फएक्यू /04
अंशकालिक व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक के रूप में कार्य करने के इच्छुक व्यक्तियों द्वारा प्राय: पूंछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न संख्या 1: समय-दान की अवधारणा क्या है और यह कैसे काम करती है?
उत्तर: हमारे समाज में काफी संख्या में ऐसे व्यक्ति हैं जो किसी कार्य में या तो किसी संस्था के अधिकारी या कर्मचारी के रूप में या स्व-उद्यमी के रूप में व्यस्त हैं या आय के किसी नियमित श्रोत से मात्र अपने परिवार की देखभाल कर रहें हैं। ऐसे व्यक्तियों के पास अपनी वर्तमान जिम्मेदारियों को पूरी करने के बाद भी कुछ अतिरिक्त समय बचा रह जाता है। इसके अतिरिक्त काफी संख्या में अच्छी सेहत वाली सेवानिवृत लोग भी हैं जिनके पास उनकी मासिक पेंशन के साथ सेवानिवृति के बाद मिलने वाले धन की जमा राशि पर ब्याज या पेंशन के स्थान पर निर्वाह निधि के समापन भुगतान के पैसे की जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज के रूप में मिलने वाली राशि भी होती है, के पास अपनी वर्तमान पारिवारिक जिम्मेदारियों को पूरा करने के बाद भी काफी अतिरिक्त समय बचता है। ऐसे सभी लोग वर्तमान में इस अतिरिक्त समय को किसी न किसी प्रकार व्यतीत कर रहें होगें। ऐसे अतिरिक्त समय रखने वाले व्यक्तियों में से कुछ ब्यक्ति दयालु स्वभाव के हो सकतें हैं जो समाज सेवा में अपने इस अतिरिक्त समय का दान की इच्छा रखतें तो हैं परन्तु उचित अवसर नही पा पातें हैं।
‘प्रयास’ अतिरिक्त समय रखने वाले और isइस समय का उपयोग समाज सेवा के लिए करने के इच्छुक सभी दयालु ह्रदय व्यक्तियों को अपने अतिरिक्त समय का दान उनके माध्यम से ‘प्रयास’ को प्राप्त सकल आय में एक निश्चित हिस्सेदारी के बदले में करके व्यक्तित्व रेखाकंन एवं विकास से सम्बंधित अपनी विभिन्न गतिबिधियों के संचालन एवं प्रबंधन अंशकालीन गतिविधि भागीदार के रूप में करने के लिए आमंत्रित करता है। इस प्रकार वें अपने इस अतिरिक्त समय का ofउपयोग समाज के लिए अत्यंत उपयोगी isइस कार्य के लिए isकर पातें हैं।and इस प्रक्रिया में वें सामाजिक प्रतिष्ठा अर्जित करने के साथ-साथ कुछ अतिरिक्त आय भी प्राप्त कर लेतें हैं। अतः उनके द्वारा ‘प्रयास’ को दिया गया यह समय दान पूरी तरह निशुल्क नहीं है बल्कि सकल आय में हिस्सेदारी मिलने के एवज में है।
समय दान की यह अवधारणा ‘प्रयास’ को अपनी सेवाओं का शुल्क कम कर पाने में सहायक सिद्ध होती है और ‘प्रयास’ अपने उपभोक्ताओं को उनकी व्यक्तिगत भुगतान क्षमता के अनुसार सेवा प्रदान करने में सक्षम हो पाता है। हमारे देश में भयंकर गरीबी है अतः गरीबों को भी व्यक्तित्व परीक्षण, रेखांकन, परामर्श एवं विकास सेवा का लाभ उनकी भुगतान क्षमता के अनुसार निश्चित सेवा शुल्क में प्रदान करने की आवश्यकता है। इस प्रकार ‘प्रयास’ समाजसेवा में रूचि रखने वाले दयालु ह्रदय वाले व्यक्तियों को अपने अतिरिक्त समय का सार्थक उपयोग स्व-उद्यम के रूप में करने के साथ-साथ अतिरिक्त आय एवं सामाजिक प्रतिष्ठा प्राप्त करने के लिए एक उपयुक्त मंच प्रदान करता है। आशा हैं आप इस अवसर का लाभ अवश्य उठायेगें। लोगों के पास वर्तमान में उपलब्ध ‘अतिरिक्त समय’ एक ऐसा महत्वपूर्ण संसाधन है जिसका यदि रचनात्मक एवं सकारात्मक उपयोग किया जाय तो इस देश का कायाकल्प संभव है।
प्रश्न संख्या 2: ‘गतिविधि भागीदार’ के रूप में कार्य करने के इच्छुक व्यक्ति द्वारा ‘प्रयास’ को किये जा रहे समय-दान की न्यूनतम तथा अधिकतम सीमा क्या है?
उत्तर: किसी भी व्यक्ति द्वारा ‘प्रयास’ को दी जा रही समय दान के लिए न्यूनतम समय 90 मिनट प्रतिदिन है परन्तु अधिकतम समय दान की कोई सीमा नही है। यह समय दान सप्ताह में रविवार को छोड़कर बाकी 6 दिन देना पड़ता है परन्तु विशेषज्ञों के लिए यह लागू नहीं है। वें अपनी उपलब्धता के अनुसार व्यक्तिगत मार्गदर्शन दे सकतें है। समय दान करने वाले व्यक्ति की आय उसके द्वारा दान दिए गए समय एवं उसकी उत्पादकता पर निर्भर पर निर्भर करेगी।
प्रश्न संख्या 3: ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ के संचालन एवं प्रबंधन एवं व्यक्तित्व परीक्षण, रेखांकन एवं विकास से सम्बंधित उसकी अन्य गतिविधियों में सहायता प्रदान करने के लिए क्या मैं स्वयं को ‘प्रयास’ के अंशकालिक ‘व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक’ के रूप में पंजीकृत कर सकता हूँ?
