एफएक्यू /03

अपना अतिरिक्त समय का दान करके ‘प्रयास’ के अंशकालीन गतिविधि भागीदार के रूप में कार्य करने के इच्छुक व्यक्तियों  द्वारा प्रायः पूंछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न संख्या 1: समय-दान की अवधारणा क्या  है और यह कैसे काम करती है?

उत्तर:  हमारे समाज में काफी संख्या में ऐसे व्यक्ति हैं जो किसी कार्य में या किसी संस्था के अधिकारी या कर्मचारी के रूप में या स्व-उद्द्यमी के रूप में व्यस्त हैं या आय के किसी अन्य नियमित श्रोत से मात्र अपने परिवार की देखभाल कर रहें हैं। ऐसे सभी व्यक्तियों के पास अपने वर्तमान कार्य एवं पारिवारिक जिम्मेदारियों को पूरी करने के बाद भी कुछ अतिरिक्त समय बचा रह जाता है। इसके अतिरिक्त काफी संख्या में सेवानिवृत लोग भी हैं जिनके पास उनकी मासिक पेंशन के साथ सेवानिवृति के बाद मिलने वाले धन की जमा राशि पर ब्याज या पेंशन के स्थान पर निर्वाह निधि के समापन भुगतान के पैसे की जमाराशि पर मिलने वाले ब्याज के रूप में मिलने वाली राशि भी होती है, के पास अपनी वर्तमान पारिवारिक जिम्मेदारियों को पूरा करने के बाद भी काफी अतिरिक्त समय बचता है। ऐसे सभी लोग वर्तमान में इस अतिरिक्त समय का किसी न किसी प्रकार उपयोग कर रहें होगें। ऐसे अतिरिक्त समय रखने वाले व्यक्तियों में से कुछ ब्यक्ति दयालु स्वभाव के हो सकतें हैं जो अवसर मिलने पर अपने इस अतिरिक्त समय का दान समाज सेवा के लिए कर सकते हैं।

‘प्रयास’ अतिरिक्त समय रखने वाले और isइस समय का उपयोग समाज सेवा के लिए करने के इच्छुक सभी दयालु ह्रदय व्यक्तियों को अपने इस अतिरिक्त समय का दान उनके माध्यम से ‘प्रयास’ को होने वाली सकल आय में एक हिस्सेदारी के बदले करके व्यक्तित्व परीक्षण, रेखाकन एवं विकास से सम्बंधित अपनी विभिन्न गतिबिधियों के संचालन एवं प्रबंधन अंशकालीन गतिविधि भागीदार के रूप में करने के लिए आमंत्रित करता है। इस प्रकार वें अपने इस अतिरिक्त समय का ofउपयोग समाज के लिए अत्यंत उपयोगी isइस कार्यों के लिए isकर पातें हैं।and इस प्रक्रिया में वें सामाजिक प्रतिष्ठा अर्जित करने के साथ-साथ कुछ अतिरिक्त आय भी प्राप्त कर लेतें हैं। अतः उनके द्वारा ‘प्रयास’ को दिया गया यह समय दान पूरी तरह निशुल्क नहीं है बल्कि सकल आय में हिस्सेदारी मिलने के एवज में है।

समय दान की यह अवधारणा ‘प्रयास’ को अपनी सेवाओं का शुल्क कम कर पाने में सहायक सिद्ध होती है और ‘प्रयास’ विभिन्न उपभोक्ताओं को उनकी व्यक्तिगत भुगतान क्षमता के अनुसार सेवा प्रदान करने में सक्षम हो पाता है।  इस प्रकार ‘प्रयास’ समाजसेवा में रूचि रखने वाले दयालु ह्रदय वाले व्यक्तियों को अपने अतिरिक्त समय का सार्थक उपयोग स्व-उद्दयम के रूप में करने के साथ-साथ अतिरिक्त आय एवं सामाजिक प्रतिष्ठा प्राप्त करने के लिए एक उपयुक्त मंच प्रदान करता है। आशा है कि आप इस अवसर का लाभ अवश्य उठायेगें।

प्रश्न संख्या 2: ‘गतिविधि भागीदार’ के रूप में कार्य करने के इच्छुक व्यक्ति द्वारा ‘प्रयास’ को किये जा रहे समय-दान की न्यूनतम तथा अधिकतम सीमा क्या है?

उत्तर: किसी भी व्यक्ति द्वारा ‘प्रयास’ को दी जा रही समय दान के लिए न्यूनतम समय 90 मिनट प्रतिदिन हैं परन्तु अधिकतम समय दान की कोई सीमा नही है। यह समय दान सप्ताह में रविवार को छोड़कर बाकी 6 दिन देना पड़ता है परन्तु विशेषज्ञों के लिए यह लागू नहीं है। वें अपने समय की उपलब्धता के अनुसार अपनी तकनीकी एवं प्रबंधन परामर्श सेवायें दे सकतें है। समय दान करने वाले व्यक्ति की आय उसके द्वारा दान दिए गए समय एवं उसके परिणाम पर निर्भर करेगी।

प्रश्न संख्या 3. यदि मेरे पास कुछ अतिरिक्त समय है तो क्या मैं ‘प्रयास’ के ANSHKAALIEENअंशकालीन गतिविघि भागीदार के रूप में कार्य कर सकता हूँ?

उत्तर: यदि आप नीचे दर्शित कोटियों में से किसी एक कोटि के हैं और सप्ताह के 6 दिन आप के पास कम से कम एक घंटे का अतिरिक्त समय उपलब्ध है तथा आप इस अतिरिक्त समय में कम आय पर समाज सेवा का कार्य करने के इच्छुक हैं तो आप स्वयं को ‘प्रयास’ के ‘व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक’ या ‘विशेषज्ञ’ के रूप में इसकी पंजीकरण योजना के विवरण को पढ़कर और इनके लिए प्रदत्त पंजीकरण फॉर्म डाउनलोड करके और उसे पूरी तरह भर करके और मात्र 100 रुपये का पंजीकरण शुल्क जमा करके पंजीकृत करा सकतें हैं।

  • अच्छी सेहत वाले और अपनी अधिकाँश पारिवारिक जिMMEम्मेदारियों से मुक्त सेवा निवृत व्यक्ति जो निश्चित वेतन पर पूर्ण कालीन नौकरी नहीं करना चाहते हैं।
  • शिक्षित बेरोजगार व्यक्ति जो पूर्णकालीन नौकरी मिलने तक इस कार्य को कर सकतें हैं और नौकरी मिलने पर इसे छोड़ सकतें हैं या अंशकालीन रूप से कार्य जारी रख सकतें हैं।
  • शिक्षित वयस्क जिसमे अतिरिक्त समय रखने वाली परन्तु अपना घर छोड़कर बाहर कार्य करने में असमर्थ गृहिणीया, एवं विभिन्न नौकरियों के लिए प्रदत्त आयु सीमा पार कर चुके व्यक्ति, जो कोई रचनात्मक कार्य करने का अवसर ढूंढ रहें हैं, शामिल हैं।
  • कार्यशील अध्यापक एवं अन्य व्यक्ति जिनके पास अतिरिक्त समय है।

