एफएक्यू /06
‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में भाग लेने के इच्छुक विद्यार्थियों या बच्चों द्वारा प्राय: पूंछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न संख्या. 01: ‘प्रयास’ की कौन गतिविधि सबसे महत्वपूर्ण है?
उत्तर: ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ जिसमे व्यक्तित्व परीक्षण, रेखांकन एवं व्यक्तित्व का नियोजित विकास शामिल है, ‘प्रयास’ द्वारा संचालित सबसे महत्वपूर्ण गतिविधि है। यह एक समेकित व्यक्क्तित्व चिन्हीकरण एवं विकास कार्यक्रम है जो प्रतिभागियों की सोच एवं व्यवहार में मौलिक एवं सकारात्मक परिवर्तन लाता है। किसी भी व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन लाना अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य है जिसमें यह कार्यक्रम सहायक सिद्ध होता है। अतः यह सबसे महत्वपूर्ण गतिविधि मानी जाती है।
प्रश्न संख्या 02: ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्व-उत्प्रेरित, स्व-संचालित एवं स्व-नियंत्रित व्यक्तित्व का विकास करके प्रतिभागियों को अपने जीवन की सारी चुनौतियों को प्रसन्नता एवं शांति के साथ सफलतापूर्वक सामना करने में सक्षम बनाना है। इसका शुल्क ‘कोई लाभ नहीं कोई हानि नहीं’ और ‘अंतर-सहायता’ के दो सिद्धांतों के आधार पर निर्धारित किया जाता है तथा 30% अभ्यर्थी, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, मात्र अपनी भुगतान क्षमता के अनुसार सेवा शुल्क देकर इसका लाभ उठा सकतें हैं।
प्रश्न संख्या 03: ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में भाग लेने के लिए किसी बच्चें या विद्यार्थी की न्यूनतम आयु क्या होनी चाहिए?
उत्तर: इसकी न्यूनतम आयु 13 वर्ष है। इस आयु तक के बच्चें सामान्यतया या तो आठवी कक्षा उत्तीर्ण कर चुके होतें हैं या नवी कक्षा में पढ़ रहे होतें हैं।
प्रश्न संख्या 04: आठवी या उसके नीचे की कक्षा के विद्यार्थी या 13 वर्ष से कम के बच्चे का व्यक्तित्व निर्धारण क्यों नहीं किया जाता है या उसे ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में शामिल क्यो नही किया जाता है?
उत्तर: हमें यह बात समझने की आवश्यकता है kiकि बच्चे के व्यक्तित्व के क्रमशः निर्माण का आरम्भ जीवन के शुरू के वर्षों में हो जाता है और उसके विकास की यह प्रक्रिया जीवन पर्यंत चलती रहती है। अतः व्यक्तित्व में बदलाव की प्रक्रिता सतत चलती रहती है। प्रसिद्द फ्रेंच मनोवैज्ञानिक ‘पाइगेट’ के व्यक्तित्व विकास के सिद्धांत के अनुसार बच्चें के व्यक्तित्व के विकास के चार आरंभिक चरण होतें हैं जो उसकी आयु से सम्बन्ध रखते हैं। वें सेंसोरिमोटर (2 वर्ष तक), preक्रियात्मक-पूर्व (2 से 7 वर्ष तक), निश्चित क्रियात्मक (7 से 11 वर्ष तक) तथा औपचारिक क्रियात्मक (11 वर्ष से 15) हैं। अतः 15 वर्ष तक बच्चे का व्यक्तित्व पूरी तरह स्थिर हो जाता है और ठोस स्वरुप धारण कर लेता है। चूँकि 15 वर्ष का बच्चा हाई स्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाला होता है और यह परीक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है इसमें उत्कृष्ट परिणाम पारपत करने के लिए आवशयक है कि इस परीक्षा के कम से कम दो वर्ष पूर्व बच्चे के व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन लाया जाय। अतः ‘प्रयास’ 13 वर्ष या उसके ऊपर के बच्चों का व्यक्तित्व निर्धारण करता है और उनका प्रवेश ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में भी लेता है। 13 वर्ष का बच्चा या तो कक्षा 8 कक्षा में पढ़ रहा होता है या इसे उत्तीर्ण कर चुका रहता है क्योकि कक्षा 1 में औपचारिक औपचारिक प्रवेश के लिए बच्चे की आयु 5 वर्ष होना आवश्यक है। इसलिए 13 वर्ष से कम के बच्चे का न तो व्यक्तित्व परीक्षण किया जाता है और न तो प्रयास फाउंडेशन कोर्स में ही प्रवेश दिया जाता है।
प्रश्न संख्या 16: जब मै अपने विद्यालय में नियमित रूप से अध्ययन कर रहा हूँ तो फिर मुझे ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में भाग लेने की क्या आवश्यकता है? इस कोर्स में ऐसी क्या ख़ास बात है?
