एफएक्यू /01
‘प्रयास’ के कार्य दर्शन, गतिविधियों एवं आय माडल के बारे में प्रायः पूंछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न संख्या: 1. ‘प्रयास’ का संस्थागत ढांचा क्या है?
उत्तर : प्रयास व्यक्तित्व विकास सेवा (प्रा) लि. (जिसे इसके बाद मात्र ‘प्रयास’ कहा गया है) भारतीय कंपनी अधिनियम 1956 के अंतर्गत एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में निबंधित/पंजीकृत संस्था है। यह एक निदेशक मंडल जिसका मुखिया प्रबंध निदेशक है, द्वारा नियंत्रित है। इसके अधिकांश सहयोगी अंशकालीन गतिविधि भागीदार के रूप में अपने अतिरिक्त/खाली समय का दान करके इसकी विभिन्न गतिविधियों का संचालन एवं प्रबंधन करतें हैं। वें ‘प्रयास’ के पूर्णकालीन कर्मचारी या प्रबंधक नहीं बल्कि स्व-उद्यमी हैं और उनके माध्यम से ‘प्रयास’ को होने वाली आय में हिस्सेदार होतें हैं। इस व्यवस्था से कंपनी द्वारा प्रदान की जा रही विभिन्न सेवाओं के खर्चों को कम करने में काफी सहायता मिलती है ताकि आर्थिक रूप के कमजोर व्यक्तियों को भी ‘प्रयास’ की विभिन्न सेवाएँ बिना किसी व्यवधान के प्राप्त हो सकें।
प्रश्न संख्या: 2. ‘प्रयास’ के मुख्य गतिविधियाँ क्या हैं ?
उत्तर: ‘प्रयास’ मुख्यत: निम्न सेवाएं प्रदान करने में संलग्न है।
- निशुल्क व्यक्तित्व जागरूकता वेविनारों का आयोजन।
- विभिन्न कोटि के व्यक्तियों के व्यक्तित्व का परीक्षण, रेखांकन करके उन्हें आवश्यक परामर्श प्रदान करना।
- अपने अंशकालीन व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शकों के माध्यम से विभिन्न प्रकार के व्यक्तित्व विकास कार्यक्रमों का संचालन एवं प्रबंधन जिसमें व्यक्ति द्वारा अपने व्यक्तित्व को स्व-उत्प्रेरित, स्व-संचालित एवं स्व-नियंत्रित बनाकर अपनी इच्छानुसार अपने भविष्य के निर्माण हेतु अपने आचार-विचार में मौलिक एवं सकारात्मक परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न आयु वर्ग के व्यक्तियों के लिए ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ का संचालन एवं प्रबंधन भी शामिल है।
- विभिन्न कोटि के उपभक्ताओं जिसमें उद्यमी तथा व्यवसायी भी शामिल हैं, की व्यक्तिगत प्रभावशीलता में सुधार के लिए व्यक्तिगत मार्गदर्शन करना।
- व्यक्तित्व/कौशल विकास के सम्बंधित पुस्तकों एवं अन्य साहित्य का प्रकाशन एवं विपणन।
- व्यक्तित्व रेखाकन, परामर्श एवं विकास, व्यवहार परिवर्तन एवं प्रसन्नता प्राप्त करने के उपायों के सम्बंधित व्यावहारिक शोध को प्रोत्साहित करना।
प्रश्न संख्या: 3: ‘प्रयास’ एक वाणिज्यिक संस्था है या समाजसेवी सस्था?
उत्तर: ‘प्रयास’ एक ऐसी संस्था है जो हमारे देश में व्याप्त भयंकर आर्थिक विषमता को ध्यान में रखकर ‘कोई लाभ नहीं कोई हानि नहीं’ और ‘अंतर-सहायता’ के दो सिद्धांतों पर कार्य करती है। यह अपनी सारे क्रियाकलाप या गतिविधियाँ मात्र 10% कर-पूर्व लाभ के सिद्धांत पर नियोजित करती है ताकि निर्णय जनित त्रुटियों के कारण इसे कभी शुद्ध हानि का सामना न करना पड़े और इसकी सेवायें वित्तीय कारणों से बाधित न हों। ‘प्रयास’ द्वारा वर्तमान में प्रदान की जा रही विभिन्न सेवाओं की वाणिज्यिक एवं वित्तीय आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है ताकि ‘प्रयास’ की प्रबंधकीय एवं प्रशासनिक स्वायत्ता भी सुरक्षित रह सके। यद्यपि ‘प्रयास’ तकनीकी रूप से तो एक वाणिज्यिक कंपनी है परन्तु मूल रूप से यह एक समाज-सेवा में संलग्न संस्था है जो नाम-मात्र के लाभ पर कार्य करती है। ‘प्रयास’ अपनी विभिन्न सेवाओं का सेवा प्रभार या शुल्क निर्धारित करते समय यह सुनिश्चित करता है कि कुल उपभोक्ताओं की संख्या के 30% उपभोक्ता अपनी भुगतान क्षमता के अनुसार सेवा शुल्क का भुगतान करें।
प्रश्न संख्या: 4. किसी व्यक्ति के लिए अपने व्यक्तित्व की विशिष्टताओं को समझना क्यों आवश्यक है?