‘प्रयास’ द्वारा आप को निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा ताकि आप अपना कार्य सफलता पूर्वक कर सकें। अपनी उपयुक्तता की जांच के लिए संबंधित गतिविधि भागीदार की पंजीकरण योजना में उपलब्ध विवरण को ध्यान से पढ़े।

प्रश्न संख्या 4: हमारी संभावित मासिक आय क्या हो सकती है? मैं अपनी मासिक आय कैसे बढ़ा सकता हूँ?   

उत्तर: किसी भी गतिविधि की जिम्मेदारी उठाने के एवज में आप को सम्बंधित गतिविधि से आप के माध्यम से ‘प्रयास’ को होने वाली आय का पूर्व एक निर्धारित प्रतिशत प्राप्त होगा। ‘व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक’ ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ संचालित करता है और इस कोर्स से प्राप्त आय का 70% उसे मासिक आधार पर प्राप्त होता है। विशेषज्ञ उनके माध्यम से प्राप्त आय का 90% प्राप्त करतें हैं। ‘व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक’ अपने समूह के सदस्यों की संख्या में बृद्धि करके या अतिरिक्त गतिविधियों के संचालन एवं प्रबंधन में सहयोग करके अपनी मासिक आय में बृद्धि कर सकते हैं। आप की आय आप को आवंटित गतिविधि के संचालन एवं प्रबंधन में आप द्वारा लगाए गए समय एवं उसके परिणाम पर निर्भर करेगी।   किसी विशेष कोटि के गतिविधि भागीदार के रूप में स्वयं को होने वाली संभावित मासिक आय के अनुमान के लिए ‘व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक’ या ‘विशेषज्ञ’ की पंजीकरण योजना तथा उनके द्वारा प्रायः पूंछे जाने वाले प्रश्नों को देखे। उनमें उनकी संभावित आय दर्शित की गई है।

प्रश्न संख्या 5: क्या कुछ समय तक ‘प्रयास’ के अंशकालिक गतिविधि भागीदार के रूप में कार्य करने के बाद पूर्णकालीन नौकरी मिलने की संभावना है?  

उत्तर : ऐसी कोई योजना नहीं है।

प्रश्न संख्या 6: गतिविधि भागीदार के विभिन्न कर्तब्यों के प्रभावी निष्पादन के लिए मेरे पास क्या क्या भौतिक सुविधाएं होनी चाहियें?

उत्तर : गतिविधि भागीदार के विभिन्न कर्तब्यों के प्रभावी निष्पादन के लिए आप के पास एक आवासीय स्थान एवं स्पष्ट पता होना चाहिए जिस पर ‘प्रयास’ द्वारा आवश्यक पत्राचार किया जा सके और इसकी गतिविधियों में सहयोग प्रदान करने में रूचि रखने वाले व्यक्ति आप को लिख सकें और आवश्यकता पड़ने पर आप से मिल सकें। आप के पास इन्टरनेट कनेक्शन एवं ईमेल आईडी के साथ अपना एक स्मार्ट फोन भी होना चाहिए ताकि डिजिटल माध्यमों से आप के साथ त्वरित संपर्क किया जा सकें और ईमेल के माध्यम से विभिन्न दस्तावेज भेजें जा सकें। इसी फ़ोन के माध्यम से आप को अपना कार्य भी करना है। चूँकि अधिकाँश कार्य आन लाइन ही होगा अतः इस सुविधा को होना अत्यंत अति आवश्यक है।

प्रश्न संख्या 7: कौन व्यक्ति सफल गतिविधि भागीदार हो सकता है?

उत्तर : जिस व्यक्ति के पास स्थानीय भाषा में लोगों से सहज एवं प्रभावी वार्तालाप करके उन्हें अपने विचार मानने के लिए उत्प्रेरित कर पाने की क्षमता हो, जिसका ‘प्रयास’ द्वारा प्रदान की जा रही विभिन्न सेवाओं की लोगों के लिए उपयोगिता एवं इसके कार्य दर्शन में पूरा विश्वास हो, ‘प्रयास’ का एक सफल गतिविधि भागीदार बन सकता है। उसे ‘प्रयास’ द्वारा संचालित विभिन्न गतिविधियों के पीछे के दर्शन को अच्छी तरह समझकर विभिन्न स्कूलों, विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं अन्य शैक्षणिक के शिक्षको एवं अन्य व्यक्तियों, जिनके पास अपने वर्तमान कार्यों को संपन्न करने के बाद कुछ अतिरिक्त समय हो जिसका उपयोग वें समाज सेवा के कार्य में करने के इच्छुक हो, से मिलना पडेगा और उन्हें व्यक्तित्व विकास के सम्बंधित हमारी गतिविधियों जैसे व्यक्तित्व परीक्षण, रेखांकन एवं परामर्श, व्यक्तित्व जागरूकता वेबीनार, व्यक्तित्व विकास कार्यक्रमों जिसमें ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ भी शामिल है, का आयोजन एवं व्यक्तित्व विकास में सहायक पुस्तकों की विक्री आदि गतिविधियों में सहयोग देकर आतिरिक्त आय प्राप्त करने के लिए उत्प्रेरित करना पड़ेगा। उसके समूह की सकल आय क्रमशः बढ़ेगी और वह प्रति माह अच्छी आय प्राप्त कर सकता है।

प्रश्न संख्या 8: क्या मुझे अपने खर्च पर ‘प्रयास’ से प्रशिक्षण प्राप्त करना पडेगा या इसकी प्रतिपूर्ति ‘प्रयास’ द्वारा की जायेगी?

उत्तर: यह प्रशिक्षण निशुल्क है और वेबिनार के माध्यम से दिया जाएगा।

प्रश्न संख्या 9: ‘प्रयास’ द्वारा संचालित किन किन गतिविधियों का संचालन एवं प्रबंधन गतिविधि भागीदार के रूप में मुझे करना पड़ेगा?