उत्तर: वर्तमान में विभिन्न विद्यालयों/महाविद्यालयों के पास मात्र इतना ही समय होता है कि वें किसी प्रकार विभिन्न विषयों का पाठ्यक्रम ही पूरा कर सकें। उनके पास इतना समय नहीं होता कि वे विद्यार्थी के व्यक्तित्व की वैज्ञानिक तरीकों से जाँच करके उसकी विशेषताओं, शक्तियों और कमजोरियों पता लगा सकें और सुनियोजित तरीके से उसके व्यक्तित्व का विकास सुनिश्चित कर सकें। ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ इसी विशेष कार्य को करता है और प्रतिभागियों की भावनात्मक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक या नैतिक बुद्धिमत्ता को विकसित करने में सहायक सिद्ध होता है। अति उच्च मानसिक बुद्धिमत्ता के धनी विद्यार्थी भी नकारात्मक आदतों जैसे कठिन श्रम से भागना, नियोजित ढंग से एवं एकाग्रचित्त होकर अध्ययन न करने के कारण परीक्षा में अच्छे अंक नहीं प्राप्त कर पातें हैं। ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ व्यक्तित्व की विसंगतियों को चिन्हित करके उन्हें दूर करता है जिससे बेहतर परिणाम के साथ-साथ प्रतिभागी के व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन आता है और वें अपने जीवन में शांति एवं प्रसन्नता के साथ सफलता प्राप्त कर लेतें हैं और अपनी इच्छानुसार अपना भविष्य बना सकतें हैं। शिक्षा के वर्तमान ढाँचे में स्कूलों तथा कॉलेजों आदि के लिए यह कार्य कर पाना काफी कठिन होता है। अतः आप को यह कोर्स अवश्य ज्वाइन करना चाहिए।
प्रश्न संख्या 16: मैं अपने स्कूल या कॉलेज में विभिन्न विषयों के अध्ययन और उसके बाद उनकी कोचिंग आदि में सुबह से शाम तक व्यस्त रहता हूँ। अतः रोजाना मेरे पास ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ के लिए 90 मिनट का समय कहाँ से आयेगा?
