नौकरी या पेशे या पारिवारिक जिम्मेदारियों में सुबह से शाम तक काफी व्यस्त रहते हैं। अतः वें भी इस कोर्स के लिए प्रतिदिन 90 मिनट कैसे निकालेगें?
उत्तर : वर्तमान में आप के परिवार के बच्चों द्वारा अपने विद्यालय एवं कोचिंग आदि में व्यतीत किये गए समय काof कोई भी व्यवहारिक लाभ नहीं होगा यदि उनकी सोच एवं व्यवहार सकारात्मक नहीं होगा और उनका आचरण स्व-निर्देशित एवं स्व-नियत्रित नही होगा। चूँकि प्रयास फाउंडेशन कोर्स उनकी आचार-विचार को सकारात्मक एवं उनके व्यक्तित्व को आत्मनिर्देशित एवं स्व-नियंत्रित बनाता है जिसके कारण वें अपने बल पर अपनी अभिरुचि के अनुसार अपने भविष्य का निर्माण कर सकतें हैं, अतः उन्हें अपनी सभी वर्तमान व्यस्तताओं के वावजूद 90 मिनट का समय अपनी सुविधानुसार इस कोर्स में भाग लेने के लिए अवश्य निकलना चाहिए। इस कोर्स को सफलातापूर्वक पूर्ण कर लेने ले बाद प्रतिभागी के अन्दर दैनिक समस्याओं से खुद संघर्ष करने की प्रवृति विकसित हो जाने के कारण कोचिंग लेने की आवश्यकता एवं दूसरों पर निर्भर रहने की प्रवृति काफी कम हो जाती हैं क्योकि वह किसी भी विषय को अपने विद्यालय से अध्यापक से पूछकर और अपने प्रयास से अच्छी तरह समझ लेता है। इससे न केवल पैसे की बचत होत्ती है बल्कि कोचिंग आदि पर लगने वाला समय भी बचता है। स्व-प्रयास एवं स्वावलंबन के स्थान पर दूसरों पर निर्भरता दीर्घ काल में काफी हानिकारक सिद्ध होती है। अतः प्रबल इच्छाशक्ति होने पर 90 मिनट का समय निकाल पाना कठिन नही होगा।
जहातक आप के परिवार के वयस्क सदस्यों का प्रश्न है, उनकी वर्तमान कार्यकुशलता एवं व्यक्तिगत प्रभावशीलता उनके व्यक्तित्व संबंधी कमियों के कारण अपेक्षाकृत काफी कम हो सकती है। उनके अन्दर सकारात्मक सोच, आदतें एवं आत्म-निर्भरता विकसित किये बिना इसमें सुधार संभव नहीं है जो प्रयास फाउंडेशन कोर्स विकसित करता है। अतः इसके लिए 90 मिनट का समय निकालना न केवल वांछित है बल्कि अति आवश्यक है। किसी भी व्यक्ति द्वारा प्रयास फाउंडेशन कोर्स सफलतापूर्वक पूर्ण कर लेने के बाद उसकी समय-प्रबंधन क्षमता एवं व्यवहार की प्रभाविकता में काफी सुधार हो जाता है और अपने व्यक्तित्व के अनुरूप जो भी कार्य करता है उसमें सफल हो जाता है। अतः इस कोर्स के लाभों को ध्यान में रखकर सप्ताह के छः दिन 90 मिनट समय निकालना जरुरी है। यदि आप अपने परिवार की प्रगति चाहते हैं तो अपने परिवार के सभी बच्चों जिनकी आयु 13 वर्ष या उससे अधिक हो तथा सभी वयस्क सदस्यों को क्रमशः इस कोर्स का ofप्रतिभागी बनाएं।
प्रश्न संख्या 18: मेरे परिवार के बच्चें अपने वर्तमान अध्ययन एवं कोचिंग आदि से इतना थक जाते हैं कि प्रयास फाउंडेशन कोर्स में भाग लेने के लिए उनके अन्दर शायद ही कोई ऊर्जा बचे और इस कोर्स में भाग लेने से वें और भी अधिक थक जाएगें। इसी प्रकार परिवार के वयस्क सदस्य भी भारी कार्यभार से काफी थक जाते हैं अतः उनके पास भी इस कोर्स में भाग लेने के लिए कोई भी ऊर्जा नहीं बचेगी और इसमें भाग लेकर वें और अधिक थक जाएगे।