उत्तर: चूँकि ‘प्रयास’ न्यूनतम मूल्य पर गुणवत्तायुक्त विभिन्न प्रकार व्यक्तित्व विकास सेवायें प्रदान करने के लिए प्रयासरत है ताकि ग्रामीण और शहरी गरीब अभिभावक भी अपने बच्चों, स्वयं और अपने परिवार के अन्य सदस्यों के लिएis इन सेवाओं का लाभ अपनी भुगतान क्षमता के अनुसार ही सेवा शुल्क का भुगतान करके उठा सकें अतः यह पूरे वेतन पर पूर्णकालीन कर्मचारी नही रख सकता। अतः निम्न कोटियों के व्यक्ति जिनके पास सप्ताह में 6 दिन (रविवार को छोड़कर) कम से कम 90 मिनट का खाली समय है, हमसे निशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त करके हमारे अंशकालीन व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक के रूप में कार्य करके न केवल अपने खाली समय का सदुपयोग करके समाज के स्वस्थ विकास में अपना योगदान करके आत्मसंतुष्टि प्राप्त कर सकते हैं बल्कि इस प्रक्रिया में कुछ अतिरिक्त आय भी प्राप्त कर सकते हैं। परन्तु इसके लिए उन्हें ‘व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक’ के रूप में सफलतापूर्वक कार्य कर पाने की अपनी व्यक्तिगत क्षमता की वस्तुनिष्ट जाँच स्वयं करनी होगी। इसके लिए आवश्यक है कि वें ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ से सम्बंधित सारी सामग्री अच्छी तरह पढ़कर बच्चों या अन्य व्यक्तियों के लिए इसकी उपयोगिता को पहले स्वयं समझें तथा उसके बाद आवश्यक सामग्री डाउनलोड करके कक्षा 8 या उसके ऊपर के विद्यार्थियों के अभिभावकों से संपर्क करके उन्हें अपने बच्चों को is इस कोर्स में प्रवेश दिलाने के लिए उत्प्रेरित करें। यदि वें 10 से 15 अभिभावकों को तैयार कर लेते हैं तो वें यह कोर्स अपने आवास से ही चला सकतें हैं। साथ ही वह पूरे गर्व से कह सकतें हैं कि वें एक सकारात्मक एवं समाजोपयोगी कार्य में संलग्न हैं। चूंकि यह कार्य बच्चों के आचार-विचार में सकारात्मक परिवर्तन लाकर उनके जीवन में सफलता, शांति एवं प्रसन्नता लाएगा, यह आप की सामाजिक प्रतिष्ठा में बृद्धि करने के साथ-साथ आप को शांति एवं प्रसन्नता भी प्रदान करेगा।
निम्नलिखित कोटि के व्यक्ति ‘व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक’ की भूमिका एक गतिविधि भागीदार से रूप में अदा कर सकतें हैं।
- विभिन्न सरकारी एवं निजी क्षेत्र के विभिन्न पदों से सेवानिवृत हुए लोग जो स्वस्थ हैं और जिनके पास अपनी दैनिक जिम्मेदारियों को पूरा करने के बाद भी कुछ खाली समय उपलब्ध है।
- निजी छोटे स्व-वित्तपोषित विद्यालयों के अध्यापक जिनका वेतन इतना कम है कि उससे उनके घर का खर्च ठीक से चला पाना कठिन होता है और जो विद्यालय समय के पहले या बाद में खाली हैं।
- शिक्षित गृहिणिया जो विशेष पारिवारिक कारणों से घर के बाहर जाकर कार्य नहीं कर सकती हैं और उनके लिए अपना खाली समय बिताना मुश्किल होता है।
- ऐसे विद्यार्थी जो अपनी शिक्षा पूर्ण कर चुके हैं पंरतु अभी तक बेरोजगार हैं।
- कोई भी व्यक्ति जिसके पास अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के बाद भी खाली समय उपलब्ध है ।
यदि आप का सम्बन्ध ऊपर की किसी श्रेणी से भी हैं तो हमारे व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक के रूप में पंजीकरण कराकर और हमसे आवश्यक प्रशिक्षण निशुल्क प्राप्त करके इस कोर्स को चलाकर तथा हमारे अन्य कार्यों में सहयोग करके न केवल अपने खाली समय का सदुपयोग कर सकतें हैं बल्कि अतिरिक आय भी प्राप्त करके के साथ-साथ अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि कर सकतें हैं।
प्रश्न संख्या 04: व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक के रूप में एक बार पंजीकृत हो जाने के बाद क्या यह पंजीकरण आजीवन होता है या कुछ समय बाद इसके नवीनीकरण की आवश्यकता होती है?
उत्तर: एक बार व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक के रूप में पंजीकृत हो जाने के बाद कोई भी व्यक्ति जीवन पर्यंत समय समय पर ‘प्रयास’ द्वारा निश्चित जिम्मेदारी का निर्वाह कर सकता है बशर्ते किसी कदाचार या गवन आदि के कारण उसका पंजीकरण निरस्त न कर दिया गया हो। badबाद में यदि वह यह सिद्ध कर देता है कि उसके ऊपर लगाए गए आरोप सत्य नहीं थे तो उसे व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक के रूप में पुनः कार्य करने की अनुमति दी जा सकती है और ऐसी स्थिति में उसे पुनः अपना पंजीकरण कराना होगा लेकिन यह निशुल्क होगा। ऐसे अनुशासनिक मामलों में ‘प्रयास’ का निर्णय ही अंतिम होगा।
प्रश्न संख्या 05: ‘प्रयास’ की कौन गतिविधि सबसे महत्वपूर्ण है और क्यों?
उत्तर: ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ जिसमे प्रतिभागी के व्यक्तित्व का परीक्षण, रेखांकन एवं नियोजित विकास शामिल है, ‘प्रयास’ द्वारा संचालित सबसे महत्वपूर्ण गतिविधि है। यह एक समेकित व्यक्क्तित्व चिन्हीकरण एवं विकास कार्यक्रम है जो प्रतिभागियों की सोच एवं व्यवहार में मौलिक एवं सकारात्मक परिवर्तन लाता है। किसी भी व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन लाना अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य है जिसमें यह कार्यक्रम सहायक सिद्ध होता है। अतः यह सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।
प्रश्न संख्या 06: ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों के अंदर एक आंतरिक रूप से संचालित एवं स्व-उत्प्रेरित व्यक्तित्व का विकास करके उनको अपने जीवन की सारी चुनौतियों का प्रसन्नता एवं शांति के साथ सफलतापूर्वक सामना करने में सक्षम बनाना है। इसका शुल्क ‘कोई लाभ नहीं कोई हानि नहीं’ और ‘अंतर-सहायता’ के दो सिद्धांतों पर निर्धारित किया जाता है और 30% अभ्यर्थी मात्र अपनी भुगतान क्षमता के अनुसार शुल्क का भुगतान करके इसका लाभ उठा सकतें हैं।
प्रश्न संख्या 07: क्या मुझें अपने खर्च पर ‘प्रयास’ से प्रशिक्षण प्राप्त करना है या मेरे द्वारा किया गए खर्चों की प्रतिपूर्ति ‘प्रयास’ द्वारा की जायेगी?
उत्तर: यद्यपि प्रशिक्षण पूर्णतया निशुल्क है और आन लाइन है।
प्रश्न संख्या 08: ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ के प्रतिभागियों आयु वर्ग क्या होता है?