उत्तर: वर्तमान में ‘प्रयास’ समेकित व्यक्तित्व विकास से सम्बंधित निम्न गतिविधियों में संलग्न है ।

  • व्यक्तित्व एवं इसके विकास के महत्त्व के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए अल्प-कालीन व्यक्तित्व जागरूकता वेबिनार आयोजित करना।
  • विभिन्न आयु वर्ग के व्यक्तियों के व्यक्तित्व का परीक्षण, रेखांकन एवं व्यक्तित्व विकास के लिए आवश्यक परामर्श प्रदान करना।
  • प्रतिभागियों के सोच-विचार में मौलिक परिवर्तन द्वारा स्व-उत्प्रेरित, स्व-संचालित एवं स्व-नियंत्रित व्यक्तित्व विकसित करके उन्हें अपनी रुचि के अनुसार अपना भविष्य बना पाने में सक्षम बनाने के लिए व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम जिसमें ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ भी शामिल है, आयोजित करना।
  • विभिन्न कोटि से उपभोक्ताओं जिसमें वर्तमान उद्यमी एवं व्यावसायी शामिल हैं की व्यक्तिगत प्रभावशीलता बढाने एवं उद्यमी बनने के इच्छुक व्यक्तियों को व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रदान करना।
  • स्व-अध्ययन द्वारा सतत व्यक्तित्व विकास में सहायक विभिन्न पुस्तकों एवं अन्य पठन सामग्री आदि का प्रकाशन एवं विपणन करना।
  • अंशकालीन क्रियाकलाप सहभागियों से समय दान लेकर उन्हें अतिरिक्त आय के साथ साथ सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि करने का अवसर प्रदान करना।
  • व्यक्तित्व परीक्षण, रेखाकन, परामर्श एवं विकास, व्यवहार परिवर्तन एवं आनंद के क्षेत्र में व्यावहारिक शोध को प्रोत्साहित करना।

‘व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक’ मुख्यतः ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ का संचालन करता है और अन्य गतिविधियों के प्रसार में ‘प्रयास’ की सहायता करता है। विशेषज्ञ अपनी विशेषग्यता के अनुसार हमारे उपभोक्ताओं का व्यक्तिगत मार्गदर्शन करता है।

प्रश्न संख्या 10: ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ के प्रतिभागियों का आयु वर्ग क्या होता है?

उत्तर: निम्न कोटि के व्यक्ति इस कोर्स में भाग ले सकते हैं।

  • आठवी कक्षा एवं उसके ऊपर के विद्यार्थी
  • विभिन्न आयु वर्गों के कार्यरत या अपने परिवार की देखरेख करने वाले वयस्क (पुरुष एवं स्त्री).

इस कोर्स के विषय चर्चा बिंदु प्रतिभागियो की आयु एवं जीवन के उस सोपान की आवश्यक्तानुसार निश्चित किये जातें हैं। 26 वर्ष से कम आयु के विद्यार्थियों के मामलों में किसी एक बैच के प्रतिभागियों की आयु में अधिकतम अन्तर मात्र एक वर्ष का रखा जाता है ताकि उस समूह के समझ का स्तर एक जैसा हो। परन्तु वयस्कों के मामलों में 26 से 60 वर्ष, 60 वर्ष के ऊपर और 75 वर्ष से नीचे और 75 वर्ष के ऊपर के वयस्कों के अलग अलग बैच बनाएं जातें हैं क्योकि इन आयु वर्गों के व्यक्ति की आवश्यकताये अलग अलग होती हैं।

प्रश्न संख्या 11:  प्रयास’ की कौन गतिविधि सबसे महत्वपूर्ण है?

उत्तर: ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ जिसमे व्यक्तित्व रेखांकन एवं व्यक्तित्व का नियोजित विकास शामिल है, ‘प्रयास’ द्वारा संचालित सबसे महत्वपूर्ण गतिविधि है। यह एक समेकित व्यक्क्तित्व चिन्हीकरण एवं विकास कार्यक्रम है जो प्रतिभागियों की सोच एवं व्यवहार में मौलिक एवं सकारात्मक परिवर्तन लाता है। किसी भी व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन लाना अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य है जिसमें यह कार्यक्रम सहायक सिद्ध होता है। अतः यह सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। 

प्रश्न संख्या 12:  ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ का उद्देश्य क्या है?

उत्तर: इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्व-उत्प्रेरित, स्व-संचालित एवं स्व-नियंत्रत व्यक्तित्व का विकास करके प्रतिभागियों को अपने जीवन से सारी चुनौतियों को प्रसन्नता एवं शांति के साथ सफलतापूर्वक सामना करने में सक्षम बनाना है। इसका शुल्क ‘कोई लाभ नहीं कोई हानि नहीं’ और ‘अंतर-सहायता’ के दो सिद्धांतों पर निर्धारित किया जाता है और 30% उपभोक्ता अपनी भुगतान क्षमता के अनुसार सेवा शुल्क देकर इसमें भाग ले सकतें हैं। 

प्रश्न संख्या 13: आठवी या उसके नीचे की कक्षा के विद्यार्थी या 13 वर्ष से कम के बच्चे का व्यक्तित्व निर्धारण क्यों नहीं किया जाता या उसे ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में शामिल क्यो नही किया जाता?

उत्तर : हमें यह बात समझने की आवश्यकता है kiकि बच्चे के व्यक्तित्व के क्रमशः निर्माण का आरम्भ जीवन के शुरू के वर्षों में हो जाता  है और उसके विकास की यह प्रक्रिया जीवन पर्यंत चलती रहती है। अतः व्यक्तित्व में बदलाव की प्रक्रिता सतत चलती रहती है। प्रसिद्द फ्रेंच मनोवैज्ञानिक  ‘पाइगेट’ के व्यक्तित्व विकास के सिद्धांत के अनुसार बच्चें के व्यक्तित्व के विकास के चार आरंभिक चरण होतें हैं जो उसकी आयु से सम्बन्ध रखते हैं। वें सेंसोरिमोटर (2 वर्ष तक), preक्रियात्मक-पूर्व (2 से 7 वर्ष तक), निश्चित क्रियात्मक (7 से 11 वर्ष तक) तथा औपचारिक क्रियात्मक (11 वर्ष से 15) हैं।   अतः 15 वर्ष तक बच्चे का व्यक्तित्व पूरी तरह  स्थिर हो जाता है और ठोस स्वरुप धारण कर लेता है। चूँकि 15 वर्ष का बच्चा हाई स्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाला होता है और यह परीक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है इसमें अच्छा करने के लिए आवशयक है कि इस परीक्षा के कम से कम दो वर्ष पूर्व बच्चे के व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन लाया जाय। अतः ‘प्रयास’ 13 वर्ष या उसके ऊपर के बच्चों का व्यक्तित्व निर्धारण करता है और उनका प्रवेश ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में भी लेता है। 13 वर्ष का बच्चा या तो कक्षा 8 कक्षा में पढ़ रहा होता है या इसे उत्तीर्ण कर चुका रहता है क्योकि कक्षा 1 में औपचारिक औपचारिक प्रवेश के लिए बच्चे की आयु 5 वर्ष होना आवश्यक है। इसलिए 13 वर्ष से कम के बच्चे का न तो व्यक्तित्व परीक्षण किया जाता है और न तो प्रयास फाउंडेशन कोर्स में ही प्रवेश दिया जाता है।