उत्तर: यह ध्यान देने वाली बात है कि प्रयास फाउंडेशन कोर्स सामान्य कोचिंग कोर्स की तरह नहीं है जिसमें ट्यूटर विभिन्न कठिन विषय वस्तुओं को समझाने का प्रयास करता है और विद्यार्थी एक कोचिंग से दूसरे कोचिंग के बीच दौड़ लगाते लगाते और इस विषयों को समझते समझते भयंकर मानसिक एवं शारीरिक थकान के शिकार हो जातें हैं। जबकि प्रयास फाउंडेशन कोर्स के प्रतिभागियों को किसी अध्यापक द्वारा कोई कठिन विषय, जिसका प्रतिभागी को कोई ज्ञान ही न हो, नहीं पढ़ाया जाता है जिसकों समझने के लिए उसे मानसिक कसरत करनी पड़े। ध्यान दी योग्य बात यह है कि यह कोर्स ऑन लाइन है और अपने घर बैठे बैठे कोई भी इसमें भाग ले सकता है। अपनी रूचि के विषय पर मात्र एक पृष्ट लिखकर पोस्ट करने के लिए कहा जाता है और वह अपने दैनिक जीवन, परिवार एवं अपने आस-पास के समाज की समस्याओं के सम्बंधित विषयों पर विचार मंथन कराया जाता है जिसमें वह अपनी वर्तमान समझ एवं ज्ञान के अनुसार अपने विचार बिना किसी रुकावट के प्रस्तुत करता है। उसे अपने सह-प्रतिभागियों के विचारों को सुनने का अवसर मिलता है और उनपर अपनी टिप्पणी देता है। अतः वह विचार मंथन की इस रुचिकर प्रकिया में थकने के स्थान पर और अधिक तरोताजा हो जाता है और अपने अगली कक्षा या कोचिंग आदि के लिए और अधिक ऊर्जा के साथ भाग लेने के लिए तैयार हो जाता है जो कि सफलता के लिए आवश्यक है। अतः इस कोर्स में भाग लेने से थकावट होने का प्रश्न ही नहीं उठता। यही बात एक वयस्क के लिए भी लागू होती है। यह कोर्स प्रतिभागियों में मानसिक एवं शारीरिक थकावट के स्थान पर ताजगी पैदा करता है ।
प्रश्न संख्या 08: वर्तमान में मैं अपने बच्चों के स्कूल एवं कोचिंग की भारी भरकम फीस पहले से ही दे रहा हू अतः इसके ऊपर 750 रूपये व्यक्तित्व परीक्षण, रेखांकन एवं परामर्श के लिए या 5000 रूपये ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में सहभागिता के लिए खर्च कर पाना कठिन प्रतीत होता है। यदि मेरे परिवार से सभी वयस्क इस कोर्स में भाग लेना चांहे तो यह खर्च काफी अधिक और मेरी क्षमता के बाहर हो जाएगा।
उत्तर: बाजार में व्यक्तित्व परीक्षण, रेखांकन, परामर्श एवं विकास के वर्तमान शुल्क को देखते हुए मात्र 750 रूपये व्यक्तित्व परीक्षण, रेखांकन एवं परामर्श के लिए या मात्र 5000 रूपये छः माह के ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में भागीदारी के लिए ज्यादा नहीं है। प्रयास फाउंडेशन कोर्स में भागीदारी से संभावित लाभ उसके शुल्क से कई गुना है अतः अभिभावकों के लिए अपने परिवार के एक सदस्य के लिए मात्र पाच हजार रूपये की व्यवस्था करना बुद्धिमानी का कार्य होगा। इसके प्रतिभागियों की आचार-विचार में सकारात्मक परिवर्तन आता है और वें अपने अध्ययन का प्रबंधन काफी अच्छे तरीके से करके आशातीत सफलता प्राप्त कर सकते हैं। प्रतिभागी वयस्क भी अपनी पारिवारिक एवं कार्य संबंधी जिम्मेदारियों का निर्वाह पहले की तुलना में काफी अच्छी तरह कर सकतें हैं। अतः आप इस कोर्स के इस लाभदायक पहलू की तरफ अपना ध्यान अवश्य दें। यदि आर्थिक परेशानी हो तो एक एक सदस्य को क्रम से इस कोर्स में पंजीकृत करायें।
प्रश्न संख्या 09: विभिन्न स्कूल/कॉलेज/विश्वविद्यालय समय समय पर आयोजित लघु-कालीन कार्यक्रमों या ख्यातिप्राप्त व्यक्तियों के लेक्चर आदि द्वारा अपने छात्रों के व्यक्तित्व का विकास तो करते ही रहतें हैं फिर इस कोर्स की क्या आवश्यकता है?