उत्तर: निम्न कोटि के व्यक्ति इस कोर्स में भाग ले सकते हैं।
- आठवी कक्षा एवं उसके ऊपर के विद्यार्थी
- विभिन्न आयु वर्गों के कार्यरत या अपने परिवार की देखरेख करने वाले वयस्क (पुरुष एवं स्त्री)
इस कोर्स के विषय चर्चा बिंदु प्रतिभागियो की आयु एवं जीवन के उस सोपान की आवश्यक्तानुसार निश्चित किये जातें हैं। 26 वर्ष से कम आयु के विद्यार्थियों के मामलों में किसी एक बैच के प्रतिभागियों की आयु में अधिकतम अन्तर मात्र एक वर्ष का रखा जाता है ताकि उस समूह की समझ का स्तर एक जैसा हो। परन्तु वयस्कों के मामलों में 26 से 60 वर्ष, 60 वर्ष के ऊपर और 75 वर्ष से नीचे और 75 वर्ष के ऊपर के वयस्कों के अलग अलग बैच बनाएं जातें हैं क्योकि इन आयु वर्गों के व्यक्तियों की आवश्यकतायें अलग अलग होती हैं। कार्यरत सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की विशेष आवश्यकता को ध्यान में रखकर उनके लिए अलग बैच बनाए जातें हैं।
प्रश्न संख्या 9: छठवीं या उसके नीचे की कक्षा के विद्यार्थी या 11 वर्ष से कम के बच्चे का व्यक्तित्व निर्धारण क्यों नहीं किया जाता या उसे ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में शामिल क्यो नही किया जाता?
उत्तर : हमें यह बात समझने की आवश्यकता है kiकि बच्चे के व्यक्तित्व के क्रमशः निर्माण का आरम्भ जीवन के शुरू के वर्षों में हो जाता है और उसके विकास की यह प्रक्रिया जीवन पर्यंत चलती रहती है। अतः व्यक्तित्व में बदलाव की प्रक्रिता सतत चलती रहती है। प्रसिद्द फ्रेंच मनोवैज्ञानिक ‘पाइगेट’ के व्यक्तित्व विकास के सिद्धांत के अनुसार बच्चें के व्यक्तित्व के विकास के चार आरंभिक चरण होतें हैं जो उसकी आयु से सम्बन्ध रखते हैं। वें सेंसोरिमोटर (2 वर्ष तक), preक्रियात्मक-पूर्व (2 से 7 वर्ष तक), निश्चित क्रियात्मक (7 से 11 वर्ष तक) तथा औपचारिक क्रियात्मक (11 वर्ष से 15) हैं। अतः 15 वर्ष तक बच्चे का व्यक्तित्व पूरी तरह स्थिर हो जाता है और ठोस स्वरुप धारण कर लेता है। चूँकि 15 वर्ष का बच्चा हाई स्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाला होता है और यह परीक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है इसमें अच्छा करने के लिए आवशयक है कि इस परीक्षा के कम से कम दो वर्ष पूर्व बच्चे के व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन लाया जाय। अतः ‘प्रयास’ 13 वर्ष या उसके ऊपर के बच्चों का व्यक्तित्व निर्धारण करता है और उनका प्रवेश ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में भी लेता है। 13 वर्ष का बच्चा या तो कक्षा 8 कक्षा में पढ़ रहा होता है या इसे उत्तीर्ण कर चुका रहता है क्योकि कक्षा 1 में औपचारिक औपचारिक प्रवेश के लिए बच्चे की आयु 5 वर्ष होना आवश्यक है। इसलिए 13 वर्ष से कम के बच्चे का न तो व्यक्तित्व परीक्षण किया जाता है और न तो प्रयास फाउंडेशन कोर्स में ही प्रवेश दिया जाता है।
प्रश्न संख्या 10: ‘व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक’ का कार्य अंशकालिक क्यों रख गया है?
उत्तर: चूँकि ‘प्रयास’ न्यूनतम मूल्य पर विभिन्न गुणवत्तायुक्त व्यक्तित्व विकास सेवायें प्रदान करने के लिए प्रयासरत है ताकि ग्रामीण और शहरी गरीब अभिभावक भी अपने बच्चों, स्वयं और अपने परिवार के अन्य सदस्यों के लिए isइसकी सेवाओं का लाभ अपनी भुगतान क्षमता के अनुसार सेवा शुल्क का भुगतान करके उठा सकें अतः यह पूरे वेतन पर पूर्णकालीन कर्मचारी नही रख सकता। अतः वें व्यक्ति जिनके पास सप्ताह में 6 दिन (रविवार को छोड़कर) कम से कम 90 मिनट का खाली समय है, हमसे निशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त करके हमारे अंशकालीन व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक-गतिविधि भागीदार के रूप में कार्य करके न केवल अपने खाली समय का सदुपयोग करके समाज के स्वस्थ विकास में अपना अंशकालिक योगदान करके आत्मसंतुष्टि प्राप्त कर सकते हैं बल्कि इस प्रक्रिया में कुछ अतिरिक्त आय भी प्राप्त कर सकते हैं।
’प्रश्न संख्या 11: इस कार्य से ‘व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक’ को संभावित मासिक आय क्या हो सकती है?
उत्तर: प्रयास फाउंडेशन कोर्स का वर्तमान शुल्क मात्र 5000 (पांच हजार) रुपये है। पूरा व्यक्तित्व निर्धारण शुल्क और मार्गदर्शन शुल्क का 70% प्रतिशत व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक को प्राप्त होगा। इसके एवज में उसे अपने समूह के लिए प्रतिभागियों की व्यवस्था करनी है। उदाहरण के तौर पर वर्तमान मार्गदर्शन शुल्क के सन्दर्भ में यदि वह 15 प्रतिभागियों का एक बैच तैयार कर पाता हैं तो उसे प्रत्येक माह 6000 (छः हजार) रुपये से अधिक की आय होगी। यदि वह प्रतिदिन इसी कोर्स के 15-15 प्रतिभागियों के दो बैच चला पाता है तो उसे महीने में 12000 (बारह हजार) से अधिक् रुपये मिल सकते हैं। हम अलग से बच्चों के व्यक्तित्व का परीक्षण एवं उसके परिणाम के आधार पर उनके व्यक्तित्व का निर्धारण करके उन्हें परामर्श भी देतें हैं। यदि कोई व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक किसी बच्चे के अभिभावक को अपने बच्चे के व्यक्तित्व निर्धारण एवं परामर्श के लिए तैयार करके यदि उसका पंजीकरण कर देता है तो इसकी फीस (वर्तमान शुल्क 750 रुपये) का 20% उसे प्रोत्साहन राशि के रूप में प्राप्त होगा। बच्चों के अंदर भावनात्मक एवं आध्यात्मिक/नैतिक बुद्धिमत्ता विकसित करने के लिए हमारे द्वारा प्रकाशित हिंदी में पाकेट बुक “सफलता कैसे प्राप्त करें” और अग्रेजी में “HowHow to be successful? “ बेची जाती हैं। इसी प्रकार उनके माता पिता और परिवार के अन्य वयस्क सदस्यों के व्यक्तित्व विकास के लिए हिंदी में पाकेट बुक “जीवन का आनंद” तथा अग्रेजी में “Happiness Unlimited Happiness बेची जाती हैं। इनका वर्तमान मूल्य क्रमशः 20 तथा 30 रुपये हैं। यें पुस्तकें 40 % छूट पर व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शकों और विक्रय प्रतिनिधियों को अग्रिम भुगतान करने पर आगे बिक्री हेतु उपलब्ध कराई जातीं हैं। उन्हें वे अपनी सुविधानुसार बेचकर लाभ के माध्यम से अतिरिक्त आय कर सकते हैं । अपने नेटवर्क का विस्तार करते रहने से उसकी मासिक आय बढ़ती रहेगी। और अधिक विवरण के लिए ‘व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक’ की पंजीकरण योजना देखें।
प्रश्न संख्या. 12: ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ के संचालन एवं प्रबंधन के एवज में मुझें कुल शुल्क का 70% प्राप्त होगा जो काफी नहीं है। क्या मैं प्रतिभागियों या उनके अभिभावकों की सहमति के मासिक मार्गदर्शन शुल्क बढ़ा सकता हूँ? क्या इसकी कोई अधिकतम सीमा है?