प्रश्न संख्या 14: चूँकि गतिविधि भागीदार के रूप में कार्य करने के एवज में मैं ‘प्रयास’ द्वारा उस गतिविधि के लिए ली जा रही फीस का एक निश्चित भाग प्राप्त करने का हकदार हूँ और वर्तमान शुल्क काफी कम है अतः मेरी आय भी काफी कम होगी क्या प्रतिभागियों या उसके अभिभावकों की सहमति से निर्धारित सेवा शुल्क में  वृद्धि करके अपनी आय में बृद्धि कर सकता हूँ? क्या शुल्क की कोई अधिकतम सीमा है जिसके अंतर्गत मैं स्वयं शुल्क निर्धारित कर सकता हूँ?

उत्तर:: कृपया व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक की पंजीकरण योजना में प्रदत्त अनुमानित मासिक आय की तालिका देखें। आप पायेगें कि मात्र 90 मिनट के समय का दान करने पर आप की न्यूनतम मासिक 5000 रूपये से अधिक है जो समाज सेवा की दृष्टि से उचित है। अतः ऐसा कोई विकल्प उपलब्ध नही है। 

प्रश्न संख्या: 15 यह कैसे सिद्ध होता है की ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में भाग लेने से प्रतिभागी के व्यक्तित्व का विकास उचित दिशा में हो रहा है? क्या प्रतिभागी को कोर्स के अंत में ऐसा परिवर्तन दर्शित करती हुई कोई रपट दी जाती है?

उत्तर: इस कोर्स में प्रवेश लेने के एक माह के अन्दर प्रतेक प्रतिभागी के व्यक्तित्व की जाँच की जाती है और उसके परिणाम के आधार पर उसके प्रवेश पूर्व व्यक्तित्व का रेखांकन किया जाता है। इस कोर्स की समाप्ति के 15 दिन पूर्व उसके व्यक्तित्व की पुनः जाँच करके उसका संशोधित रेखांकन किया जाता है। दोनों की तुलना करके उसके व्यक्तित्व में हुए परिवर्तन को इंगित करते हुए एक व्यक्तित्व विकास रपट बनाई जाती है जिसमें उसके व्यक्तित्व की मौलिक विशिष्टतायें भी इंगित की जाती हैं और उसके व्यक्तित्व के विकास की निरंतरता बनाए रखने के लिए कुछ सुझाव भी दिए जातें हैं। इन्हें उसके अभिभावक तथा स्कूल या कॉलेज को लागू करने के लिए कहा जाता है। यह रपट कोर्स की समाप्ति पर प्रतेक प्रतिभागी को दी जाती है। इसको देखकर उसके अभिभावक तथा परिवार के अन्य सदस्य या स्कूल  उसके व्यक्तित्व में हुए सकारात्मक परिवर्तन का आसानी से पता लगा सकतें हैं। ये परिवर्तन उसके दैनिक आचार-विचार में भी दिखतें हैं।

प्रश्न संख्या 16: जब कोई विद्यार्थी अपने विद्यालय में नियमित रूप से अध्ययन  कर रहा है या अपना अध्ययन पूर्ण करके अच्छी-खासी नौकरी कर रहा है तो फिर उसे ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में भाग लेने की क्या आवश्यकता है? इस कोर्स में ऐसी क्या ख़ास बात है?

उत्तर: वर्तमान में विभिन्न विद्यालयों/महाविद्यालयों के पास मात्र इतना ही समय होता है कि वें किसी प्रकार विभिन्न विषयों का पाठ्यक्रम ही पूरा कर सकें। उनके पास इतना समय नहीं होता कि वे विद्यार्थी के व्यक्तित्व की वैज्ञानिक तरीकों से जाँच करके उसकी विशेषताओं, शक्तिओं और कमजोरियों पता लगा सकें और सुनियोजित तरीके से उसके व्यक्तित्व का विकास सुनिश्चित कर सकें।  ‘प्रयास’ इस विशेष कार्य को ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ के माध्यम से करने का प्रयास कर रहा है और यह कोर्स प्रतिभागियों की भावनात्मक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक  या नैतिक बुद्धिमत्ता को विकसित करने में सहायक सिद्ध होता है। अति उच्च मानसिक बुद्धिमत्ता के धनी विद्यार्थी भी नकारात्मक आदतों जैसे कठिन श्रम से भागना, नियोजित ढंग से एवं एकाग्रचित्त होकर अध्ययन न करने के कारण परीक्षा में अच्छे अंक नहीं प्राप्त कर पातें हैं। ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ व्यक्तित्व की विसंगतियों को चिन्हित करके उन्हें दूर करता है जिससे बेहतर परिणाम के साथ-साथ  प्रतिभागी के व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन आता है और वें अपने जीवन में शांति एवं प्रसन्नता के साथ सफलता प्राप्त कर लेतें हैं और अपनी इच्छानुसार अपना भविष्य बना सकतें हैं। शिक्षा के वर्तमान ढाँचे में स्कूलों तथा कॉलेजों आदि के लिए यह कार्य कर पाना काफी कठिन होता है।

जहा तक वयस्कों का प्रश्न है, हमें यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि किसी भी एक समय पर प्रतेक व्यक्ति का व्यक्तित्व उसकी आयु के निरपेक्ष उसकी बुद्धिमत्ता (मानसिक, भावनात्मक एवं आध्यात्मिक/नैतिक) की संरचना एवं आदतों के संदर्भ में बिलकुल अनूठा होता है। इसका प्रभाव उसके वर्तमान नौकरी या पेशे जिसमें स्वरोजगार भी शामिल है, की प्रभावशीलता पर पड़ता है।  अतः उसके व्यक्तित्व की ताकतों एवं कमजोरियों का पता लगाने के लिए उसका रेखांकन करना आवश्यक है ताकि उसके कार्य में अच्छे परिणाम के लिए उन्हें नियोजित ढंग के दूर किया जा सके। इससे वह अपने नौकरी या पेशे में तीव्र प्रगति करने में सफल  हो सकता है। अतः इस कोर्स में भाग लेना लाभदायक है।

प्रश्न संख्या 17. एक विद्यार्थी अपने स्कूल या कॉलेज में विभिन्न  विषयों के अध्ययन और उसके बाद उनकी कोचिंग आदि में सुबह से शाम तक व्यस्त रहता है। अतः रोजाना उसके पास ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ के लिए 90 मिनट का समय कहाँ से मिल पायेगा? इसी प्रकार वयस्क भी अपनी नौकरी या पेशे या पारिवारिक जिम्मेदारियों में सुबह से शाम तक काफी व्यस्त रहता है। अतः वह भी इस कोर्स के लिए प्रतिदिन 90 मिनट कैसे निकलेगा?