उत्तर : वर्तमान में आप द्वारा अपने विद्यालय एवं कोचिंग आदि में व्यतीत किये गए समय काof कोई भी व्यावहारिक लाभ नहीं होगा यदि आप की सोच एवं व्यवहार सकारात्मक नहीं होगा और आप का आचरण स्व-निर्देशित एवं स्व-नियत्रित नही होगा। चूँकि प्रयास फाउंडेशन कोर्स आप की सोच एवं व्यवहार को सकारात्मक एवं व्यक्तित्व को आत्मनिर्देशित एवं स्व-नियंत्रित बनाता है जिसके कारण आप अपने बल पर अपनी अभिरुचि के अनुसार अपने भविष्य का निर्माण कर सकतें हैं। अतः आप को अपनी सभी वर्तमान व्यस्तताओं के वावजूद 90 मिनट का समय अपनी सुविधानुसार इस कोर्स में भाग लेने के लिए अवश्य निकलना चाहिए। इस कोर्स को सफलातापूर्वक पूर्ण कर लेने के बाद आप के अन्दर दैनिक समस्याओं से खुद संघर्ष करने की प्रवृति विकसित हो जाने के कारण कोचिंग लेने की आवश्यकता एवं दूसरों पर निर्भर रहने की प्रवृति काफी कम हो जाएगी क्योकि आप किसी भी विषय को अपने विद्यालय से अध्यापक से प्रश्न पूछकर और अपने प्रयास से अच्छी तरह समझ सकते हैं। इससे न केवल पैसे की बचत होत्ती है बल्कि कोचिंग आदि पर लगने वाला समय भी बचता है। स्व-प्रयास एवं स्वावलंबन के स्थान पर दूसरों पर निर्भरता दीर्घ काल में काफी हानिकारक सिद्ध होती है। अतः प्रबल इच्छाशक्ति होने पर 90 मिनट का समय निकाल पाना कठिन नही होगा। अतः इस कोर्स के लाभों को ध्यान में रखकर सप्ताह के छः दिन 90 मिनट का समय निकालना जरुरी है।
प्रश्न संख्या 08: वर्तमान में मैं स्कूल एवं कोचिंग की भारी भरकम फीस पहले से ही दे रहा हूँ अतः अपने माता-पिता से 750 रूपये व्यक्तित्व परीक्षण, रेखांकन एवं परामर्श के लिए या 5000 रूपये ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में सहभागिता के लिए मांगना कठिन प्रतीत होता है।
उत्तर: बाजार में व्यक्तित्व परीक्षण, रेखांकन, परामर्श एवं विकास के वर्तमान शुल्क को देखते हुए मात्र 750 रूपये व्यक्तित्व परीक्षण, रेखांकन एवं परामर्श के लिए या मात्र 5000 रूपये छः माह के ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में भाग लेने के लिए ज्यादा नहीं है। प्रयास फाउंडेशन कोर्स में भागीदारी से संभावित लाभ उसके शुल्क से कई गुना है अतः अभिभावकों के लिए मात्र पाच हजार रूपये की व्यवस्था करना बुद्धिमानी का कार्य होगा। इस कोर्स से प्रतिभागियों की सोच एवं व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन आता है और वें अपने अध्ययन का प्रबंधन काफी अच्छे तरीके से करके आशातीत सफलता प्राप्त कर सकते हैं। अतः जब भी आप अपने माता-पिता से अपने व्यक्तित्व के परीक्षण, रेखांकन तथा व्यक्तिगत परामर्श या प्रयास फाउंडेशन कोर्स में पंजीकरण के लिए कहें तो इस कोर्स के इस लाभदायक पहलू की तरफ उनका ध्यान अवश्य आकर्षित करें।
प्रश्न संख्या 09: मेरा स्कूल/कॉलेज/विश्वविद्यालय समय समय पर आयोजित लघु-कालीन कार्यक्रमों या ख्यातिप्राप्त व्यक्तियों के लेक्चर आदि द्वारा अपने छात्रों के व्यक्तित्व का विकास तो करता ही रहता हैं फिर इस कोर्स की क्या आवश्यकता है?