उत्तर: जैसा की ऊपर बत्ताया गया है, अधिकाँश स्कूल, कॉलेज तथा विश्वविद्यालय अपना पूरा ध्यान अपने पाठ्यक्रम को किसी प्रकार पूरा करने में लगाते हैं और उनके पास विद्यार्थी के व्यक्तित्व में सकारात्मक गुणों को विकसित करने के लिए पर्याप्त समय ही नहीं होता है। यह कटु सत्य है की छोटी अवधि के कार्यक्रम या महत्वपूर्ण व्यक्तियों के व्याख्यान प्रतिभागियों की सोच एवं व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन नही ला पातें हैं क्योकि उनकी अवधि सम्बंधित विचारों को प्रतिभागी के मस्तिष्क में स्थाई रूप में जमाने के लिए पर्याप्त नहीं होती है। प्रयास फाउंडेशन कोर्स जिसकी अवधि छह माह की होती है उन्मुक्त विचार मंथन प्रक्रिया के माध्यम से प्रतिभागियों के अन्दर आत्म-नियंत्रित एवं स्व-निर्देशित व्यक्तित्व का विकास सुनिश्चित करता है जो किसी नियमित स्कूल, कॉलेज या विश्वविद्यालय के लिए कर पाना कठिन है क्योकि वह अपना कोर्स पूरा करने के साथ साथ अन्य कई गतिविधियों में भी व्यस्त रहता है।
प्रश्न संख्या 10: हमारे परिवार के बच्चों को प्रयास फाउंडेशन कोर्स इतना शीघ्र क्यों ज्वाईन करना चाहिए? क्या वें इसे अपनी पदाई पूरी करने बाद में नहीं ज्वाइन कर सकते? इसी प्रकार कोई वयस्क जिसके पास नौकरी है और कोई समस्या नहीं है इसे क्यों ज्वाइन करे?