उत्तर: वर्तमान में विद्यार्थियों द्वारा अपने विद्यालय एवं कोचिंग आदि में व्यतीत किये गए समय काof कोई भी व्यवहारिक लाभ नहीं होगा यदि उनकी सोच एवं व्यवहार सकारात्मक नहीं होगा और उनका आचरण स्व-निर्देशित एवं स्व-नियत्रित नही होगा। चूँकि प्रयास फाउंडेशन कोर्स उनकी सोच एवं व्यवहार को सकारात्मक एवं उनके व्यक्तित्व को आत्मनिर्देशित एवं स्व-नियंत्रित बनाता है जिसके कारण वें अपने बल पर अपनी अभिरुचि के अनुसार अपने भविष्य का निर्माण कर सकतें हैं, अतः उन्हें अपनी सभी वर्तमान व्यस्तताओं के वावजूद 90 मिनट का समय अपनी सुविधानुसार इस कोर्स में भाग लेने के लिए अवश्य निकलना चाहिए। इस कोर्स को सफलतापूर्वक पूर्ण कर लेने ले बाद प्रतिभागी के अन्दर दैनिक समस्याओं से खुद संघर्ष करने की प्रवृति विकसित हो जाने के कारण कोचिंग लेने की आवश्यकता एवं दूसरों पर निर्भर रहने की प्रवृति काफी कम हो जाती हैं क्योकि वह किसी भी विषय को अपने प्रयास से या अपने विद्यालय से शिक्षक से प्रश्न पूछकर अच्छी तरह समझ लेता है। इससे न केवल पैसे की बचत होती है बल्कि कोचिंग आदि पर लगने वाला समय भी बचता है।  स्व-प्रयास एवं स्वावलंबन के स्थान पर दूसरों पर निर्भरता दीर्घ काल में हानिकारक सिद्ध होती है। अतः प्रबल इच्छाशक्ति होने पर एक घंटे का समय निकाल पाना कठिन नही होगा।

वयस्कों के मामलों में उनकी वर्तमान कार्यकुशलता व्यक्तित्व संबंधी कमियों के कारण अपेक्षाकृत काफी कम होती सकती है और उसके अन्दर सकारात्मक सोच, आदतें एवं आत्म-निर्भरता विकसित किये बिना इसमें सुधार संभव नहीं है जो प्रयास फाउंडेशन कोर्स विकसित करता है। अतः इसके लिए 90 मिनट का समय निकालना न केवल वांछित है बल्कि अति आवश्यक है।   किसी भी व्यक्ति द्वारा प्रयास फाउंडेशन कोर्स सफलतापूर्वक पूर्ण कर लेने के बाद उसकी समय-प्रबंधन क्षमता एवं व्यवहार की प्रभाविकता में काफी सुधार हो जाता है और अपने व्यक्तित्व के अनुरूप जो भी कार्य करता है उसमें सफल हो जाता है। अतः इस कोर्स के लाभों को ध्यान में रखकर इसके लिए सप्ताह के छः दिन 90 मिनट का समय निकालना जरुरी है ।

प्रश्न संख्या 18: आजकल कोई भी विद्यार्थी अपने वर्तमान अध्ययन एवं कोचिंग आदि से इतना थक जाता है कि उसके पास ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में भाग लेने के लिए शायद ही कोई ऊर्जा बचे और इस कोर्स में भाग लेने से वह और भी थक जाएगा। इसी प्रकार वयस्क भी भारी कार्यभार से काफी थक जाता है अतः उसके पास भी इस कोर्स में भाग लेने के लिए कोई भी ऊर्जा नहीं बचेगी और इसमें भाग लेकर वह और अधिक थक जाएगा।  

उत्तर: यह ध्यान देने वाली बात है कि प्रयास फाउंडेशन कोर्स सामान्य कोचिंग कोर्स की तरह नहीं है जिसमें ट्यूटर कुछ कठिन विषय वस्तु को समझाने का प्रयास करता है और विद्यार्थी एक कोचिंग से दूसरे कोचिंग के बीच दौड़ लगाते लगाते और इस विषयों को समझते समझते भयंकर मानसिक एवं शारीरिक थकान के शिकार हो जातें हैं। प्रयास फाउंडेशन कोर्स के प्रतिभागियों को किसी अध्यापक द्वारा कोई कठिन विषय, जिसका प्रतिभागी को कोई ज्ञान ही न हो, नहीं पढ़ाया जाता है और जिसकों समझने के लिए उसे मानसिक कसरत करनी पड़े। इसके स्थान पर उसे अपनी रूचि के विषय पर मात्र एक पृष्ट लिखकर लाने के लिए कहा जाता है और वह अपने दैनिक जीवन, परिवार एवं अपने आस-पास के समाज की समस्याओं के सम्बंधित विषयों पर विचार मंथन कराया जाता है जिसमें वह अपनी वर्तमान समझ एवं ज्ञान के अनुसार अपने विचार बिना किसी रुकावट के प्रस्तुत करता है। उसे अपने सह-प्रतिभागियों के विचारों को सुनने का अवसर मिलता है और उनपर अपनी टिप्पणी देता है। अतः वह विचार मंथन की इस रुचिकर प्रकिया में थकने के स्थान पर और अधिक तरोताजा हो जाता है और अपने अगली कक्षा या कोचिंग आदि के लिए और अधिक ऊर्जा के साथ भाग लेने के लिए तैयार हो जाता है जो कि सफलता के लिए आवश्यक है। अतः इस कोर्स में भाग लेने से थकावट होने का प्रश्न ही नहीं उठता।  यही बात एक वयस्क के लिए भी लागू होती है। यह कोर्स प्रतिभागियों में मानसिक एवं शारीरिक थकावट के स्थान पर ताजगी पैदा करता है। चूँकि पूरा कोर्स आन लाइन है और मोबाइल के माध्यम से भागीदारी की जा सकती है अतः घर बैठे इसे किया जा सकता है।

प्रश्न संख्या 19: वर्तमान में अभिभावक अपने बच्चों के स्कूल एवं कोचिंग की भारी भरकम फीस पहले से ही दे रहें हैं अतः उनसे 750 रूपये व्यक्तित्व परीक्षण, रेखांकन एवं परामर्श के लिए या 5000 रूपये ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में सहभागिता के लिए मांगना कठिन प्रतीत होता है। वयस्कों को भी अपने परिवार एवं अन्य सामाजिक जिम्मेदारियों के खर्च उठाना पड़ता है अतः वें भी इस फीस का भुगतान कैसे कर पायेगें?