उत्तर: मात्र 90 मिनट देकर इस कोर्स के एक बैच चलाने पर 6000 रूपये से ज्यादा और दो बैच चलाने पर 12000 (बारह हजार) रूपये से अधिक की मासिक आय o रही है जो कम नहीं है। दूसरे अपने नेटवर्क का विस्तार करके आप नेटवर्क विस्तार प्रोत्साहन एवं लीडरशिप बोनस राशि प्राप्त करके अपनी आय काफी बढ़ा सकतें हैं अतः ऐसा कोई विकल्प नहीं है।
प्रश्न संख्या 13: चूँकि प्रयास फाउंडेशन कोर्स से होने वाली आय एक सीमा से अधिक नहीं बढ़ायी जा सकती है और मासिक आय बढ़ाने के और क्या तरीके हो सकतें हैं?
उत्तर: लोगों को ‘प्रयास’ द्वारा अपने व्यक्तित्व का परीक्षण, रेखांकन एवं परामर्श प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकाशनों को खरीदने के लिए उत्प्रेरित करके भी अपनी आय बढ़ा सकते हैं। अतः आय बढ़ाने के कई विकल्प उपलब्ध हैं परन्तु इस दौरान कोर्स की गुणवत्ता पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।
प्रश्न संख्या 14: यह कैसे सिद्ध होता है की ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में भाग लेने से प्रतिभागी के व्यक्तित्व का विकास उचित दिशा में हो रहा है? क्या प्रतिभागी को कोर्स के अंत में ऐसा परिवर्तन दर्शित करता हुआ कोई प्रमाणपत्र दिया जाता है?
उत्तर: इस कोर्स में प्रवेश लेने के एक माह के अन्दर प्रतेक प्रतिभागी के व्यक्तित्व की जाँच की जाती है और उसके परिणाम के आधार पर उसके प्रवेश पूर्व व्यक्तित्व का रेखांकन किया जाता है। इस कोर्स की समाप्ति के 15 दिन पूर्व उसके व्यक्तित्व की पुनः जाँच करके उसके व्यक्तित्व का संशोधित रेखांकन किया जाता है। इन दोनों रेखांकनों की तुलना करके उसके व्यक्तित्व में हुए परिवर्तन को इंगित करते हुए एक व्यक्तित्व विकास रपट बनाई जाती है जिसमें उसके व्यक्तित्व की मौलिक विशिष्टताये भी इंगित की जाती है और भविष्य में भी उसके व्यक्तित्व के विकास की निरंतरता बनाए रखने के लिए कुछ सुझाव भी दिए जातें हैं। इन्हें उसके अभिभावक तथा स्कूल या कॉलेज को लागू करने के लिए कहा जाता है। यह रपट कोर्स की समाप्ति पर प्रतेक प्रतिभागी को दी जाती है। इसको देखकर उसके अभिभावक तथा परिवार के अन्य सदस्य या स्कूल उसके व्यक्तित्व में हुए सकारात्मक परिवर्तन का आसानी से पता लगा सकतें हैं। ये परिवर्तन उसके दैनिक आचार-विचार में भी दिखतें हैं।
प्रश्न संख्या 15: जब कोई विद्यार्थी अपने विद्यालय में नियमित रूप से अध्ययन कर रहा है या अपना अध्ययन पूर्ण करके अच्छी-खासी नौकरी कर रहा है तो फिर उसे ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में भाग लेने की क्या आवश्यकता है? इस कोर्स में ऐसी क्या ख़ास बात है?
उत्तर: वर्तमान में विभिन्न विद्यालयों/महाविद्यालयों/विश्वविद्यालयों के पास मात्र इतना ही समय होता है कि वें किसी प्रकार विभिन्न विषयों का पाठ्यक्रम ही पूरा कर सकें। उनके पास इतना समय नहीं होता कि वे विद्यार्थी के व्यक्तित्व की वैज्ञानिक तरीकों से जाँच करके उसकी विशेषताओं, शक्तिओं और कमजोरियों पता लगा सकें और सुनियोजित तरीके से उसके व्यक्तित्व का विकास सुनिश्चित कर सकें। ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ इसी विशेष कार्य को करता है और प्रतिभागियों की भावनात्मक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक या नैतिक बुद्धिमत्ता को विकसित करने में सहायक सिद्ध होता है। अति उच्च मानसिक बुद्धिमत्ता के धनी विद्यार्थी भी कुछ नकारात्मक आदतों जैसे कठिन श्रम से भागना, नियोजित ढंग से एवं एकाग्रचित्त होकर अध्ययन न करने के कारण परीक्षा में अच्छे अंक नहीं प्राप्त कर पातें हैं। ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ व्यक्तित्व की विसंगतियों को चिन्हित करके उन्हें स्वेछिक प्रक्रिया द्वारा दूर करता है जिससे बेहतर परिणाम के साथ-साथ प्रतिभागी के व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन आता है और वें अपने जीवन में शांति एवं प्रसन्नता के साथ सफलता प्राप्त कर लेतें हैं और अपनी इच्छानुसार अपना भविष्य बना सकतें हैं। शिक्षा के वर्तमान ढाँचे में स्कूलों तथा कॉलेजों आदि के लिए यह कार्य कर पाना काफी कठिन होता है।
जहा तक वयस्कों का प्रश्न है, हमें यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि किसी भी एक समय पर प्रतेक व्यक्ति का व्यक्तित्व उसकी आयु के निरपेक्ष उसकी बुद्धिमत्ता (मानसिक, भावनात्मक एवं आध्यात्मिक/नैतिक) की संरचना एवं आदतों के संदर्भ में बिलकुल अनूठा होता है। इसका प्रभाव उसके वर्तमान नौकरी या पेशे जिसमें स्वरोजगार भी शामिल है, में उसकी अपनी प्रभावशीलता पर पड़ता है। अतः उसके व्यक्तित्व की ताकतों एवं कमजोरियों का पता लगाने के लिए उसके व्यक्तित्व का रेखांकन करना आवश्यक है ताकि उसके कार्य में अच्छे परिणाम के लिए इन कमजोरियों को नियोजित ढंग के दूर किया जा सके। इससे वह अपने नौकरी या पेशे में तीव्र प्रगति करने में सफल हो सकता है।
प्रश्न संख्या 16: एक विद्यार्थी अपने स्कूल या कॉलेज में विभिन्न विषयों के अध्ययन और उसके बाद उनकी कोचिंग आदि में सुबह से शाम तक व्यस्त रहता है। अतः रोजाना उसके पास ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ के लिए 90 मिनट का समय कहाँ से आयेगा? इसी प्रकार वयस्क भी अपनी नौकरी या पेशे या पारिवारिक जिम्मेदारियों में सुबह से शाम तक काफी व्यस्त रहता है। अतः वह भी इस कोर्स के लिए प्रतिदिन 90 मिनट कैसे निकलेगा?