उत्तर: प्रतेक व्यक्ति अपनी आनुवांशिक संरचना, अपने व्यक्तित्व के क्रमशः विकास में सहायक विशेष परिवेश (पारिवारिक एवं सामाजिक), भूतकाल में प्राप्त अवसरों, चुनौतियों एवं अपने अनुभवों की भिन्नता के कारण अपनी सोच, स्वभाव, क्षमता, बुद्धिमत्ता के स्तर, रुचि एवं and रुझान में अन्य व्यक्तियों से काफी भिन्न एवं बिल्कुल अनूठा होता है। दूसरे शब्दों में उसका व्यक्तित्व दूसरे व्यक्तियों से विल्कुल भिन्न और अनूठा होता है। अतः उसे अपने व्यक्तित्व की वर्तमान विशेषताओं एवं कमियों का पता लगाकर उन्हें दूर करने के पश्चात अपने व्यक्तित्व की विशिष्टता के अनुसार ही अपने अध्ययन का क्षेत्र और उसके बाद अपनी नौकरी या पेशे आदि का चयन करना चाहिए। यह तबतक संभव नहीं है जबतक उसे अपने व्यक्तित्व की विशिष्टता एवं कमियों का सम्यक ज्ञान न हो जाय। यदि कोई व्यक्ति अपनी रुचि एवं स्वभाव के विपरीत अपने अध्ययन और कार्य का क्षेत्र चुनता है तो वह न तो उसमें सफल होगा और anन तो प्रसन्नता एवं शांति ही प्राप्त कर पायेगा। ऐसा व्यक्ति अवसाद का शिकार होकर विभिन्न जीवन शैली से सम्बंधित बीमारियों से ग्रसित होकर अपना जीवन को नारकीय बना सकता है जिसका प्रभाव उसके परिवार पर भी पड़ेगा। अतः प्रतेक व्यक्ति को अपने व्यक्तित्व के विभिन्न पहलूओं को वैज्ञानिक विधि से रेखांकित कराकर उन्हें अच्छी तरह समझ लेना आवश्यक है ताकि उसी के अनुसार वह अपने भविष्य के निर्माण का प्रयास कर सकें और उसकी ऊर्जा का अनावश्यक अपव्यय न हो।
प्रश्न संख्या: 5: व्यक्तित्व के निर्धारण की प्रक्रिया क्या है?
उत्तर: इस समय काफी संख्या में समय सिद्ध मनोवैज्ञानिक उपकरण तथा व्यक्तित्व परीक्षण प्रश्नावलियां उपलब्ध हैं जिनकी सहायता से किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्धारण परीक्षण के दौरान उसके द्वारा दिए गए उत्तरों का वस्तुनिष्ट विश्लेषण करके किया जा सकता है। परन्तु व्यक्तित्व निर्धारण की शुद्धता एवं विश्वसनीयता के लिए विभिन्न प्रश्नों का उत्तर देते समय व्यक्ति द्वारा पूरी ईमानदारी बरतने की आवश्यकता है।.हम व्यक्तित्व परीक्षण डिजिटल माध्यम से करतें है जिसकें अंतर्गत व्यक्ति अपने मोबाइल पर ही संबंधित मनोवैज्ञानिक उपकरण डाउनलोड करके टेस्ट दे सकता है।
प्रश्न संख्या 7: आठवी या उसके नीचे की कक्षा के विद्यार्थी या 13 वर्ष से कम के बच्चे का व्यक्तित्व निर्धारण क्यों नहीं किया जाता या उसे ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में शामिल क्यो नही किया जाता?