उत्तर: जैसा कि ऊपर बत्ताया गया है, अधिकाँश स्कूल, कॉलेज तथा विश्वविद्यालय अपना पूरा ध्यान अपने पाठ्यक्रम को किसी प्रकार पूरा करने में लगाते हैं और उनके पास विद्यार्थी के व्यक्तित्व में सकारात्मक गुणों को विकसित करने के लिए पर्याप्त समय ही नहीं होता है। यह कटु सत्य है की छोटी अवधि के कार्यक्रम या महत्वपूर्ण व्यक्तियों के व्याख्यान प्रतिभागियों की सोच एवं व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन नही ला पातें हैं क्योकि उनकी अवधि सम्बंधित विचारों को प्रतिभागी के मष्तिष्क में स्थाई रूप में घर करने के लिए पर्याप्त नहीं होती है। प्रयास फाउंडेशन कोर्स जिसकी अवधि छह माह की होती है उन्मुक्त विचार मंथन प्रक्रिया के माध्यम से प्रतिभागियों के अन्दर आत्म-नियंत्रित एवं स्व-निर्देशित व्यक्तित्व का विकास सुनिश्चित करता है जो किसी नियमित स्कूल, कॉलेज या विश्वविद्यालय के लिए कर पाना कठिन है क्योकि वह अपना कोर्स पूरा करने के साथ-साथ अन्य कई गतिविधियों में भी व्यस्त रहता है। अतः आप को इस कोर्स की आवश्यकता है।
प्रश्न संख्या 10: मुंझे प्रयास फाउंडेशन कोर्स इतना शीघ्र क्यों ज्वाईन करना चाहिए? क्या मैं इसे बाद में नहीं ज्वाइन कर सकता?
उत्तर: एक छात्र के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण सोपान उसका हाई स्कूल की परीक्षा का परिणाम होता है क्योकि इसी के आधार पर वह अपनी आगे की पढाई तथा उसके पूरा हो जाने के बाद की नौकरी आदि का चयन करता है। अतः इस कोर्स से अधितकम लाभ प्राप्त करने के लिए इस सोपान आने के काफी पहले ही उसके व्यक्तित्व की सभी कमियों का पता लगाकर उन्हें दूर कर देना चाहिए। व्यक्ति की सोच एवं व्यवहार में परिवर्तन के लिए पर्याप्त समय चाहिए ताकि नए विचार या सोच उसके मष्तिष्क में ठीक से बैठ जाय। अतः ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ कक्षा 8 या उसके ऊपर के विद्यार्थियों के लिए 6 माह की अवधि के लिए चलाया जाता है। अतः किसी भी प्रतिभागी को बिना इन्तजार किये इस कोर्स को शीघ्रातिशीघ्र ज्वाइन करना चाहिए। जो कोर्स अध्ययन और उसके बाद की नौकरी के लिए इतना लाभदायक हो इसे ज्वाइन करने में विलम्ब क्यों करना चाहिए?
प्रश्न संख्या 11: अध्ययन में अच्छे परिणाम, उसके बाद एक अच्छी नौकरी प्राप्त करने, या कोई सफल पेशा अपनाने के लिए मानसिक बुद्धिमत्ता के तुलना में भावनात्मक, सामाजिक एवं नैतिक या आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता का क्या महत्त्व है? यदि किसी व्यक्ति की मानसिक बुद्धिमता का स्तर उच्च है तो वह आसानी से एक अच्छी नौकरी प्राप्त करके अच्छी आय प्राप्त कर सकता है। अतः मै ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ जो भावनात्मक, सामाजिक एवं नैतिक या आध्यात्मिक बुद्धिमता विकसित करने का दावा करता है, क्यों ज्वाइन करूं?