उत्तर: वर्तमान में विद्यार्थियों द्वारा अपने विद्यालय एवं कोचिंग आदि में व्यतीत किये गए समय काof कोई भी दीर्घकालीन एवं व्यवहारिक लाभ नहीं होगा यदि उनकी सोच एवं व्यवहार सकारात्मक नहीं होगा और उनका आचरण स्व-निर्देशित एवं स्व-नियत्रित नही होगा। चूँकि प्रयास फाउंडेशन कोर्स उनकी सोच एवं व्यवहार को सकारात्मक एवं उनके व्यक्तित्व को आत्मनिर्देशित एवं स्व-नियंत्रित बनाता है जिसके कारण वें अपने बल पर अपनी अभिरुचि के अनुसार अपने भविष्य का निर्माण कर सकतें हैं, अतः उन्हें अपनी सभी वर्तमान व्यस्तताओं के वावजूद 90 मिनट का समय अपनी सुविधानुसार इस कोर्स में भाग लेने के लिए अवश्य निकलना चाहिए। इस कोर्स को सफलातापूर्वक पूर्ण कर लेने के बाद प्रतिभागी के अन्दर दैनिक समस्याओं से खुद संघर्ष करने की प्रवृति विकसित हो जाने के कारण कोचिंग लेने की आवश्यकता एवं दूसरों पर निर्भर रहने की प्रवृति काफी कम हो जाती हैं क्योकि वह किसी भी विषय को अपने प्रयास से अच्छी तरह समझ लेता है। इससे न केवल पैसे की बचत होती है बल्कि कोचिंग आदि पर लगने वाला समय भी बचता है। स्व-प्रयास एवं स्वावलंबन के स्थान पर दूसरों पर निर्भरता दीर्घ काल में काफी हानिकारक सिद्ध हो सकती है। अतः प्रबल इच्छाशक्ति होने पर 90 मिनट का समय निकाल पाना कठिन नही होगा।
वयस्कों के मामलों में उनकी वर्तमान कार्यकुशलता व्यक्तित्व संबंधी कमियों के कारण उनकी व्यक्तिगत प्रभावशीलता अपेक्षाकृत काफी कम हो सकती है और उसके अन्दर सकारात्मक सोच, आदतें एवं आत्म-निर्भरता विकसित किये बिना इसमें सुधार संभव नहीं है जो प्रयास फाउंडेशन कोर्स विकसित करता है। अतः इसके लिए 90 मिनट का समय निकालना न केवल वांछित है बल्कि अति आवश्यक है। किसी भी व्यक्ति द्वारा प्रयास फाउंडेशन कोर्स सफलतापूर्वक पूर्ण कर लेने के बाद उसकी समय-प्रबंधन क्षमता एवं व्यवहार की प्रभाविकता में काफी सुधार हो जाता है और अपने व्यक्तित्व के अनुरूप जो भी कार्य करता है उसमें सफल हो जाता है। अतः इस कोर्स के लाभों को ध्यान में रखकर सप्ताह के छः दिन 90 मिनट समय निकालना आवश्यक है।
प्रश्न संख्या 17: कोई भी विद्यार्थी अपने वर्तमान अध्ययन एवं कोचिंग आदि से इतना थक जाता है कि प्रयास फाउंडेशन कोर्स में भाग लेने के लिए शायद ही उसके पास कोई ऊर्जा बचती है और इस कोर्स में भाग लेने से वह और भी थक जाएगा। इसी प्रकार वयस्क भी भारी कार्यभार से काफी थक जाता है अतः उसके पास भी इस कोर्स में भाग लेने के लिए कोई भी ऊर्जा नहीं बचेगी और इसमें भाग लेकर वह और अधिक थक जाएगा।
उत्तर: यह ध्यान देने वाली बात है कि प्रयास फाउंडेशन कोर्स सामान्य कोचिंग कोर्स की तरह नहीं है जिसमें ट्यूटर प्रतिभागियों को विभिन्न कठिन विषय वस्तुओं को समझाने का प्रयास करता है और विद्यार्थी एक कोचिंग से दूसरे कोचिंग के बीच दौड़ लगाते लगाते और इस विषयों को समझते समझते भयंकर मानसिक एवं शारीरिक थकान के शिकार हो जातें हैं। प्रयास फाउंडेशन कोर्स के प्रतिभागियों को किसी अध्यापक द्वारा कोई कठिन विषय, जिसका प्रतिभागी को कोई ज्ञान ही न हो, नहीं पढ़ाया जाता है जिसकों समझने के लिए उसे मानसिक कसरत करनी पड़े। इसके स्थान पर उसे अपनी रूचि के विषय पर मात्र एक पृष्ट लिखकर पोस्ट करने के लिए कहा जाता है और उसके दैनिक जीवन, परिवार एवं अपने आस-पास के समाज की समस्याओं के सम्बंधित ज्वलंत विषयों पर विचार मंथन कराया जाता है जिसमें वह अपनी वर्तमान समझ एवं ज्ञान के अनुसार अपने विचार बिना किसी रुकावट के प्रस्तुत करता है। उसे अपने सह-प्रतिभागियों के विचारों को सुनने का अवसर मिलता है और उनपर वह अपनी टिप्पणी देता है। यह पूरी प्रक्रिया प्रतिभागी अपने स्मार्ट मोबाइल फोन द्वारा घर बैठे करता है। अतः वह विचार मंथन की इस रुचिकर प्रकिया में थकने के स्थान पर और अधिक तरोताजा हो जाता है और अपने अगली कक्षा या कोचिंग आदि के लिए और अधिक ऊर्जा के साथ भाग लेने के लिए तैयार हो जाता है जो कि सफलता के लिए आवश्यक है। अतः इस कोर्स में भाग लेने से थकावट होने का प्रश्न ही नहीं उठता। यही बात एक वयस्क के लिए भी लागू होती है। यह कोर्स प्रतिभागियों में मानसिक एवं शारीरिक थकावट के स्थान पर ताजगी पैदा करता है।
प्रश्न संख्या 18: वर्तमान में अभिभावक अपने बच्चों के स्कूल एवं कोचिंग की भारी भरकम फीस पहले से ही दे रहें हैं अतः उनसे 750 रूपये व्यक्तित्व परीक्षण, रेखांकन एवं परामर्श के लिए या 5000 रूपये ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में सहभागिता के लिए मांगना कठिन प्रतीत होता है। वयस्कों को भी अपने परिवार एवं अन्य सामाजिक जिम्मेदारियों के खर्च उठाना पड़ता है अतः वें भी इस फीस का भुगतान कैसे कर पायेगें?