उत्तर : हमें यह बात समझने की आवश्यकता है kiकि बच्चे के व्यक्तित्व के क्रमशः निर्माण का आरम्भ जीवन के शुरू के वर्षों में हो जाता है और उसके विकास की यह प्रक्रिया जीवन पर्यंत चलती रहती है। अतः व्यक्तित्व में बदलाव की प्रक्रिता सतत चलती रहती है। प्रसिद्द फ्रेंच मनोवैज्ञानिक ‘पाइगेट’ के व्यक्तित्व विकास के सिद्धांत के अनुसार बच्चें के व्यक्तित्व के विकास के चार आरंभिक चरण होतें हैं जो उसकी आयु से सम्बन्ध रखते हैं। वें सेंसोरिमोटर (2 वर्ष तक), preक्रियात्मक-पूर्व (2 से 7 वर्ष तक), निश्चित क्रियात्मक (7 से 11 वर्ष तक) तथा औपचारिक क्रियात्मक (11 वर्ष से 15) हैं। अतः 15 वर्ष तक बच्चे का व्यक्तित्व पूरी तरह स्थिर हो जाता है और ठोस स्वरुप धारण कर लेता है। चूँकि 15 वर्ष का बच्चा हाई स्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाला होता है और यह परीक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है इसमें उत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए आवशयक है कि इस परीक्षा के कम से कम दो वर्ष पूर्व बच्चे के व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन लाया जाय। अतः ‘प्रयास’ 13 वर्ष या उसके ऊपर के बच्चों का व्यक्तित्व निर्धारण करता है और उनका प्रवेश ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में भी लेता है। 13 वर्ष का बच्चा या तो कक्षा 8 कक्षा में पढ़ रहा होता है या इसे उत्तीर्ण कर चुका रहता है क्योकि कक्षा 1 में औपचारिक औपचारिक प्रवेश के लिए बच्चे की आयु 5 वर्ष होना आवश्यक है। इसलिए 13 वर्ष से कम के बच्चे का न तो व्यक्तित्व परीक्षण किया जाता है और न तो प्रयास फाउंडेशन कोर्स में ही प्रवेश दिया जाता है।
प्रश्न संख्या 8: व्यक्तित्व परीक्षण, रेखांकन एवं परामर्श का वर्तमान शुल्क क्या है?
उत्तर: व्यक्तित्व परीक्षण, रेखांकन एवं परामर्श का वर्तमान शुल्क मात्र 750 (सात सौ पचास) रूपये है।
प्रश्न संख्या 9: व्यक्तित्व परीक्षण में कुल कितना समय लगता है?
उत्तर: परीक्षण की कुल अवधि लगभग 90 मिनट की होती।
प्रश्न संख्या 10: किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्धारण करने के पश्चात उसे क्या व्यक्तिगत परामर्श भी दिया जाता है?
उत्तर : हमारे मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता सम्बंधित व्यक्ति तथा उसके अभिभावकों को उसके व्यक्तित्व की शक्तियों एवं कमजोरियों से अवगत कराते हैं और उसे अपने आचार में सकारात्मक परिवर्तन के लिए कुछ करने और anन करने वाले व्यवहारों के सम्बन्ध में कुछ सुझाव देतें हैं। इस परामर्श सत्र की अवधि 30 मिनट से 45 मिनट तक की हो सकती है।. व्यक्ति और उसके अभिभावकों को पहले अलग अलग फिर एक साथ बैठाकर परामर्श दिया जाता है। यह सत्र पूरी तरह अनौपचारिक होता है और दोनों तरफ से वार्तालाप होता है। यह प्रक्रिया विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से की जाती है।
प्रश्न संख्या 11: समय-दान की अवधारणा क्या है और यह कैसे काम करती है?