उत्तर: एक छात्र के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण सोपान उसका हाई स्कूल की परीक्षा का परिणाम होता है क्योकि इसी के आधार पर वह अपनी आगे की पढाई तथा उसके पूरा हो जाने के बाद की नौकरी आदि का चयन करता है।. अतः इस कोर्स से अधितकम लाभ प्राप्त करने के लिए इस सोपान आने के काफी पहले ही उसके व्यक्तित्व की सभी कमियों का पता लगाकर उन्हें दूर कर देना चाहिए। व्यक्ति की सोच एवं व्यवहार में परिवर्तन के लिए पर्याप्त समय चाहिए ताकि नए विचार या सोच उसके मष्तिष्क में ठीक से बैठ जाय। अतः ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ कक्षा 8 या उसके ऊपर के विद्यार्थियों के लिए 6 माह की अवधि के लिए चलाया जाता है। अतः किसी भी प्रतिभागी को बिना इन्तजार किये इस कोर्स को शीघ्रातिशीघ्र ज्वाइन करना चाहिए। जो कोर्स अध्ययन और उसके बाद की नौकरी के लिए इतना लाभदायक हो इसे ज्वाइन करने में विलम्ब क्यों करना चाहिए? नौकरी-पेशा व्यक्ति अपनी नौकरी या पेशे में शीघ्रातीशीघ्र प्रोन्नति, सफलता एवं अन्य लोगों की सराहना चाहता है। प्रयास फाउंडेशन कोर्स यह सभी सुनिश्चित करता है।
प्रश्न संख्या 11: अध्ययन में अच्छे परिणाम तथा उसके बाद एक अच्छी नौकरी प्राप्त करने, या कोई सफल पेशा अपनाने के लिए मानसिक बुद्धिमत्ता की तुलना में भावनात्मक, सामाजिक एवं नैतिक या आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता का क्या महत्त्व है? यदि किसी व्यक्ति की मानसिक बुद्धिमता का स्तर उच्च है तो वह आसानी से एक अच्छी नौकरी प्राप्त करके अच्छी आय प्राप्त कर सकता है। अतः हमारे परिवार के सदस्यों को ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ जो भावनात्मक, सामाजिक एवं नैतिक या आध्यात्मिक बुद्धिमता विकसित करने का दावा करता है, को क्यों ज्वाइन करना चाहिए?
उत्तर: शायद ही कोई नियोजक किसी ऐसे किसी भी व्यक्ति को नौकरी देना चाहेगा जिसकी मानसिक बुद्धिमत्ता तो काफी तेज है परन्तु उसकी भावनात्मक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता का सम्यक विकास नहीं हो पाया है। इसका कारण यह है कि अधिकांश कार्यों या नौकरियों या पेशों, जिसमें स्व-रोजगार भी शामिल है, में व्यक्ति को समूह में अन्य कर्मचारियों या सहकर्मियों के साथ एक टीम के रूप में कार्य करना पड़ता है और अपने नीचे के एवं समकक्ष लोगो का सहयोग एवं ऊपर के लोगों का मार्गदर्शन भी प्राप्त करना पड़ता है। कमजोर भावनात्मक, सामाजिक एवं नैतिक या आध्यात्मिक बुद्धिमता वाला व्यक्ति, अपने कनिष्क एवं वरिष्ट कर्मचारियों/अधिकारियों एवं अपनी टीम के अन्य सदस्यों से आवश्यक सहयोग तथा मार्गदर्शन नहीं प्राप्त कर पाता है और अपनी बात पट अड़कर बात-बात में झगडा कर बैठता है और सबसे अलग-थलग पड़ जाता है। इसके फलस्वरूप वह न केवल स्वयं असफल हो जाता है बल्कि संस्था की सफलता में भी बाधक बन जाता है और कुछ ही दिनों में नौकरी के निकाला जा सकता है। अतः यदि किसी व्यक्ति की भावनात्मक, सामाजिक तथा नैतिक या आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता अविकसित है तो वह अच्छे शैक्षणिक परिणाम के बावजूद भी अच्छी नौकरी नहीं प्राप्त कर पाता है और यदि किसी तरह पा भी गया तो उसे लम्बे समय तक सुरक्षित नहीं रख पाता या आवश्यक प्रोन्नति नहीं प्राप्त कर पाता है। ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ उन्मुक्त विचारमंथन प्रक्रिया के माध्यम से प्रतिभागियों में भावनात्मक, सामाजिक तथा नैतिक या आध्यात्मिक बुद्धिमता का सम्यक विकास सुनिश्चित करता है। अतः जो भी व्यक्ति, चाहे वह विद्यार्थी हो या वयस्क, यदि एक शांतिपूर्ण, प्रसन्न एवं सफल जीवन और एक शानदार भविष्य चाहता है तो उसे इस कोर्स को अविलम्ब ज्वाइन करना चाहिए। अतः आप के परिवार के प्रतेक सदस्य को यह कोर्स ज्वाइन करना चाहिए।
प्रश्न संख्या 12: यह कैसे सिद्ध होता है की ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में भाग लेने से हमारे बच्चे या हमारे परिवार के वयस्क सदस्य के व्यक्तित्व का विकास उचित दिशा में हो रहा है? क्या उसको कोर्स के अंत में ऐसा परिवर्तन दर्शित करता हुआ कोई प्रमाणपत्र दिया जाता है?