उत्तर: व्यक्तित्व परीक्षण, रेखांकन, परामर्श एवं विकास के वर्तमान शुल्क को देखते हुए मात्र 750 रूपये व्यक्तित्व परीक्षण, रेखांकन एवं परामर्श के लिए या मात्र 5000 रूपये छः माह के ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में सहभागिता के लिए ज्यादा नहीं है। प्रयास फाउंडेशन कोर्स में भागीदारी से संभावित लाभ उसके शुल्क से कई गुना है अतः अभिभावकों के लिए मात्र पाच हजार रूपये की व्यवस्था करना बुद्धिमानी का कार्य होगा। इसके प्रतिभागियों की सोच एवं व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन आता है और वें अपने अध्ययन का प्रबंधन काफी अच्छे तरीके से करके आशातीत सफलता प्राप्त कर सकते हैं। प्रतिभागी वयस्क भी अपनी पारिवारिक एवं कार्य संबंधी जिम्मेदारियों का निर्वाह पहले की तुलना में काफी अच्छी तरह कर सकतें हैं।  अतः जब भी आप किसी अभिभावक से अपने परिवार के किसी बच्चे या वयस्क के व्यक्तित्व के परीक्षण, रेखांकन तथा व्यक्तिगत परामर्श या प्रयास फाउंडेशन कोर्स में पंजीकरण के लिए मिलें तो इस कार्य या इस कोर्स के इस लाभदायक पहलू की तरफ इनका ध्यान अवश्य आकर्षित करें।

प्रश्न संख्या 20: विभिन्न स्कूल/कॉलेज/विश्वविद्यालय  समय समय पर आयोजित लघु-कालीन कार्यक्रमों या ख्यातिप्राप्त  व्यक्तियों के लेक्चर आदि द्वारा अपने छात्रों के व्यक्तित्व का विकास तो करते ही रहतें हैं फिर इस कोर्स की क्या आवश्यकता है?

उत्तर:  जैसा की ऊपर बत्ताया गया है, अधिकाँश स्कूल, कॉलेज तथा विश्वविद्यालय अपना पूरा ध्यान अपने पाठ्यक्रम को किसी प्रकार पूरा करने में लगाते हैं और उनके पास विद्यार्थी के व्यक्तित्व में सकारात्मक गुणों को विकसित करने के लिए पर्याप्त समय ही नहीं होता है। यह कटु सत्य है की छोटी अवधि के कार्यक्रम या महत्वपूर्ण व्यक्तियों के व्याख्यान प्रतिभागियों की सोच एवं व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन नही ला पातें हैं क्योकि उनकी अवधि सम्बंधित विचारों को प्रतिभागी के मष्तिष्क में स्थाई रूप में जमाने के लिए पर्याप्त नहीं होती है। प्रयास फाउंडेशन कोर्स जिसकी अवधि छह माह की होती है उन्मुक्त विचार मंथन प्रक्रिया के माध्यम से प्रतिभागियों के अन्दर आत्म-नियंत्रित एवं स्व-निर्देशित व्यक्तित्व का विकास सुनिश्चित करता है जो किसी नियमित स्कूल, कॉलेज या विश्वविद्यालय के लिए कर पाना कठिन है क्योकि वह अपना कोर्स पूरा करने के साथ साथ अन्य कई गतिविधियों में भी व्यस्त रहता हैं।

प्रश्न संख्या 21: किसी भी कार्यशील या अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियां निभाने वाले वयस्क को ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ क्यों ज्वाइन करना चाहिए?

उत्तर: व्यक्ति की पारिवारिक जिम्मेदारियों के निर्वाह तथा नौकरी या पेशे में सफलता के साथ साथ शांति, प्रसन्नता एवं स्वास्थ्य से परिपूर्ण जीवन के लिए उसकी भावनात्मक, सामाजिक एवं नैतिक या आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता को सम्यक रूप से विकसित करना आवश्यक है। प्रयास फाउंडेशन कोर्स प्रतिभागियों आयु के निरपेक्ष यह विकास सुनिश्चित करता है। अतः यह कोर्स सभी आयु के व्यक्तियों के लिए सामान रूप से उपयोगी है चाहें वे कार्यशील हों या नही।

प्रश्न संख्या 22: बच्चों को प्रयास फाउंडेशन कोर्स इतना शीघ्र क्यों ज्वाईन करना चाहिए? क्या वें इसे बाद में नहीं ज्वाइन कर सकते? इसी प्रकार कोई वयस्क जिसके पास नौकरी है और कोई समस्या नहीं है इसे क्यों ज्वाइन करे?

उत्तर: एक छात्र के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण सोपान उसका हाई स्कूल की परीक्षा का परिणाम होता है क्योकि इसी के आधार पर वह अपनी आगे की पढाई तथा उसके पूरा हो जाने के बाद की नौकरी आदि का चयन करता है। अतः इस कोर्स से अधितकम लाभ प्राप्त करने के लिए इस सोपान आने के काफी पहले ही उसके व्यक्तित्व की सभी कमियों का पता लगाकर उन्हें दूर कर देना चाहिए। व्यक्ति की सोच एवं व्यवहार में परिवर्तन के लिए पर्याप्त समय चाहिए ताकि नए विचार या सोच उसके मष्तिष्क में ठीक से बैठ जाय। अतः ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ कक्षा 8 या उसके ऊपर  के विद्यार्थियों के लिए 6 माह की अवधि के लिए चलाया जाता है। अतः किसी भी प्रतिभागी को बिना इन्तजार किये इस कोर्स को शीघ्रातिशीघ्र  ज्वाइन करना चाहिए। जो कोर्स अध्ययन और उसके बाद की नौकरी के लिए इतना लाभदायक हो इसे ज्वाइन करने में विलम्ब क्यों करना चाहिए? नौकरी-पेशा व्यक्ति अपनी नौकरी या पेशे में शीघ्रातीशीघ्र  प्रोन्नति, सफलता एवं अन्य लोगों की सराहना चाहता है। प्रयास फाउंडेशन कोर्स यह सभी सुनिश्चित करता है।

प्रश्न संख्या 23: अध्ययन में अच्छे परिणाम, उसके बाद एक अच्छी नौकरी प्राप्त करने, या कोई सफल पेशा अपनाने के लिए मानसिक बुद्धिमत्ता के तुलना में भावनात्मक, सामाजिक एवं नैतिक या आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता का क्या महत्त्व है? यदि किसी व्यक्ति की मानसिक बुद्धिमता का स्तर उच्च है तो वह आसानी से एक अच्छी नौकरी प्राप्त करके अच्छी आय प्राप्त कर सकता है। अतः किसी को ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ जो भावनात्मक, सामाजिक एवं नैतिक या आध्यात्मिक बुद्धिमता विकसित करने का दावा करता है, क्यों ज्वाइन करना चाहिए?  