उत्तर: हमारे समाज में काफी संख्या में ऐसे व्यक्ति हैं जो किसी कार्य में या तो किसी संस्था के अधिकारी या कर्मचारी के रूप में या स्व-उद्द्यमी या व्यवसायी के रूप में व्यस्त हैं या आय के किसी नियमित श्रोत से अपने परिवार की देखभाल कर रहें हैं। ऐसे व्यक्तियों के पास अपनी वर्तमान जिम्मेदारियों को पूरी करने के बाद भी कुछ अतिरिक्त समय बचा रह जाता है। इसके अतिरिक्त काफी संख्या में शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ सेवानिवृत लोग भी हैं जिनके पास उनकी मासिक पेंशन के साथ सेवानिवृति के बाद मिलने वाले धन की जमा राशि पर ब्याज या पेंशन के स्थान पर निर्वाह निधि के समापन भुगतान के पैसे की जमाराशि पर मिलने वाले ब्याज के रूप में मिलने वाली राशि भी होती है, के पास अपनी वर्तमान पारिवारिक जिम्मेदारियों को पूरा करने के बाद भी काफी अतिरिक्त समय बचता है। ऐसे सभी लोग वर्तमान में इस अतिरिक्त समय को किसी न किसी प्रकार व्यतीत कर रहें होगें। ऐसे अतिरिक्त समय रखने वाले व्यक्तियों में से कुछ ब्यक्ति दयालु स्वभाव के हो सकतें हैं जो समाज सेवा में अपने इस अतिरिक्त समय का दान कर सकते हैं।
‘प्रयास’ अतिरिक्त समय रखने वाले और isइस अतिरिक्त समय का उपयोग समाज सेवा के लिए करने के इच्छुक सभी दयालु ह्रदय व्यक्तियों को अपने अतिरिक्त समय का दान उनके माध्यम से ‘प्रयास’ को होने वाली सकल आय में हिस्सेदारी के बदले करके व्यक्तित्व रेखाकन एवं विकास के सम्बंधित अपनी विभिन्न गतिबिधियों के संचालन एवं प्रबंधन अंशकालीन गतिविधि भागीदार के रूप में करने के लिए आमंत्रित करता है। ‘प्रयास’ ऐसे व्यक्तियों को उनके द्वारा दान किये गए समय के एवज में उनके माध्यम स्वयं से प्राप्त सकल आय में उन्हें हिस्सेदार बनाता है। इस प्रकार वें अपने इस अतिरिक्त समय का ofउपयोग समाज के लिए अत्यंत उपयोगी is इस कार्य के लिए isकर पातें हैं।and इस प्रक्रिया में वें सामाजिक प्रतिष्ठा अर्जित करने के साथ-साथ कुछ अतिरिक्त आय भी प्राप्त कर लेतें हैं । अतः उनके द्वारा ‘प्रयास’ को दिया गया यह समय दान पूरी तरह निशुल्क नहीं है बल्कि सकल आय में हिस्सेदारी मिलने के एवज में है।
समय दान की यह अवधारणा ‘प्रयास’ को अपनी सेवाओं का शुल्क कम कर पाने में सहायक सिद्ध होती है और ‘प्रयास’ 30% उपभोक्ताओं को उनकी व्यक्तिगत भुगतान क्षमता के अनुसार सेवा प्रदान करने में सक्षम हो पाता है। इस प्रकार ‘प्रयास’ समाजसेवा में रूचि रखने वाले दयालु ह्रदय वाले व्यक्तियों को अपने अतिरिक्त समय का सार्थक उपयोग स्व-उद्दयम के रूप में करने के साथ-साथ अतिरिक्त आय एवं सामाजिक प्रतिष्ठा प्राप्त करने के लिए एक उपयुक्त मंच प्रदान करता है।
प्रश्न संख्या 12: कोई भी व्यक्ति द्वारा ‘प्रयास’ को किये जा रहे समय-दान की न्यूनतम तथा अधिकतम सीमा क्या है?
उत्तर: किसी भी व्यक्ति द्वारा ‘प्रयास’ को दी जा रही समय दान के लिए न्यूनतम समय 90 मिनट प्रतिदिन हैं परन्तु अधिकतम समय दान की कोई सीमा नही है। यह समय दान सप्ताह में रविवार को छोड़कर बाकी 6 दिन देना पड़ता है परन्तु विशेषज्ञों के लिए यह लागू नहीं है। वें अपनी उपलब्धता के अनुसार व्यक्तिगत मार्गदर्शन सेवा दे सकतें है। समय दान करने वाले व्यक्ति की आय उसके द्वारा दान दिए गए समय एवं उसके उपयोग से होने वाली आय पर निर्भर करेगी।
प्रश्न संख्या 13: यदि कोई व्यक्ति एक बार गतिविधि भागीदार के रूप में पंजीकृत हो जाता है तो क्या वह जीवन पर्यंत ‘प्रयास’ के गतिविधि भागीदार के रूप में कार्य कर सकता है या दुबारा उसे पंजीकरण कराना पडेगा?