उत्तर: इस कोर्स में प्रवेश लेने के 15 दिन के अन्दर समयसिद्ध मनोवैज्ञानिक उपकरणों के माध्यम से प्रतेक प्रतिभागी के व्यक्तित्व की जाँच की जाती है और उसके परिणाम के आधार पर उसके प्रवेश पूर्व व्यक्तित्व का रेखांकन किया जाता है। इस कोर्स की समाप्ति के 15 दिन पूर्व उसी प्रकार उसके व्यक्तित्व की पुनः जाँच करके उसका संशोधित रेखांकन किया जाता है। दोनों की तुलना करके उसके व्यक्तित्व में हुए परिवर्तन को इंगित करते हुए एक व्यक्तित्व विकास रपट बनाई जाती है जिसमें उसके व्यक्तित्व की मौलिक विशिष्टताये भी इंगित की जाती है और उसके व्यक्तित्व के विकास की निरंतरता बनाए रखने के लिए कुछ सुझाव भी दिए जातें हैं। इन्हें उसके अभिभावक तथा स्कूल या कॉलेज को लागू करने के लिए कहा जाता है। यह रपट कोर्स की समाप्ति पर प्रतेक प्रतिभागी को दी जाती है। इसको देखकर उसके अभिभावक तथा परिवार के अन्य सदस्य या स्कूल उसके व्यक्तित्व में हुए सकारात्मक परिवर्तन का आसानी से पता लगा सकतें हैं। ये परिवर्तन उसके दैनिक आचार-विचार में भी दिखतें हैं।
प्रश्न संख्या 13: ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ की क्लास में जाने के पूर्व हमारे परिवार के बच्चों तथा वयस्कों को क्या तैयारी करनी पड़ेगी? इसके लिए उनको अतिरिक्त समय कहाँ से मिलेगा ?
उत्तर: इसके क्लास के लिए प्रतिभागियों को कोई खास तैयारी नहीं करनी पड़ती है। उनकों अपनी रूचि के विषय पर मात्र एक पृष्ट लिखकर पोस्ट करना होता है और कुछ विडियो और ऑडियो देखने/सुननें पड़ते है। उसके बाद जिस भी विचार विन्दु पर चर्चा या विचारमंथन हो रहा है उसके विभिन्न पहलुओं पर अपने वर्तमान ज्ञान के अनुसार अपने विचार प्रकट करने होते हैं और अन्य प्रतिभागियों द्वारा प्रकट किये गए विचारों पर अपनी टिप्पणी देनी होती है। इस उन्मुक्त चर्चा से सम्बंधित विषय के बारे में उसका ज्ञान बढेगा और चर्चा के अंत में कोई कमी रह भी गई है तो संबंधित व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक प्रतिभागियों को उसके बचे पहलूओं पर चर्चा के लिए उत्प्रेरित करके और उनसे चर्चा कराकर उसकी पूर्ति कर देता है। इसलिए उन्हें इसके लिए किसी खास तैयारी की जरुरत नहीं है।
संख्या 14: ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्व-उत्प्रेरित, स्व-संचालित एवं स्व-नियंत्रित व्यक्तित्व का विकास करके प्रतिभागियों को अपने जीवन में समय-समय पर आने वाली चुनौतियों को प्रसन्नता एवं शांति के साथ सफलतापूर्वक सामना करने में सक्षम बनाना है। इसका शुल्क ‘कोई लाभ नहीं कोई हानि नहीं’ और ‘अंतर-सहायता’ के दो सिद्धांतों पर निर्धारित किया जाता है और 30% अभ्यर्थी, जो आर्थिक रूप से कमजोर होतें हैं, मात्र अपनी भुगतान क्षमता के अनुसार शुल्क का भुगतान करके इसका लाभ उठा सकतें हैं।
प्रश्न संख्या 15: इस कोर्स में प्रतिभागिता करने से मुख्यतः क्या लाभ होतें हैं?