उत्तर: कोई भी नियोजक किसी ऐसे किसी भी व्यक्ति को नौकरी नहीं देना चाहेगा जिसकी मानसिक बुद्धिमत्ता तो काफी तेज है परन्तु उसकी भावनात्मक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता का सम्यक विकास नहीं हो पाया है। इसका कारण यह है कि अधिकांश कार्यों या  नौकरियों या पेशों, जिसमें स्व-रोजगार भी शामिल है, में व्यक्ति को समूह में अन्य कर्मचारियों या सहकर्मियों के साथ एक टीम के रूप में कार्य करना पड़ता है और अपने नीचे कार्य करने वाले अधिकारियों/प्रबंधकों या कर्मचारियों एवं सहकर्मियों का सहयोग एवं ऊपर के लोगों का मार्गदर्शन भी प्राप्त करना पड़ता है। कमजोर भावनात्मक, सामाजिक एवं नैतिक या आध्यात्मिक बुद्धिमता वाला व्यक्ति, अपने कनिष्क एवं वरिष्ट कर्मचारियों/अधिकारियों एवं अपनी टीम के अन्य सदस्यों से आवश्यक सहयोग तथा मार्गदर्शन नहीं प्राप्त कर पाता है और बात-बात झगडा कर बैठता है और सबसे अलग-थलग हो जाता है। इसके फलस्वरूप वह न केवल स्वयं असफल हो जाता है बल्कि संस्था की सफलता में भी बाधक बन जाता है और कुछ ही दिनों में नौकरी से निकाला जा सकता है। अतः यदि किसी व्यक्ति की भावनात्मक, सामाजिक तथा नैतिक या आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता अविकसित है तो वह अच्छे शैक्षणिक  परिणाम के बावजूद भी अच्छी नौकरी नहीं प्राप्त कर पाता है। चूँकि ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ उन्मुक्त विचारमंथन प्रक्रिया के माध्यम से भावनात्मक, सामाजिक तथा नैतिक या आध्यात्मिक बुद्धिमता का सम्यक विकास सुनिश्चित करता है। अतः जो भी व्यक्ति, चाहे वह विद्यार्थी हो या वयस्क, यदि एक शांतिपूर्ण, प्रसन्न एवं सफल जीवन और एक शानदार भविष्य चाहता है तो उसे इस कोर्स को अविलम्ब ज्वाइन करना चाहिए।

प्रश्न संख्या 24: ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ की क्लास में जाने के पूर्व क्या क्या तैयारी करनी पड़ती है? इसके लिए प्रतिभागियों को अतिरिक्त समय कहाँ से मिलेगा ?

उत्तर: इसके क्लास के लिए कोई ख़ास तैयारी नहीं करनी पड़ती है। प्रतिभागी को मात्र कुछ विडियो या ऑडियो यूटयूब पर देखने या सुनने पड़ते हैं और अपनी रूचि के विषय पर मात्र एक पृष्ट लिखकर पोस्ट करना होता है और उसके बाद  जिस भी विचार विन्दु पर चर्चा या विचारमंथन हो रहा है उसके विभिन्न पहलुओं पर अपने वर्तमान ज्ञान के अनुसार अपने विचार प्रकट करने होते हैं और अन्य प्रतिभागियों द्वारा प्रकट किये गए विचारों पर अपनी टिप्पणी देनी होती है।. इस उन्मुक्त चर्चा से सम्बंधित विषय के बारे में उसका ज्ञान बढेगा और चर्चा के अंत में कोई कमी रह भी गई है तो संबंधित व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक उसकी पूर्ति प्रतिभागियों को उसके बचे पहलूओं पर चर्चा के लिए उत्प्रेरित करके और उनसे चर्चा कराकर उसकी पूर्ति कर देगा। इसलिए किसी खास तैयारी की जरुरत नहीं है।

प्रश्न संख्या 25: इस कोर्स में प्रतिभागिता करने से मुख्यतः क्या लाभ होतें  हैं?

उत्तर : इस कोर्स से प्राप्त होने वाले मुख्य लाभ अपने व्यक्तित्व की अच्छी समझ, बेहतर आत्म-अनुशासन, सम्यक समय प्रबंधन, अपने परिवार के सदस्यों, सगे-सम्बन्धियों, मित्रों एवं अन्य लोगों के साथ बेहतर सम्बन्ध, बेहतर शैक्षणिक परिणाम, भविष्य में अपने जीवन का बेहतर प्रबंधन, अपनी नौकरी/पेशे में सफलता, प्रसन्नता में बृद्धि और सामाजिक प्रतिष्ठा में बृद्धि शामिल हैं। यह पाठ्यक्रम प्रतिभागी के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लायेगा और और वह अपने जीवन की सारी चुनौतियों का सामना शांतिपूर्ण तरीके एवं प्रसन्नतापूर्वक करते हुए सफल होता है। इसके साथ ही इसकी समाप्ति पर सामान्य मामलों में मात्र 1000 रूपये तथा आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों के मामलों में मात्र 500 रूपये के वार्षिक शुल्क पर दीर्घ कालीन व्यक्तिगत मार्गदर्शन सेवा भी उपलब्ध कराई जाती है।

प्रश्न संख्या 26: वाणिज्यिक या गैर वाणिज्यिक (लाभकारी या गैर लाभकारी) संस्थान अपने प्रबंधकों तथा कर्मचारियों के लिए ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ का आयोजन क्यों करना चाहेगें? इससे उन्हें क्या लाभ होगा?