उत्तर: बाजार में व्यक्तित्व परीक्षण, रेखांकन, परामर्श एवं विकास के वर्तमान शुल्क को देखते हुए मात्र 750 रूपये व्यक्तित्व परीक्षण, रेखांकन एवं परामर्श के लिए या मात्र 5000 रूपये छः माह के ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में सहभागिता के लिए ज्यादा नहीं है। प्रयास फाउंडेशन कोर्स में भागीदारी से संभावित लाभ उसके शुल्क से कई गुना है अतः अभिभावकों के लिए मात्र पांच हजार रूपये की व्यवस्था करना बुद्धिमानी का कार्य होगा। इसके प्रतिभागियों की सोच एवं व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन आता है और वें अपने अध्ययन का प्रबंधन काफी अच्छे तरीके से करके आशातीत सफलता प्राप्त कर सकते हैं। प्रतिभागी वयस्क भी अपनी पारिवारिक एवं कार्य संबंधी जिम्मेदारियों का निर्वाह पहले की तुलना में काफी अच्छी तरह कर सकतें हैं। अतः जब भी आप किसी अभिभावक से अपने परिवार के किसी बच्चे या वयस्क के व्यक्तित्व के परीक्षण, रेखांकन तथा व्यक्तिगत परामर्श या प्रयास फाउंडेशन कोर्स में पंजीकरण के लिए मिलें तो इस कार्य या इस कोर्स के इस लाभदायक पहलू की तरफ उनका ध्यान अवश्य आकर्षित करें।
प्रश्न संख्या 19: विभिन्न स्कूल/कॉलेज/विश्वविद्यालय समय समय पर आयोजित लघु-कालीन कार्यक्रमों या ख्यातिप्राप्त व्यक्तियों के लेक्चर आदि द्वारा अपने छात्रों के व्यक्तित्व का विकास तो करते ही रहतें हैं फिर इस कोर्स की क्या आवश्यकता है?
उत्तर: जैसा की ऊपर बताया गया है, अधिकाँश स्कूल, कॉलेज तथा विश्वविद्यालय अपना पूरा ध्यान अपने पाठ्यक्रम को किसी प्रकार पूरा करने में लगाते हैं और उनके पास विद्यार्थी के व्यक्तित्व में सकारात्मक गुणों को विकसित करने के लिए पर्याप्त समय ही नहीं होता है। यह कटु सत्य है की छोटी अवधि के कार्यक्रम या महत्वपूर्ण व्यक्तियों के व्याख्यान प्रतिभागियों की सोच एवं व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन नही ला पातें हैं क्योकि उनकी अवधि सम्बंधित विचारों को प्रतिभागी के मस्तिष्क में स्थाई रूप में घर करने के लिए पर्याप्त नहीं होती है। प्रयास फाउंडेशन कोर्स जिसकी अवधि छह माह की होती है उन्मुक्त विचार मंथन प्रक्रिया के माध्यम से प्रतिभागियों के अन्दर आत्म-नियंत्रित एवं स्व-निर्देशित व्यक्तित्व का विकास सुनिश्चित करता है जो किसी नियमित स्कूल, कॉलेज या विश्वविद्यालय के लिए कर पाना कठिन है क्योकि वह अपना कोर्स पूरा करने के साथ साथ अन्य कई गतिविधियों में भी व्यस्त रहते हैं।
प्रश्न संख्या 20: बच्चों को प्रयास फाउंडेशन कोर्स इतना शीघ्र क्यों ज्वाईन करना चाहिए? क्या वें इसे बाद में नहीं ज्वाइन कर सकते? इसी प्रकार कोई वयस्क जिसके पास नौकरी है और कोई समस्या नहीं है इसे क्यों ज्वाइन करे?
उत्तर: एक छात्र के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण सोपान उसका हाई स्कूल की परीक्षा का परिणाम होता है क्योकि इसी के परिणाम के आधार पर वह अपनी आगे की पढाई तथा उसके पूरा हो जाने के बाद की नौकरी आदि का चयन करता है। अतः इस कोर्स से अधितकम लाभ प्राप्त करने के लिए इस सोपान आने के काफी पहले ही उसके व्यक्तित्व की सभी कमियों का पता लगाकर उन्हें दूर कर देना चाहिए। व्यक्ति की सोच एवं व्यवहार में परिवर्तन के लिए पर्याप्त समय चाहिए ताकि नए विचार या सोच उसके मष्तिष्क में ठीक से बैठ जाय। अतः ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ कक्षा 8 या उसके ऊपर के विद्यार्थियों के लिए 6 माह की अवधि के लिए चलाया जाता है। अतः किसी भी प्रतिभागी को बिना इन्तजार किये इस कोर्स को शीघ्रातिशीघ्र ज्वाइन करना चाहिए। जो कोर्स अध्ययन और उसके बाद की नौकरी के लिए इतना लाभदायक हो इसे ज्वाइन करने में विलम्ब क्यों करना चाहिए? नौकरी-पेशा व्यक्ति अपनी नौकरी या पेशे में शीघ्रातिशीघ्र प्रोन्नति, सफलता एवं अन्य लोगों की सराहना चाहता है। प्रयास फाउंडेशन कोर्स यह सभी सुनिश्चित करता है।
प्रश्न संख्या 21: अध्ययन में अच्छे परिणाम, उसके बाद एक अच्छी नौकरी प्राप्त करने, या कोई सफल पेशा अपनाने के लिए मानसिक बुद्धिमत्ता के तुलना में भावनात्मक, सामाजिक एवं नैतिक या आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता का क्या महत्त्व है? यदि किसी व्यक्ति की मानसिक बुद्धिमता का स्तर उच्च है तो वह आसानी से एक अच्छी नौकरी प्राप्त करके अच्छी आय प्राप्त कर सकता है। अतः किसी को ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ जो भावनात्मक, सामाजिक एवं नैतिक या आध्यात्मिक बुद्धिमता विकसित करने का दावा करता है, क्यों ज्वाइन करना चाहिए?