उत्तर: कोई ही नियोजक किसी ऐसे किसी भी व्यक्ति को नौकरी नहीं देना चाहेगा जिसकी मानसिक बुद्धिमत्ता तो काफी तेज है परन्तु उसकी भावनात्मक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता का सम्यक विकास नहीं हो पाया है। इसका कारण यह है कि अधिकांश कार्यों या नौकरियों या पेशों, जिसमें स्व-रोजगार भी शामिल है, में व्यक्ति को समूह में अन्य कर्मचारियों या सहकर्मियों के साथ एक टीम के रूप में कार्य करना पड़ता है और अपने नीचे के लोगो का सहयोग एवं ऊपर के लोगों का मार्गदर्शन भी प्राप्त करना पड़ता है। कमजोर भावनात्मक, सामाजिक एवं नैतिक या आध्यात्मिक बुद्धिमता वाला व्यक्ति, अपने कनिष्क एवं वरिष्ट कर्मचारियों/अधिकारियों एवं अपनी टीम के अन्य सदस्यों से आवश्यक सहयोग तथा मार्गदर्शन नहीं प्राप्त कर पाता है और अपनी ही बात पर अड़कर झगड़ा कर बैठता है और सबसे अलग-थलग पड़ जाता है। इसके फलस्वरूप वह न केवल स्वयं असफल हो जाता है बल्कि संस्था की सफलता में भी बाधक बन जाता है और कुछ ही दिनों में नौकरी के निकाला जा सकता है। अतः यदि किसी व्यक्ति की भावनात्मक, सामाजिक तथा नैतिक या आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता अविकसित है तो वह अच्छे शैक्षणिक परिणाम के बावजूद भी अच्छी नौकरी नहीं प्राप्त कर पाता है। चूँकि ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ उन्मुक्त विचारमंथन प्रक्रिया के माध्यम से भावनात्मक, सामाजिक तथा नैतिक या आध्यात्मिक बुद्धिमता का सम्यक विकास सुनिश्चित करता है। अतः जो भी व्यक्ति, चाहे वह विद्यार्थी हो या वयस्क, यदि एक शांतिपूर्ण, प्रसन्न एवं सफल जीवन और एक शानदार भविष्य चाहता है तो उसे इस कोर्स को अविलम्ब ज्वाइन करना चाहिए।
प्रश्न संख्या 12: यह कैसे सिद्ध होता है की ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में भाग लेने से प्रतिभागी के व्यक्तित्व का विकास उचित दिशा में हो रहा है? क्या मुझे कोर्स के अंत में ऐसा परिवर्तन दर्शित करता हुआ कोई प्रमाणपत्र दिया जायेगा?
उत्तर: इस कोर्स में प्रवेश लेने के 15 दिन के अन्दर प्रतेक प्रतिभागी के व्यक्तित्व की जाँच की जाती है और उसके परिणाम के आधार पर उसके प्रवेश पूर्व व्यक्तित्व का रेखांकन किया जाता है। इस कोर्स की समाप्ति के 15 दिन पूर्व उसके व्यक्तित्व की पुनः जाँच करके उसका संशोधित रेखांकन किया जाता है। दोनों की तुलना करके उसके व्यक्तित्व में हुए परिवर्तन को इंगित करते हुए एक व्यक्तित्व विकास रपट बनाई जाती है जिसमें उसके व्यक्तित्व की मौलिक विशिष्टताये भी इंगित की जाती हैं और भविष्य में उसके व्यक्तित्व के विकास की निरंतरता बनाए रखने के लिए कुछ सुझाव भी दिए जातें हैं। इन्हें उसके अभिभावक तथा स्कूल या कॉलेज को लागू करने के लिए कहा जाता है। यह रपट कोर्स की समाप्ति पर प्रतेक प्रतिभागी को दी जाती है। इसको देखकर उसके अभिभावक तथा परिवार के अन्य सदस्य या स्कूल उसके व्यक्तित्व में हुए सकारात्मक परिवर्तन का आसानी से पता लगा सकतें हैं। ये परिवर्तन उसके दैनिक आचार-विचार में भी दिखतें हैं।
प्रश्न संख्या 13: ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ की क्लास में जाने के पूर्व क्या तैयारी करनी पड़ती है? इसके लिए मुंझे अतिरिक्त समय कहाँ से मिलेगा?