उत्तर: एक बार गतिविधि भागीदार के रूप में पंजीकृत हो जाने के बाद व्यक्ति जीवन पर्यंत ‘प्रयास’ के गतिविधि भागीदार के रूप में कार्य कर सकता है बशर्ते उसपर किसी धोखाधड़ी जैसे कदाचार के कारण ‘प्रयास’ द्वारा रोक न लगा दी गई हो। परन्तु यदि जाँच के दौरान वह यह सिद्ध कर देता है कि धोखाधड़ी या किसी अन्य कदाचार का आरोप सत्य नहीं है तो उसे पुनः गतिविधि भागीदार के रूप में कार्य करने की अनुमति दी जा सकती है। ऐसी स्थिति में उसे पुनः अपना पंजीकरण कराना पड़ेगा परन्तु यह निशुल्क होगा।
प्रश्न संख्या 14: ‘प्रयास’ अपने गतिविधि भागीदारों को पूर्णकालीन नौकरी प्रदान करने के स्थान पर अपने आय में हिस्सेदारी के एवज में मात्र अंशकालीन कार्य का अवसर ही क्यों उपलब्ध कराता है?
उत्तर: मेट्रो एवं अन्य बड़े शहरों में व्यक्तित्व परीक्षण, रेखांकन एवं परामर्श सेवा में सलग्न संस्थाओं द्वारा उपभोक्ताओं से लिया जा सेवा शुल्क काफी अधिक है। चूँकि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में व्यक्तित्व संबंधी विसंगतियां काफी तेजी से फ़ैल रही हैं और अधिकाँश परिवारों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है और गरीब परिवारों के लिए मह्गी सेवा का उपयोग कर पाना संभव ही नहीं है अतः ऐसी व्यवस्था बनाना आवश्यक है जिसके अनुसार इस सेवा का शुल्क उनके भुगतान क्षमता के अनुसार निर्धारित किया जा सकें। पूर्ण कालीन कर्मचारियों का उपयोग करके इन सेवाओं के शुल्क में कमी नही की जा सकती है।.
इस उद्देश्य की प्राप्त करने के लिए एक मात्र विकल्प ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित करना आवश्यक है जिनकी वर्तमान आय उनके दिन प्रतिदिन के खर्चों के लिए पर्याप्त है और उनके पास कुछ अतिरिक्त समय है किसका दान वें समाज सेवा के लिए करने को तैयार हैं और उसे वे नाम-मात्र की आय पर ‘प्रयास’ को दान करने के लिए तैयार हैं। चूँकि हमारी सेवाएं समाज के कल्याण के लिए हैं अतः अपना समय दान करने वाले व्यक्तियों की सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होती हैं।
सामान्यतया समाज कल्याण कार्यों मे संलग्न संस्थाए वित्तीय अनुदान या दान पर निर्भर रहती हैं और उनके कार्य की सीमा वार्षिक अनुदान या दान राशि पर निर्भर करती हैं। उनके प्रबंधकों एवं कर्मचारियों के वेतन भत्ते, प्रशासनिक खर्च एवं अन्य खर्च इसी दान/अनुदान राशि से किये जातें हैं। ‘प्रयास’ ने वित्तीय दान की अवधारणा को समय-दान की अवधारणा में परिवर्तित किया है जिसमें समय-दान के एवज में नाम-मात्र की आय होती है और अपने समय का दान करने वाले व्यक्ति को अपनी सुविधानुसार सम्बंधित सामाजिक कल्याण कार्य से स्वयं को जोड़ने का अवसर भी प्राप्त होता है जिससे उसे आत्म संतुष्टि भी प्राप्त होती है। गरीब से गरीब व्यक्ति भी समय दान तो कर ही सकता है भले वह वित्तीय दान देने की स्थिति में न हो। इससे सेवा शुल्क में कमी की जा सकती है। अतः ‘प्रयास’ अपने गतिविधि भागीदारों को पूर्णकालीन नौकरी के स्थान पर अपने आय में हिस्सेदारी के एवज में मात्र अंशकालीन कार्य का अवसर उपलब्ध कराता है।
प्रश्न संख्या 15: ‘प्रयास’ द्वारा अपनी व्यक्तित्व परीक्षण, रेखांकन एवं परामर्श सेवा का वर्तमान शुल्क (रूपये 750) भी गरीब परिवारों या व्यक्तियों के लिए ज्यादा है। क्या इसे और अधिक कम नहीं किया जा सकता है?