उत्तर: कोई ही नियोजक किसी ऐसे किसी भी व्यक्ति को नौकरी नहीं देना चाहेगा जिसकी मानसिक बुद्धिमत्ता तो काफी तेज है परन्तु उसकी भावनात्मक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता का सम्यक विकास नहीं हो पाया है। इसका कारण यह है कि अधिकांश कार्यों या नौकरियों या पेशों, जिसमें स्व-रोजगार भी शामिल है, में व्यक्ति को समूह में अन्य कर्मचारियों या सहकर्मियों के साथ एक टीम के रूप में कार्य करना पड़ता है और अपने नीचे के लोगों एवं सहकर्मियों का सहयोग एवं ऊपर के लोगों का मार्गदर्शन भी प्राप्त करना पड़ता है। कमजोर भावनात्मक, सामाजिक एवं नैतिक या आध्यात्मिक बुद्धिमता वाला व्यक्ति, अपने कनिष्क एवं वरिष्ट कर्मचारियों/अधिकारियों एवं अपनी टीम के अन्य सदस्यों से आवश्यक सहयोग तथा मार्गदर्शन नहीं प्राप्त कर पाता है और अपनी ही बात पर अड़े रहने के कारण सबसे अलग-थलग पड़ जाता है। इसके फलस्वरूप वह न केवल स्वयं असफल हो जाता है बल्कि संस्था की सफलता में भी बाधक बन जाता है और कुछ ही दिनों में नौकरी से निकाला जा सकता है। अतः यदि किसी व्यक्ति की भावनात्मक, सामाजिक तथा नैतिक या आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता अविकसित है तो वह अच्छे शैक्षणिक परिणाम के बावजूद भी अच्छी नौकरी नहीं प्राप्त कर पाता है। चूँकि ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ उन्मुक्त विचारमंथन प्रक्रिया के माध्यम से भावनात्मक, सामाजिक तथा नैतिक या आध्यात्मिक बुद्धिमता का सम्यक विकास सुनिश्चित करता है। अतः जो भी व्यक्ति, चाहे वह विद्यार्थी हो या वयस्क, यदि एक शांतिपूर्ण, प्रसन्न एवं सफल जीवन और एक शानदार भविष्य चाहता है तो उसे इस कोर्स को अविलम्ब ज्वाइन करना चाहिए।
प्रश्न संख्या 22: ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ की क्लास में जाने के पूर्व क्या क्या तैयारी करनी पड़ती है? इसके लिए प्रतिभागियों को अतिरिक्त समय कहाँ से मिलेगा?
उत्तर: इसके क्लास के लिए कोई खास तैयारी नहीं करनी पड़ती है। प्रतिभागी को अपनी रूचि के विषय पर मात्र एक पृष्ट लिखकर पोस्ट करना होता है और कुछ सूचनाप्रद विडियो या ऑडियो यूटयूब पर देखने होतें हैं। उसके बाद जिस भी विचार विन्दु पर चर्चा या विचारमंथन हो रहा है उसके विभिन्न पहलुओं पर अपने वर्तमान ज्ञान के अनुसार पाने विचार प्रकट करने होते हैं और अन्य प्रतिभागियों द्वारा प्रकट किये गए विचारों पर अपनी टिप्पणी देनी होती है। इस उन्मुक्त चर्चा से सम्बंधित विषय के बारे में उसका ज्ञान बढेगा और चर्चा के अंत में कोई कमी रह भी गई है तो संबंधित व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक उसकी पूर्ति प्रतिभागियों को उसके बचे पहलूओं पर चर्चा के लिए उत्प्रेरित करके और उनसे चर्चा कराकर कर देगा। इसलिए किसी खास तैयारी की जरुरत नहीं है।
प्रश्न संख्या 23: इस कोर्स में प्रतिभागिता करने से मुख्यतः क्या लाभ होतें हैं?
उत्तर : इस कोर्स से प्राप्त होने वाले मुख्य लाभ; अपने व्यक्तित्व की अच्छी समझ, बेहतर आत्म-अनुशासन, सम्यक समय प्रबंधन, अपने परिवार के सदस्यों, सगे-सम्बन्धियों, मित्रों एवं अन्य लोगों के साथ बेहतर सम्बन्ध, बेहतर शैक्षणिक परिणाम, भविष्य में अपने जीवन का बेहतर प्रबंधन, अपनी नौकरी/पेशे में सफलता, प्रसन्नता में बृद्धि और सामाजिक प्रतिष्ठा में बृद्धि शामिल हैं। यह पाठ्यक्रम प्रतिभागी के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लायेगा और वह अपने जीवन की सारी चुनौतियों का सामना शांतिपूर्ण तरीके एवं प्रसन्नतापूर्वक करते हुए सफल होता है। इस कोर्स की समाप्ति पर प्रतिभागियों को सामान्य मामों में मात्र 1000 रूपये एवं आर्थिक रुप से कमजोर प्रतिभागियों के लिए मात्र 500 रूपये वार्षिक शुल्क पर दीर्घ कालीन व्यक्तिगत मार्गदर्शन सुविधा उपलब्ध होती है।
प्रश्न संख्या 24: व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक के विभिन्न कर्तब्यों के प्रभावी निष्पादन के लिए मेरे पास क्या क्या सुविधाएं होनी चाहियें?
उत्तर : व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक के विभिन्न कर्तब्यों के प्रभावी निष्पादन के लिए आप के पास एक आवासीय स्थान एवं स्पष्ट पता होना चाहिए जिसपर ‘प्रयास’ द्वारा आवश्यक पत्राचार किया जा सके और इसकी गतिविधियों में सहयोग प्रदान करने में रूचि रखने वाले व्यक्ति आप को लिख सकें और आवश्यकता पड़ने पर आप से मिल भी सकें। आप के पास इन्टरनेट कनेक्शन एवं ईमेल आईडी के साथ अपना एक स्मार्ट फोन भी होना चाहिए ताकि आप के साथ त्वरित संपर्क किया जा सकें और विभिन्न दस्तावेज ईमेल से भेजें जा सकें। चूँकि अधिकाँश संचार आन लाइन होगा और प्रयास फाउंडेशन कोर्स भी स्मार्ट फ़ोन से ही संचालित होगा अतः इस सुविधा का होना अत्यंत आवश्यक है।
प्रश्न संख्या 25: वाणिज्यिक या गैर वाणिज्यिक (लाभकारी या गैर लाभकारी) संस्थान अपने प्रबंधकों तथा कर्मचारियों के लिए ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ का आयोजन क्यों करना चाहेगें?
उत्तर: किसी भी संस्था, चाहे वह किसी भी प्रकार की हो, की कार्य कुशलता उसके प्रबंधकों और कर्मचारयों की आचार-विचार एवं कार्य-निष्ठा के स्तर और एक टीम के रूप में एक दूसरे के साथ परस्पर कार्य कर पाने की क्षमता पर निर्भर करती है। संस्था की मौलिक कार्य-संस्कृति भी इन्ही सब के समिश्रण से बनती है। ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ ऐसी संस्थाओं के प्रबंधकों एवं कर्मचारियों के व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन लायेगा और उसकी कार्य-निष्ठा में आशातीत बृद्धि करेगा। इससे संस्था की कार्य-संस्कृति में सकारात्मक परिवर्तन आयेगा और उसकी सकल उत्पादकता में वृद्धि होगी। पेशेवर कोर्स प्रतिभागियों की तकनीकी क्षमता में वृद्धि तो अवश्य करते है परन्तु प्रयास फाउंडेशन कोर्स उनके आचार-विचार में सकारात्मक परिवर्तन लाता है अतः वाणिज्यिक या गैर वाणिज्यिक (लाभकारी या गैर लाभकारी) संस्थान भी अपने प्रबंधकों तथा कर्मचारियों के लिए ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ का आयोजन अवश्य करना चाहेगें बशर्ते उन्हें इसके लाभ से परिचित करा दिया जाय।
प्रश्न संख्या 26: कोई व्यक्ति ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ कैसे ज्वाइन कर सकता है?