उत्तर: इसके क्लास के लिए कोई खास तैयारी नहीं करनी पड़ती है। आप को अपनी रूचि के विषय पर मात्र एक पृष्ट लिखकर पोस्ट करना होता है और कुछ विडियो और ऑडियो देखने पड़ते हैं। उसके बाद जिस भी विचार विन्दु पर विचारमंथन हो रहा है उसके विभिन्न पहलुओं पर अपने वर्तमान ज्ञान के अनुसार अपने विचार प्रकट करने होते हैं और अन्य प्रतिभागियों द्वारा प्रकट किये गए विचारों पर अपनी टिप्पणी भी देनी होती है। इस उन्मुक्त चर्चा से सम्बंधित विषय के बारे में आपका ज्ञान बढ़ेगा और चर्चा के अंत में यदि कोई कमी रह भी गई है तो संबंधित व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक उसकी पूर्ति प्रतिभागियों को उसके बचे पहलूओं पर चर्चा के लिए उत्प्रेरित करके और उनसे चर्चा कराकर करवा देगा। इसलिए आप को किसी तैयारी की जरुरत नहीं है।
प्रश्न संख्या 14: इस कोर्स में प्रतिभागिता करने से मुख्यतः क्या लाभ होतें हैं?
उत्तर: इस कोर्स से प्राप्त होने वाले मुख्य लाभ अपने व्यक्तित्व की अच्छी समझ, बेहतर आत्म-अनुशासन, सम्यक समय प्रबंधन, अपने परिवार के सदस्यों, सगे-सम्बन्धियों, मित्रों एवं अन्य लोगों के साथ बेहतर सम्बन्ध, बेहतर शैक्षणिक परिणाम, भविष्य में अपने जीवन का बेहतर प्रबंधन, अपनी नौकरी/पेशे में सफलता, प्रसन्नता और सामाजिक प्रतिष्ठा में बृद्धि शामिल हैं। यह पाठ्यक्रम प्रतिभागी के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लायेगा और और वह अपने जीवन की सारी चुनौतियों का सामना शांतिपूर्ण तरीके एवं प्रसन्नतापूर्वक करते हुए अपने कार्य में सफल होता है।
प्रश्न संख्या 15: मैं ‘प्रयास फाउंडेशन कोर्स’ में कैसे प्रवेश ले सकता हूँ?
उत्तर: यदि आप इस कोर्स में प्रवेश लेना चाहते हैं तो इसका पंजीकरण फॉर्म डाउनलोड करके और उसे ठीक से भरकर ‘प्रयास’ को पोस्ट कर दे। आप को अनंतिम प्रवेश देकर आप को सूचित कर दिया जाएगा। जब अनंतिम रूप से पंजीकृत प्रतिभागियों की सख्या 15 के उपर हो जायेगी तो इस बैच को एक ‘व्यक्तित्व विकास मार्गदर्शक’ आवंटित कर दिया जायेगा जो आप से संपर्क करके इसका शुल्क डिजिटल माध्यम से सीधे ‘प्रयास’ को जमा करा देगा और ‘प्रयास’ आप को अंतिम अनुक्रमांक आवंटित करेगा। सारी तैयारी हो जाने के बाद वह आप को कोर्स के आरम्भ होने की सूचना पूरी समय-तालिका के साथ देगा। आप इसके अनुसार इस कोर्स में भाग ले सकतें हैं। कृपया ध्यान दे कि सम्बंधित मार्गदर्शक इसे अपने स्वतंत्र व्यवसाय की तरह ‘प्रयास’ के तकनीकी मार्गदर्शन में चलाएगा और वह आप के प्रति जबाबदेह होगा।
प्रश्न संख्या 16: क्या मैं ‘प्रयास के कार्यालय में आकर मिल सकता हूँ?
उत्तर: वर्तमान में हमारे दो कार्यालय हैं। पंजीकृत कार्यालय एच -19, चतुर्थ चरण, राप्ती नगर (लीटिल फ्लावर स्कूल के पास) राप्तीनगर गोरखपुर 273013 (संपर्क 7080210612 तथा 7080210614) में और मुख्यालय 513 फेलिक्स स्क्वायर सुशांत गोल्फ सिटी लखनऊ 226030 (संपर्क 8127569995 तथा 7080210615) में है। आप उक्त मोबाइल नंबर पर बात करके अपने मिलने का समय निर्धारित कराकर मिल सकते हैं और अपनी सभी शंकाओं का समाधान कर सकतें हैं।