उत्तर: किसी भी संस्था, चाहे वह किसी भी प्रकार की हो, की कार्य कुशलता उसके प्रबंधकों और कर्मचारयों की सोच एवं कार्य-निष्ठा के स्तर और एक टीम के रूप  में एक दूसरे के साथ परस्पर संबंधों पर निर्भर करती है। संस्था की मौलिक कार्य-संस्कृति इसी व्यवहार से बनती है। ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ ऐसी संस्थाओं के प्रबंधकों एवं कर्मचारियों के व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन लायेगा और उनकी कार्य-निष्ठा में आशातीत बृद्धि करेगा। इससे संस्था की सामान्य कार्य-संस्कृति में सकारात्मक परिवर्तन आयेगा और उसकी सकल उत्पादकता में वृद्धि होगी। पेशेवर कोर्स प्रतिभागियों की तकनीकी क्षमता में वृद्धि करते है परन्तु प्रयास फाउंडेशन कोर्स उनकी सोच में सकारात्मक परिवर्तन लाता है अतः वाणिज्यिक या गैर वाणिज्यिक (लाभकारी या गैर लाभकारी) संस्थान भी अपने प्रबंधकों तथा कर्मचारियों के लिए ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ का आयोजन करना चाहेगें।

प्रश्न संख्या 27: कोई व्यक्ति ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ कैसे ज्वाइन कर सकता है?

उत्तर: यदि कोई व्यक्ति ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ ज्वाइन करना चाहता है तो वह इस वेबसाइट से इसका पंजीकरण फॉर्म डाउनलोड करके और उसे भरकर ‘प्रयास’ जमा कर सकता है। इसके बाद उसका अनंतिम पंजीकरण कर लिया जाएगा और किसी एक बैच में उसका प्रवेश लेकर उसे सूचित कर दिया जाएगा। ज्यो ही उस बैच में प्रवेश ले चुके व्यक्तियों की सख्या 15 हो जाएगी उस बैच को एक व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक आवंटित कर दिया जाएगा और वह उस बैच के प्रतिभागियों के संपर्क करके आवश्यक शुल्क सीधे ‘प्रयास’ डिजिटल माध्यम से जमा कराएगा और जिसके बाद अनुक्रमांक आवंटित किया जाएगा। उसके बाद वह प्रतिभागियों से संपर्क में रहेगा और उन्हें उस बैच के आरम्भ होने की तिथि एवं स्थान आदि के बारे में सूचित करेगा। उसी के अनुसार 50% अग्रिम फीस जमा करके वें इस कोर्स को ज्वाइन कर सकतें हैं।

प्रश्न संख्या. 28: प्रयास’ के गतिविधि भागीदार के रूप में पंजीकरण कराने की प्रक्रिया क्या है?

उत्तर: ‘प्रयास’ के गतिविधि भागीदार’ के रूप में कार्य करने के इच्छुक व्यक्तियों को हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध सामग्री का अच्छी तरह अवलोकन करके हमारे विभिन्न क्रियाकलापों के पीछे निहित दर्शन को समझने का प्रयास करना चाहिए। इसी के साथ उन्हें गतिविधि सहभागिता से सम्बंधित विभिन्न पदों जैसे व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक तथा विशेषज्ञ की पंजीकरण योजनाओं में उपलब्ध सामग्री को पढ़कर उनकी  विशिष्ट जिम्मेदारियों को समझने का भी प्रयास करना चाहिए। यदि वें हमारे कार्य दर्शन से  पूरी तरह सहमत हैं एवं इनमें से किसी भी जिम्मेदारी के निर्वाह के लिए स्वयं को प्राथमिक दृष्टि से उपयुक्त समझते है तो उन्हें हमारी विभिन्न गतिविधियों जिसमें ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ के माध्यम से समेकित व्यक्तित्व विकास किया जाना भी शामिल है, से सम्बंधित सामगी को डाउनलोड करके कुछ ऐसे व्यक्तियों जो ‘प्रयास’ की विभिन्न सेवाओं के संभावित उपभोक्ता को सकतें हो, जैसे आठवीं और उसके ऊपर की कक्षाओं में पढने वाले विद्यार्थियों के अभिभावक, परिवार प्रमुखों, विभिन्न विद्यालयों/कॉलेज आदि के प्रमुख, अन्य सस्थाओं के प्रमुख और उद्यमी आदि शामिल है, से व्यक्तिगत रूप से मिलना चाहिए और उन्हें अपने बच्चों, परिवार से सदस्यों, विद्यार्थियों एवं प्रबंधकों तथा कर्मचारियों के व्यक्तित्व के विकास के लिए ‘प्रयास’ की सेवाओं ‘जिसमें प्रयास के विभिन्न प्रकाशनों की विक्री एवं व्यक्तिगत मार्गदर्शन भी शामिल है, का उपयोग करने के लिए उत्प्रेरित करना चाहिए। इस प्रक्रिया को अपनाकर वें ‘प्रयास’के ‘समूह नेता या क्षेत्र प्रबंधक या व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक, विक्रय प्रतिनिधि एवं विशेषज्ञ में से किसी एक पद का कार्यभार सभालने की अपनी क्षमता का आकलन कर सकतें हैं। यदि उन्हें किसी मामले में कुछ संदेह हो तो ‘गतिविधि भागीदारी’ से सम्बंधित ‘प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न’ पढ़कर अपना शंका समाधान कर करतें हैं। यदि वें अपने को गतिविधि भागीदार (व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक तथा विशेषज्ञ) की किसी भी जिम्मेदारी विशेष के लिए उपयुक्त पातें है तो उस भागीदारी विशेष के लिए प्रदत्त फार्म को इस वेबसाइट से डाउनलोड करके और उसे पूरी तरह भर करके मात्र 100 रुपये के पंजीकरण शुल्क डिजिटल माध्यम से भुगतान करके उसके विवरण के साथ भेज सकतें हैं। वें info@prayasvyaktitva.com पर ईमेल द्वारा भी संपर्क कर सकते हैं। 

प्रश्न संख्या 29: गतिविधि भागीदार के रूप में एक बार पंजीकृत हो जाने के बाद क्या यह पंजीकरण आजीवन होता है या कुछ समय बाद इसके नवीनीकरण की आवश्यकता होती है?

उत्तर: एक बार गतिविधि भागीदार के रूप में पंजीकृत हो जाने के बाद कोई भी व्यक्ति जीवन पर्यंत निश्चित जिम्मेदारी का निर्वाह कर सकता है बशर्ते किसी कदाचार या गवन आदि के कारण उसका पंजीकरण निरस्त न कर दिया गया हो। badबाद में यदि वह यह सिद्ध कर देता है कि उसके ऊपर लगाए गए आरोप सत्य नहीं थे तो उसे गतिविधि भागीदार के रूप में पुनः कार्य करने की अनुमति दी जा सकती है और ऐसी स्थिति में उसे पुनः अपना पंजीकरण कराना होगा लेकिन यह निशुल्क होगा। ऐसे अनुशासनिक मामलों में ‘प्रयास’ का निर्णय ही अंतिम होगा।