उत्तर: यदि कोई व्यक्ति ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ ज्वाइन करना चाहता है तो वह इस वेबसाइट से इसका पंजीकरण फॉर्म डाउनलोड करके और उसे भरकर ‘प्रयास’ को पोस्ट कर सकता है। इसके बाद उसका अनंतिम पंजीकरण कर लिया जाएगा और किसी एक बैच में उसका प्रवेश ले लिया जाएगा और उसे सूचित कर दिया जाएगा। ज्यो ही उस बैच में प्रवेश ले चुके व्यक्तियों की सख्या 15 हो जाएगी उस बैच को एक व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक आवंटित कर दिया जाएगा और वह उस बैच के प्रतिभागियों से संपर्क करके आवश्यक शुल्क डिजिटल माध्यम से सीधे ‘प्रयास’ को जमा कराएगा। इसके बाद an ‘प्रयास’ उनें अनुक्रमांक आवंटित करेगा। उसके बाद वह इन व्यक्तियों के संपर्क में रहेगा और उन्हें उस बैच के आरम्भ होने की तिथि एवं स्थान आदि के बारे में सूचित करेगा। उसी के अनुसार वें इस कोर्स को ज्वाइन कर सकतें हैं।
प्रश्न संख्या. 27: ‘प्रयास’ के व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक के रूप में पंजीकरण कराने की प्रक्रिया क्या है?
उत्तर: ‘प्रयास’ के ‘व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक’ के रूप में कार्य करने के इच्छुक व्यक्तियों को हमारी वेबसाइट www.prayasvyaktitva.com पर उपलब्ध सामग्री का अच्छी तरह अवलोकन करना चाहिए और हमारे विभिन्न क्रियाकलापों के पीछे निहित दर्शन को समझने का प्रयास करना चाहिए। इसी के साथ उन्हें व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक की पंजीकरण योजना में उपलब्ध सामग्री का अध्ययन करके उसकी विशिष्ट जिम्मेदारियों को समझने का भी प्रयास करना चाहिए। यदि वें आवश्यक पात्रता के साथ हमारे कार्य दर्शन से पूरी तरह सहमत हैं एवं इसकी जिम्मेदारियों के निर्वाह के लिए स्वयं को प्राथमिक दृष्टि से उपयुक्त समझते है तो उन्हें हमारी विभिन्न गतिविधियों जिसमें ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ के माध्यम से समेकित व्यक्तित्व विकास किया जाना भी शामिल है, से सम्बंधित सामगी को डाउनलोड करके कुछ ऐसे व्यक्तियों जो ‘प्रयास’ की विभिन्न सेवाओं के संभावित उपभोक्ता को सकतें हो, जैसे आठवीं और उसके ऊपर की कक्षाओं में पढने वाले विद्यार्थियों के अभिभावक, परिवार प्रमुखों, विभिन्न विद्यालयों/कॉलेज आदि के प्रमुख, अन्य सस्थाओं के प्रमुख, उद्यमी एवं अधिकारी/कर्मचारी आदि शामिल है, से व्यक्तिगत रूप से मिलना चाहिए और उन्हें अपने बच्चों, परिवार से सदस्यों, विद्यार्थियों एवं प्रबंधकों तथा कर्मचारियों के व्यक्तित्व के विकास के लिए ‘प्रयास’ की सेवाओं ‘जिसमें प्रयास के विभिन्न प्रकाशनों की विक्री एवं व्कतिगत मार्गदर्शन भी शामिल है, का उपयोग करने के लिए उत्प्रेरित करना चाहिए। इस प्रक्रिया को अपनाकर वें ‘प्रयास’ के व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक, का कार्यभार सभालने की अपनी क्षमता का आकलन स्वयं कर सकतें हैं। यदि उन्हें किसी मामले में कुछ संदेह हो तो ‘गतिविधि भागीदारी’ एवं ‘व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक’ से सम्बंधित ‘प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न’ पढ़कर अपना शंका समाधान कर सकतें हैं। यदि वें अपने को व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक की जिम्मेदारी विशेष के लिए उपयुक्त पातें है तो इसके लिए प्रदत्त फार्म को इस वेबसाइट से डाउनलोड करके और उसे पूरी तरह भर करके मात्र 100 रुपये का पंजीकरण शुल्क डिजिटल माध्यम से भुगतान करके उसके विवरण के साथ भी फॉर्म भेज सकतें हैं। इसके स्थान पर वें सोमवार से शुक्रवार के बीच किसी भी कार्यदिवस को 11 बजे से 16 बजे के बीच फ़ोन करके मिलने का समय निश्चित करके या तो हमारे गोरखपुर कार्यालय (एच-19 चतुर्थ चरण राप्ती नगर गोरखपुर -संपर्क मो. 7080210612, 7080210614) या लखनऊ कार्यालय (513 फेलिक्स स्क्वायर सुशांत गोल्ड सिटी, लखनऊ 226030- संपर्क मोबाइल 8127569995, 7080210615) में आकर मिल सकते है और अपना आवेदन हाथो हाथ भी जमा कर सकतें हैं और पंजीकरण शुल्क की राशि नकद में जमा करके उसकी रसीद भी प्राप्त कर सकतें हैं। वें info@prayasvyaktitva.com पर ईमेल द्वारा भी संपर्क कर सकते हैं।
प्रश्न संख्या 27: व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक के रूप में एक बार पंजीकृत हो जाने के बाद क्या यह पंजीकरण आजीवन होता है या कुछ समय बाद इसके नवीनीकरण की आवश्यकता होती है?
उत्तर: एक बार व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक के रूप में पंजीकृत हो जाने के बाद कोई भी व्यक्ति जीवन पर्यंत निश्चित जिम्मेदारी का निर्वाह कर सकता है बशर्ते किसी कदाचार या गवन आदि के कारण उसका पंजीकरण निरस्त न कर दिया गया हो। badबाद में यदि वह यह सिद्ध कर देता है कि उसके ऊपर लगाए गए आरोप सत्य नहीं थे तो उसे व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक के रूप में पुनः कार्य करने की अनुमति दी जा सकती है और ऐसी स्थिति में उसे पुनः अपना पंजीकरण कराना होगा लेकिन यह निशुल्क होगा। ऐसे अनुशासनिक मामलों में ‘प्रयास’ का निर्णय ही अंतिम होगा।
प्रश्न संख्या 28: क्या मैं ‘प्रयास के कार्यालय में आकर मिल सकता हूँ?
उत्तर: वर्तमान में हमारे दो कार्यालय हैं। पंजीकृत कार्यालय एच -19, चतुर्थ चरण, राप्ती नगर (लीटिल फ्लावर स्कूल के पास) राप्तीनगर गोरखपुर 273013 (संपर्क 7080210612 तथा 7080210614) में और मुख्यालय 513 फेलिक्स स्क्वायर सुशांत गोल्फ सिटी लखनऊ 226030 (संपर्क 8127569995 तथा 7080210615) में है। आप उक्त मोबाइल नंबर पर बात करके अपने मिलने का समय निर्धारित कराकर मिल सकते हैं और अपनी सभी शंकाओं का समाधान कर सकतें हैं।