उत्तर: किसी भी संस्था जो दान/अनुदान पर निर्भर नहीं है, को यदि समाज के हित में अपनी गतिविधियों को निर्बाध रूप से परिचालित करना है तो उसे वित्तीय रूप से आत्म निर्भर होना पड़ेगा। ‘प्रयास’ ‘कोई लाभ नहीं कोई हानि नहीं’ और ‘अंतर-सहायता’ के सिद्धांत पर कार्य करता है और इसके 30% उपभोक्ता आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के होतें है और उनका सेवा शुल्क उनकी भुगतान क्षमता को ध्यान में रख्कर ‘प्रयास’ द्वारा निर्धारित किया जाता है। कुछ पाने के लिए कुछ त्याग तो करना पड़ता है और तभी उस चीज के महत्त्व का पता चलता है। आज गरीब से गरीब व्यक्ति भी अपने बच्चों को निजी स्कूल में महगी फीस देकर पढ़ाना चाहता है परन्तु उन्हें सरकारी स्कूल में नहीं भेजना चाहता है क्योकि वहा की पढ़ाई से वह संतुष्ट नहीं है और अपने बच्चों के भविष्य को अपने से बेहतर बनाना चाहता है।
प्रश्न संख्या 16: गतिविधि सहभागियों के लिए आय में हिस्सेदारी का अनुपात क्या है?
उत्तर: व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक जो ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स का संचालन एवं प्रबंधन करता है, को कुल शुल्क का 70% हिस्सा प्राप्त होता है। इसके अतिरिक्त यदि वह अपने नेटवर्क के विस्तार स्वयं करता है और अपने नीचे के व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शकों को भी इसका विस्तार करने के लिए उत्प्रेरित करता है तो नेटवर्क विस्त्तार प्रोत्साहन राशि एवं लीडरशिप बोनस से भी काफी अतिरिक्त आय कर सकता है। विस्तृत जानकारी के लिए इसके पंजीकरण योजना में दी गई संभावित मासिक आय की तालिका देखें। यदि वह प्रयास की व्यक्तित्व विकास से सम्बंधित सेवाओं के प्रचार-प्रसार में सहायता करता है तो उसे इन सेवाओं से प्राप्त राशि का 20% हिस्सा प्राप्त होता है। इन्हें ‘प्रयास’ के विभिन्न प्रकाशन 40% छूट पर विक्री के लिए उपलब्ध कराये जाते हैं। विभिन्न प्रकार के विशेषज्ञ भी व्यक्तिगत मार्गदर्शन सेवा प्रदान करतें है और प्राप्त शुल्क का 90% उन्हें प्राप्त होता हैं।
प्रश्न संख्या 17: गतिविधि सहभागियों के लिए भौगोलिक कार्य क्षेत्र का क्या महत्त्व है?
उत्तर: चूँकि सभी सेवायें डिजिटल माध्यम से प्रदान की जाती हैं अतः भौगोलिक क्षेत्र का कोई महत्त्व नहीं है।
प्रश्न संख्या 18: ‘प्रयास’ का कौन कार्यक्रम सबसे महत्वपूर्ण हैं?
उत्तर : ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ सबसे महत्वपूर्ण और मौलिक कार्यक्रम है क्योकि इस कोर्स के प्रतिभागी का व्यक्तित्व परीक्षण के बाद उसके व्यक्तित्व में पाई गई कमियों को विचार मंथन एवं स्व-लेखन प्रक्रिया के माध्यम से नियोजित रूप से दूर करके उसके व्यक्तित्व का समेकित विकास सुनिश्चित किया जाता है। यह कार्यक्रम प्रतिभागी के आचार-विचार में मौलिक परिवर्तन लाता है और उसे अपना भविष्य अपनी इच्छानुसार बनाने में सक्षम बना देता है। किसी भी व्यक्ति की सोच एवं व्यवहार को बदलना सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य होता है अतः ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ जो इसमें सहायक सिद्ध होता है, ‘प्रयास’ का सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम माना जाता है।
प्रश्न संख्या 19: ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्व-उत्प्रेरित, स्व-संचालित एवं स्व-नियंत्रित व्यक्तित्व का विकास करके प्रतिभागियों को अपने जीवन से सारी चुनौतियों को प्रसन्नता एवं शांति के साथ सफलतापूर्वक सामना करने में सक्षम बनाना है।