उत्तर : इस कोर्स से प्राप्त होने वाले मुख्य लाभ: अपने व्यक्तित्व की अच्छी समझ, बेहतर आत्म-अनुशासन, सम्यक समय प्रबंधन, अपने परिवार के सदस्यों, सगे-सम्बन्धियों, मित्रों एवं अन्य लोगों के साथ बेहतर सम्बन्ध, बेहतर शैक्षणिक परिणाम, भविष्य में अपने जीवन का बेहतर प्रबंधन, अपनी नौकरी/पेशे में सफलता, प्रसन्नता में बृद्धि और सामाजिक प्रतिष्ठा में बृद्धि शामिल हैं। यह पाठ्यक्रम प्रतिभागी के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लायेगा और और वह अपने जीवन की सारी चुनौतियों का सामना शांतिपूर्ण तरीके एवं प्रसन्नतापूर्वक करते हुए सफल होता है। कोर्स की समाप्ति पर सामान्य मामलों में मात्र 1000 (एक हजार) रूपये और आर्थिक रूप से कमजोर प्रतिभागियों के लिए मात्र 500 (पाच सौ) रूपये के वार्षिक शुल्क पर दीर्घकालीन व्यक्तिगत मार्गदर्शन सेवा उपलब्ध कराई जाती है।
प्रश्न संख्या 16: मैं या मेरे परिवार के अन्य सदस्य ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में कैसे प्रवेश ले सकते हैं?
उत्तर: यदि आप या आप के परिवार का अन्य कोई सदस्य इस कोर्स में प्रवेश लेना चाहता है तो इस वेबसाइट से इसका पंजीकरण फॉर्म डाउनलोड करके और उसे ठीक से भरकर पंजीकरण शुल्क का डिजिटल भुगतान करके उसके विवरण के साथ ‘प्रयास’ को पोस्ट कर सकता है। अनंतिम प्रवेश देकर आप को या सम्बंधित व्यक्ति को सूचित कर दिया जाएगा। जब अनंतिम रूप से पंजीकृत प्रतिभागियों की सख्या 15 हो जायेगी तो इस बैच को एक ‘व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक’ आवंटित कर दिया जायेगा जो पंजीकृत व्यक्ति से संपर्क करके और इस कोर्स का शुल्क डिजिटल माध्यम से सीधे ‘प्रयास’ जमा कराएगा और उसका अंतिम अनुक्रमांक आवंटित कराएगा। सारी तैयारी हो जाने के बाद वह कोर्स के आरम्भ होने की सूचना पूरी समय-तालिका एवं अन्य विवरण के साथ संबंधित व्यक्ति को देगा। इसके अनुसार इस कोर्स में भाग लिया जा सकता है। कृपया ध्यान दे कि सम्बंधित मार्गदर्शक इसे अपने स्वतंत्र व्यावसाय की तरह ‘प्रयास’ के तकनीकी मार्गदर्शन में चलाएगा और वह आप के प्रति जबाबदेह होगा।
प्रश्न संख्या 17: क्या मैं ‘प्रयास के कार्यालय में आकर मिल सकता हूँ?
उत्तर: वर्तमान में हमारे दो कार्यालय हैं। पंजीकृत कार्यालय एच -19, चतुर्थ चरण, राप्ती नगर (लीटिल फ्लावर स्कूल के पास) राप्तीनगर गोरखपुर 273013 (संपर्क 7080210612 तथा 7080210614) में और मुख्यालय 513 फेलिक्स स्क्वायर सुशांत गोल्फ सिटी लखनऊ 226030 (संपर्क 8127569995 तथा 7080210615) में है। आप उक्त मोबाइल नंबर पर बात करके अपने मिलने का समय निर्धारित कराकर मिल सकते हैं और अपनी सभी शंकाओं का समाधान कर सकतें हैं।